आतंकियों को गोला बारूद और आर्थिक मदद देता है पाकिस्तान, मुस्लिम देश ने ही खोली पाकिस्तान की पोल
अफगानिस्तान के पहले उप-राष्ट्रपति अमरूल्लाह सालेह ने कहा है कि पाकिस्तान ही तालिबान की मदद करता है उन्हें गोला बारूद देता है।
काबुल: हालांकि ये तो पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ही आतंकियों को असली पनाहगार देश है और दुनिया के खतरनाक आतंकियों को पालने का काम पाकिस्तान करता है लेकिन इस बार एक मुस्लिम देश के बड़े नेता ने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई और उसे आतंकियों का सबसे बड़ा दोस्त कहा है। अफगानिस्तान के पहले उप-राष्ट्रपति अमरूल्लाह सालेह ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तान आतंकियों की फैक्ट्री चलाता है, आतंकी कैम्पों का निर्माण करता है, आतंकियों को हथिरा और गोला बारूद मुहैया कराता है।
आतंकियों का दोस्त पाकिस्तान
अफगानिस्तान के पहले उप-राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है और उसे आतंकियों का सबसे बड़ा हमदर्द देश करार दिया है। अफगानिस्तान के पहले उप-राष्ट्रपति अमरूल्लाह सालेह ने कहा है कि पाकिस्तान की वजह से ही अफगानिस्तान में शांति की स्थापना नहीं हो पाती है और तालिबान को खड़ा करने से लेकर उसे पालने पोषणे में सबसे बड़ा हाथ पाकिस्तान का है। पाकिस्तान ही तालिबान का बम बारूद और हथियार मुहैया करता है ताकि वो अफगानिस्तान में धमाके कर सके और अफगानिस्तान की शांति को बर्बाद कर सके। अफगानिस्तानी अखबार अफगानिस्तान टाइम्स के मुताबिक 'क्वेटा शुर' कुछ और नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना द्वारा स्थापित एक काउंसिल था जो तालिबान को मदद मुहैया कराता था।
पाकिस्तान पर जमकर बरसे
अफगानिस्तान के पहले उप-राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान की अशांति के लिए पाकिस्तान को सबसे बड़ा जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि 'तालिबान और पाकिस्तान कहते हैं कि वो अफगानिस्तान में होने वाली हत्याओं के पीछे नहीं हैं, जबकि ये दावा गलत है'। उन्होंने कहा कि तालिबान ने लोगों से चंदा लेकर उससे अफगानिस्तान के लोगों की ही हत्या की है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों को आगे बढ़ाने में सरकारी एजेंसियों का बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने कहा कि अब जबकि साबित हो चुका है कि तालिबान को गोला बारूद और हथियार मुहैया कराए जाते हैं, उसवक्त तालिबान से किसी तरब की बातचीत नहीं करनी चाहिए और ना ही तालिबान का आतंकी संगठन होने का स्टेटस बदलना चाहिए।
अफगानिस्तान में शांति की कोशिश
अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह का बयान उस वक्त आया है जब अफगानिस्तान में शांति बहाल करने की कोशिश एक बार फिर से शुरू की गई है और उसकी शांति के लिए कई देशों को मिलाकर एक संगठन बनाया गया है। अफगानिस्तान टाइम्स के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति जो बाइडेन के सामने एक शांति प्रस्ताव भी भेजा है। वहीं, पाकिस्तान ने शांति समझौता पर बात करते हुए तालिबान को उसमें शामिल करने की वकालत की थी। दरअसल, पाकिस्तान पर लंबे वक्त से तालिबान का साथ देने के आरोप लगते रहे हैं। तालिबान को लगातार आर्थिक मदद के साथ साथ बम बारूद पाकिस्तान ही मुहैया कराता रहा है। वहीं, तालिबान के भागे हुए आतंकी पाकिस्तान में ही जाकर छिपते हैं। अलकायदा का आतंकी ओसामा बिन लादेन भी भागकर पाकिस्तान में रहता था। पिछले साल दिसंबर में कई ऐसे वीडियो सामने आये थे जिसमें तालिबानी आतंकी मुल्ला उमर पाकिस्तान में देखा गया था। वहां वह तालिबान के आतंकियों से मुलाकात करते हुए देखा गया था।
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