पाकिस्तान के मुंह में शांति, आस्तीन में आतंकवादी: अब कश्मीर मुद्दे पर भारत के सामने रखी ये मांग
पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर भारत को शांति का न्योता देते हुए अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक जनमत संग्रह कराने की मांग की है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने एक बार फिर से भारत के सामने शांति का राग अलापा है। पाकिस्तान ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के सामने सिर्फ कश्मीर मसला है और पाकिस्तान भारत से कश्मीर मुद्दे पर बात करना चाहता है लेकिन पाकिस्तान ने एक बार फिर से आतंकवाद पर चुप्पी साध ली है। सीमा पार से भारत में आतंकवादियों के घुसपैठ पर पाकिस्तान की खामोशी बताती है कि पाकिस्तान सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने अपनी इमेज बनाने के लिए भारत के सामने शांति का राग अलाप रहा है जबकि उसका काम अभी भी भारत में आतंकवादियों को भेजना ही है।
'कश्मीर पर जनमत संग्रह की मांग'
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि वो कश्मीर मुद्दे पर भारत से बातचीत करना चाहता है और भारत को कदम बढ़ाते हुए पाकिस्तान से बातचीत और समझौते की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने रविवार को अपने बयान में कहा है कि 'भारत और पाकिस्तान के बीच सिर्फ कश्मीर ही विवादित मुद्दा है और कश्मीर मसले का समाधान सिर्फ बातचीत के जरिए हो सकता है। पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर भारत से बातचीत करने से कभी हिचकिचाया नहीं है। पाकिस्तान चाहता है कि कश्मीर मुद्दे का समाधाना शांति पूर्वक अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के मुताबिक हो'। इसके साथ ही पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'बातचीत का सिद्धांत ये है कि अगर कोई देश बातचीत बीच में छोड़ दे तो बीतचीत के टेबल पर उसका स्थान कमजोर पड़ जाता है'
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि 'पाकिस्तान भारत के सामने मजबूती से अपनी बात रखना चाहता है और मानता है कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की स्थिति मजबूत है और कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का रवैया जरा भी नहीं बदला है। कश्मीर एक विवादित अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है और पाकिस्तान मानता है कि कश्मीर मुद्दे का समाधान UNSC और अंतर्राष्ट्रीय नियमों के आधार जनमत संग्रह के द्वारा हो'
बार-बार बातचीत का न्योता
पिछले एक महीने में पाकिस्तान लगातार भारत के सामने शांति का प्रस्ताव रख रहा है। पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ और फिर पाकिस्तान के प्रधानमत्री इमरान खान भी भारत के सामने बातचीत का न्योता रख चुके हैं। श्रीलंका दौरे पर गये पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बयान देते हुए कहा था कि 'प्रधानमंत्री बनने के बाद ही मैंने भारत के सामने शांति प्रयासों का रखा था। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मैंने एशिया में शांति स्थापित करने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत करने का न्योता दिया था लेकिन मैं नाकाम रहा'। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि 'शांति प्रयासों में मैं नाकाम रहा लेकिन मैं भविष्य को लेकर आशान्वित हूं कि दोनों देशों के बीच शांति की स्थापना होगी'। उधर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि Loc पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता पाकिस्तान की लगातार कोशिशों का नतीजा है।
पाकिस्तान का डबल स्टैंडर्ड
पाकिस्तान बार बार भारत के सामने शांति का प्रस्ताव रख रहा है और यूनाइटेड नेशंस के मुताबिक कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की मांग कर रहा है लेकिन पाकिस्तान भूल जाता है कि जनमत संग्रह कराने से पहले उसे Pok खाली करना पड़ेगा। Pok से पाकिस्तानी नियंत्रण खत्म होने के बाद भी जनमत संग्रह पर पाकिस्तान का दावा मजबूत हो सकेगा। वहीं, पाकिस्तान अभी भी आतंकवादियों को पाल रहा है। हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम, सलाउद्दीन जैसे सैकड़ों आतंकवादी अभी भी पाकिस्तान जमीन पर फलफूल रहे हैं और पाकिस्तान ये भी भूल जाता है कि आतंकवादियों की वजह से ही वो FATF की ग्रे-लिस्ट से बाहर नहीं आ पाता है। पाकिस्तान से ज्यादा भारत शांति का हिमायती है लेकिन पाकिस्तान भूल जाता है कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का दावा ही गलत है और प्रधानमंत्री इमरान खान को चाहिए कि कश्मीर से ध्यान हटाकर पाकिस्तान के विकास पर ध्यान लगाए।
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