अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन को सैकड़ों UFO की रिपोर्ट मिलीं, क्या एलियन मिलने का वक्त आ गया?
धरती पर विदेशी जीवन की खोज के लिए कई प्रयोग किए जा रहे हैं, जिसमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और नासा भी शामिल हैं। वहीं, अब क्वांटम फिजिक्स के जरिए भी अंतरिक्ष में सिग्नल भेजे जा रहे हैं, ताकि विदेशी जीवन से संपर्क हो सके।
Pentagon Alien: अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है, कि उसकी एजेसी ने पिछले कुछ महीनों में अज्ञात उड़नतस्तरियों को लेकर सैकड़ों रिपोर्ट को हासिल किया है। पेंटागन ने कहा है, कि उड़नतस्तरी यानि यूएफओ, जिनके बारे में माना जाता है, कि वो एलियंस के विमान हो सकते हैं, उन्हें लेकर सैकड़ों रिपोर्ट मिली हैं, जिनकी जांच की जा रही है। पेंटागन की ये रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली है, क्योंकि एलियंस जीवन की खोज के लिए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय इसी साल से नासा की मदद भी ले रहा है और नासा और पेंटागन के अधिकारियों को मिलाकर एक टीम बनाई गई है, जो यूएफओ और एलियंस को लेकर जो रिपोर्ट आए हैं, उनकी जांच करेगी।
पेंटागन का यूएफओ अलर्ट
पेंटागन ने कहा कि, उसने यूएफओ को ट्रैक करने के लिए एक नई एजेंसी का गठन किया था और उस एजेंसी ने सैकड़ों की तादाद में यूएफओ को लेकर रिपोर्ट सौंपी है। हालांकि, पेंटागन ने ये भी कहा है, कि अभी तक एलियंस होने के सबूत नहीं मिले हैं। पेंटागन ने ऑल-डोमेन अनोमली रेजोल्यूशन ऑफिस (AARO) को जुलाई में स्थापित किया था और यह न केवल आकाश में अज्ञात वस्तुओं को ट्रैक करने के लिए काम करता है, बल्कि पानी के नीचे या अंतरिक्ष में भी यूएफओ और संभावित विदेशी जीवन की निगरानी करता है और उन्हें ट्रैक करने की कोशिश करता है। पेंटागन ने AARO की स्थापना उस वक्त की थी, जब अमेरिकन नेवी ने एक के बाद एक लगातार यूएफओ को देखे जाने घटनाओं की रिपोर्ट भेजनी शुरू कर दी।
क्या धरती पर आ रहे यूएफओ?
अमेरिकी नेवी के सैन्य पायलटों ने आकाश में कई अजीबोगरीब घटनाओं और विमानों को देखा। हालांकि, बहुत बार पायलटों ने उसकी रिपोर्ट इसलिए नहीं कि, कि उन्हें लगा कि, उनकी बातों पर कोई यकीन नहीं करेगा। जून 2021 में अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के कार्यालय ने बताया था कि, साल 2004 से 2021 के बीच यूएफओ के साथ 144 ऐसे एनकाउंटर हुए, जिनमें से 80 को कई सेंसरों पर कैप्चर किया गया। अनोमली ऑफिस के डायरेक्टर सीन किर्कपैट्रिक ने कहा कि, "जून 2021 के बाद से हमारे पास यूएफओ जैसी चीज देखे जाने की काफी रिपोर्ट्स मिली हैं, जिनकी हम जांच कर रहे हैं।"
क्वांटम टेक्नोलॉजी से एलियंस की खोज
नासा के अलावा हावर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक भी एलियंस की खोज कर रहे हैं। पिछले दिनों एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गणितीय गणनाओं का उपयोग यह दिखाने के लिए किया है, कि क्वांटम कम्युनिकेशन का उपयोग करके इंटरस्टेलर स्पेस में सिग्नल भेजना सैद्धांतिक रूप से संभव है और इसके जरिए एलियंस से संपर्क साधना संभव है। इसी साल शोध करने वाले वैज्ञानिकों की टीम ने कहा है कि, सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि इसी तरह के कम्युनिकेशन चैनल का इस्तेमाल एलियंस भी इंसानों से संपर्क स्थापित करने के लिए कर रहे हैं। टीम ने दावा किया है, कि इस तरीके से अलौकिक प्राणियों से संपर्क साधना संभव है।
क्या जल्द होने वाली है एलियंस से संपर्क?
क्वांटम कम्युनिकेशन डेटा की सुरक्षा के लिए क्वांटम भौतिकी के नियमों का लाभ उठाता है। क्वांटम लॉ प्रकाश के कणों को एक साथ कई जगहों पर भेजने की इजाजत देता है और ये डेटा काफी ज्यादा सीक्रेट होता है और अगर किसी भी टेक्नोलॉजी के जरिए उस संदेश को खोलने की कोशिश की जाएगी, तो वो संदेश ढह जाएगा और किसी के लिए भी इसे हैक करना संभव नहीं होगा। फिलहाल, इस टेक्नोलॉजी का परीक्षण अमेरिका और चीन के साथ भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने भी कर लिया है और चीन और अमेरिका की कोशिश क्वांटम टेक्नोलॉजी से लैस सैटेलाइट लांच करने की है और भारत भी इसी दिशा में काम कर रहा है।
वैज्ञानिकों का रिसर्च क्या कहता है?
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम यह पता लगाना चाहती है, कि क्या इंटरस्टेलर स्पेस में इसी तरह के कम्युनिकेशन संभव हो सकते हैं। उन्होंने इंटरस्टेलर माध्यम में एक्स-रे की गति का अध्ययन करने के लिए गणित का उपयोग किया है। शोधकर्ता बताते हैं, कि चूंकि अंतरिक्ष खाली है, लिहाजा एक्स-रे फोटॉन बिना किसी हस्तक्षेप के सैकड़ों हजारों प्रकाश वर्ष की यात्रा कर सकते हैं। वहीं, इसी साल फ्रांस में सर्न के वैज्ञानिकों ने लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर मशीन को चार सालों के बाद चलाया था, जिससे जरिए गॉड पार्टिकिल की खोज की गई थी। ये दुनिया का सबसे शक्तिशाली मशीन माना जाता है और इस मशीन को चलाकर प्रोटोन के बीच टक्कर करवाई गई। अब वैज्ञानिक इस मशीन के जरिए भी एलियंस की तलाश करने का मिशन लॉन्च करने वाले हैं।