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दुबई के अद्भुत जुमेरैह द्वीप के 20 साल पूरे, ताड़ के पेड़ का है आकार, मंत्रमुग्ध करने वाली तस्वीरें और कहानी

पेशे से एक सिविल इंजीनियर, मंसूर अली 1998 में एक कंसल्टेंसी फर्म के साथ काम करने के लिए कनाडा से दुबई आये थे और जून 2001 में पाम परियोजना शुरू होते ही उन्होंने देखा और वो इस परियोजना में काम करने के लिए व्याकुल हो गये।

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दुबई, जून 28: एक बिल्डिंग के 50वीं फ्लोर पर खड़े होकर नीचे देखते हुए अली मंसूर कहते हैं, इस बीच का निर्माण करना एक चुनौती से कम नहीं था और इसका दीदार करना जीवन का लाइफ टाइम एक्सप्रिएंस हैं। ताड़ के पेड़ के आकार में बने पाम जुमेरैह द्वीप आज दुबई की पहचान है और आज ये 20 साल का हो चुका है। पाम जुमेरैह द्वीप के निर्माण में काम करने वाले इंजीनियरन अली मंसूर कहते हैं कि 'अपने आप में ये पहला और एक अभूतपूर्व प्रोजेक्ट था'। ताड़ के पेड़ के आकार के इस द्वीपसमूह में लक्जरी होटल, प्राचीन समुद्र तट और करीब 80 हजार लोगों के एक साथ रहने की व्यवस्था है। आईये जानते हैं पाम जुमेरैह बीच क्यों एक अभूतपूर्व और अद्भुत टूरिस्ट डेस्टिनेशन है।

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पाम जुमेरैह द्वीप के बनने की कहानी

पाम जुमेरैह द्वीप के बनने की कहानी

पेशे से एक सिविल इंजीनियर, मंसूर अली 1998 में एक कंसल्टेंसी फर्म के साथ काम करने के लिए कनाडा से दुबई आये थे और जून 2001 में पाम परियोजना शुरू होते ही उन्होंने देखा और वो इस परियोजना में काम करने के लिए व्याकुल हो गये। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, मंसूर इस प्रोजेक्ट को लेकर काफी ज्यादा उत्साहित हो गये थे, क्योंकि इसकी पहली सैटेलाइट तस्वीर 2002 में प्रकाशित हुई थी। उन्होंने सीएनएन से बात करते हुए कहा कि ''मैं बहुत उत्सुक हो गया जब इसकी पहली उपग्रह तस्वीरें 2002 में प्रकाशित हुईं, जिसमें समुद्र की सतह से ऊपर उभरती हुई जमीन का एक छोटा टुकड़ा दिखाया गया था," वे कहते हैं। "फिर मैंने फैसला किया कि मैं इस परियोजना में काम करने वाली कंपनी में शामिल होने के लिए कुछ भी करूंगा"। एक साल के बाद मंसूर ने पाम डेवलपर कंपनी नखील में काम करना शुरू कर दिया और आज वो नखील मरीन इंजीनियरिंग के एडवाइजर और डायरेक्टर हैं।

कैसे बना पाम जुमेरैह द्वीप

कैसे बना पाम जुमेरैह द्वीप

आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि इस द्वीप का आधार बनाने के लिए स्टील या कंक्रीट का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया है। बल्कि, इंजीनियरों की टीम ने इस द्वीप का आधार रेत और चट्टानों के साथ बनाया है। दुबई खुद रेत पर बसा हुआ शहर है और हर तरफ सिर्फ रेत ही रेत है, बावजूद इसके इंजीनियरों ने रेत को कहीं और से मंगाना तय किया। मंसूर बताते हैं कि 'आप दुबई की रेत पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। यहां की रेत पानी में घुल जाती है'। जिसके बाद फारस की खाड़ी से रेत निकालने का फैसला किया गया और फिर 120 मिलियन क्यूबिक मीटर रेत को पारस की खाड़ी से बाहर निकाला गया। पारस की खाड़ी से रेत निकालने के बाद संयुक्त अरब अमीरात के उत्तरी हजार पहाड़ों से 70 लाख टन से ज्यादा पहाड़ का खनन किया गया था।

द्वीप बनाने के लिए असाधारण प्रयोग

द्वीप बनाने के लिए असाधारण प्रयोग

मंसूर बताते हैं कि इस द्वीप का निर्माण करने के लिए पत्थरों को मिलाकर एक अर्द्धचंद्राकार 11 किलोमीटर लंबा ब्रेकवाटर तैयार किया गया, ताकि ये समुद्र की लहरों और तेज हवा को बर्दाश्त कर सके। वहीं, नखील ने कहा कि 'इस आइलैंड को बनाने के लिए जितनी रेत और पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, उतने रेत और पत्थर से पूरे ग्लोब को 2 मीटर ऊंची दीवार से तीन बार घेरा जा सकता है।' ये कृत्रिम द्वीप 560 हेक्टेयर यानि करीब 1380 एकड़ में फैला हुआ है और आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए देखा जाता था कि इसका निर्माण सही हो रहा है या नहीं। मंसूर ने सीएनएन को कहा कि हमने इस द्वीप के लिए सैटेलाइट गाइड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है, ताकि इस द्वीप के आगे वाले हिस्से का निर्माण सही से किया जा सके।

गोताखोर करते थे निगरानी

गोताखोर करते थे निगरानी

मंसूर ने कबा कि समुद्र के अंदर एक ब्रेकवाटर तैयार किया गया था, ताकि समुद्री लहरों को नियंत्रित किया जा सके और तेज हवा द्वीप को नुकसान नहीं पहुंचा सके। लेकिन, ब्रेकवाटर का निरिक्षण करने के लिए उन्होंन लगातार 10 हफ्ते तक समुद्र के अंदर बिताए थे। मंसूर ने कहा कि हम अलग अलग लेवल में एक साथ समानांतर गोता लगा रहे थे ताकि पता चल सके कि ब्रेकवाटर पूरी तरह सही है या फिर उसमें कोई दिक्कत है। मंसूर अली ने कहा कि उनके पास मॉडर्न टेक्नोलॉजी भी था, लेकिन इस टेक्नोलॉजी को छोड़कर वो पारंपरिक तरीकों पर भरोसा करना चाहते थे।

'हमने नई ऊंचाईयों को छुआ'

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मानव निर्मित पाम द्वीप को बने हुए 20 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है और पूरी दुनिया के पर्यटकों के लिए ये एक आश्चर्यजनक जगह है। इसकी विशाल संरचना को देखने के लिए पर्यटकों को हेलिकॉप्टर का सहारा लेना पड़ता है या फिर लोग विशालकाय संरचना को देखने के लिए प्लेन जंपिंग भी करते हैं। हालांकि, अब पाम द्वीप का निर्माण करने वाली कंपनी नखील ने 52 मंजिला इमारत भी बनाई है, जिसपर चढ़कर लोग पाम द्वीप का दीदार करते हैं। इसे इसी साल अप्रैल में खोला गया है और लोगों ने इसे व्यू एट पाम कहना शुरू कर दिया है।

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English summary
It's been 20 years since Dubai's Palm Jumeirah Island was built in the shape of a palm tree. Let's know the surprising story behind the construction of Jumeirah Island.
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