पाकिस्तान को ताक़तवर बनाने वाली 11 मिसाइलें
पढ़िए, पाकिस्तान के पास कौन-कौन सी मिसाइलें हैं और उनकी मारक क्षमता कितनी है.
पाकिस्तान में मिसाइल कार्यक्रम की शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी. भारत के मिसाइल कार्यक्रम के मुक़ाबले पाकिस्तान ने कई मिसाइल बनाई हैं.
कई बार जब दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा तो पाकिस्तान ने कई मिसाइलों का परीक्षण किया. इसके लिए उत्तर कोरिया, ईरान और चीन की भी मदद ली.
पढ़िए पाकिस्तान के पास कौन-कौन सी मिसाइलें हैं और वो कितनी ताक़तवर है.
हत्फ 1
पाकिस्तान की पहली मिसाइल थी हत्फ 1. यह एक कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 70 से 100 किलोमीटर है और यह अपने साथ 500 किलोग्राम तक का विस्फोटक ले जा सकती है.
पाकिस्तान ने इसे बनाने की घोषणा 1989 में की थी. सफल परीक्षण के बाद 1992 में इसे पाक सेना में शामिल किया गया था. इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना आसान है.
हत्फ 2
इसे अब्दाली के नाम से भी जानते हैं. इसकी मारक क्षमता 180 से 200 किलोमीटर है. यह अपने साथ 250 से 450 किलो तक विस्फोटक ले जा सकती है.
इसे पाकिस्तानी सेना में 2005 में शामिल किया गया था. इसकी लंबाई 6.5 मीटर और व्यास 0.56 मीटर है. 2013 में दावा किया गया था कि यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है.
हत्फ 3
इसे ग़ज़नवी के नाम से भी जानते हैं. यह भी कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर तक है. यह अपने साथ 700 किलो तक विस्फोटक ला सकती है.
इसके बनाने की शुरुआत 1987 में हुई थी. परीक्षण के बाद 2004 में इसे सेना में शामिल किया गया था. यह 8.5 मीटर लंबी है और इसका व्यास 0.8 मीटर है. दावे के अनुसार यह परमाणु और परंपरागत हथियार ले जाने में सक्षम है.
हत्फ 4
इसे शाहीन भी कहते हैं. कम दूरी की यह बैलिस्टिक मिसाइल 750 किलोमीटर तक लक्ष्य को निशाना बना सकती है. यह एक हजार किलो तक विस्फोटक अपने साथ ले जाने में सक्षम है.
इसका निर्माण 1993 में शुरू हुआ और 1997 में परीक्षण किया गया. इसके बाद पहली बार इसका सार्वजनिक प्रदर्शन 1999 में किया गया था. 2003 में इसे सेना का हिस्सा बनाया गया. यह 12 मीटर लंबी है और इसका व्यास एक मीटर है.
हत्फ 5
इसे गौरी भी कहते हैं. यह मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 1250 से 1500 किलोमीटर है. यह अपने साथ 700 किलो तक विस्फोटक ले जा सकती है.
इसे पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और ईरान ने मिलकर 1980 से बनाना शुरु किया था. 1998 में इसका पहला परीक्षण किया गया और 2003 में इसे सेना में शामिल किया गया था.
इसकी लंबाई 15.9 मीटर है और व्यास 1.35 मीटर है. मई 2004 में परीक्षण के बाद यह दावा किया गया कि यह परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता रखती है.
हत्फ 6
इसे शाहीन 2 भी कहते हैं. यह भी मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 1500 से 2000 किलोमीटर है. यह अपने साथ 700 किलो विस्फोटक ले जा सकती है. हालांकि दावा यह भी है कि इसकी क्षमता 1230 किलो तक विकसित कर ली गई है.
इसकी लंबाई 17.2 मीटर है और व्यास 1.4 मीटर है. इसका पहला प्रदर्शन मार्च 2000 में किया गया था. पहली दफा मार्च 2004 में इसका परीक्षण किया गया था. 2014 के अंत में इसे सेना में शामिल किया गया था. पाकिस्तान का दावा है कि इसका निशाना सौ फीसदी सटीक होता है.
हत्फ 7
इसे बाबर क्रूज मिसाइल के नाम से भी जानते हैं. यह पारंपरिक या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. यह 350 से 700 किलोमीटर तक मार कर सकती है. इस सबसोनिक क्रूज मिसाइल को ज़मीन से लॉन्च किया जा सकता है.
भारत के क्रूज मिसाइल कार्यक्रमों के जवाब में 1990 में इस पर काम शुरू किया गया था. 450 किलो तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम इस मिसाइल को 2010 में सेना का हिस्सा बनाया गया था. यह 6.2 मीटर लंबी है और इसका व्यास 0.52 मीटर है.
हत्फ 8
इसे राद क्रूज मिसाइल भी कहते हैं. यह 350 किलोमीटर से अधिक मार करने वाली यह मिसाइल लड़ाकू क्षमता की है और कम ऊंचाई पर अधिक कुशलता से मार करने में सक्षम है.
यह भी पारंपरिक और परमाणु हथियारों को अपने साथ ले जा सकती है. इसकी लंबाई 4.85 मीटर और व्यास 0.5 मीटर है.
हत्फ 9
इसे नस्र भी कहते हैं. ज़मीन से ज़मीन पर मार करने में सक्षम यह मिसाइल परमाणु हथियार भी साथ ले जा सकती है. इसकी मारक क्षमता 60 किलोमीटर है. पहली बार इसका सफल परीक्षण अप्रैल 2011 में किया गया था. दावा है कि यह एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी मात देने में सक्षम है.
शाहीन 3
यह मध्यम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 2750 किलोमटीर है. यह परमाणु और पारंपरिक हथियार अपने साथ ले जा सकती है.
इसकी लंबाई 19.3 मीटर है और व्यास 1.4 मीटर है. इसे सेना की परेड में पहली बार मार्च 2016 में प्रदर्शित किया गया था. 2015 में इसके सफल परीक्षण का दावा किया गया था.
अबाबील
यह ज़मीन से ज़मीन पर 2200 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. जनवरी 2017 में इसका पहला सफल परीक्षण किया गया था.
पाक सेना की ओर से दावा किया गया था कि यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. साथ ही यह भी दावा किया गया था कि यह एक साथ कई लक्ष्य भेद सकती है. यह ठोस ईंधन वाली मिसाइल है और इसका व्यास 1.7 मीटर का है.