पाकिस्तान में ईसाई व्यक्ति को मौत की सज़ा, इस्लाम के अपमान का आरोप
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक अदालत ने मंगलवार को एक ईसाई व्यक्ति को ईशनिंदा कानून के तहत मौत की सजा सुनाई है। पाकिस्तान में इस कानून के गलत इस्तेमाल को लेकर आरोप लगते रहे हैं। कहा जाता है कि इस कानून का इस्तेमाल दूसरे धर्म के लोगों को परेशान करने के लिए किया जाता है।
लाहौर की एक सेशन कोर्ट ने सुनवाई के बाद आसिफ परवेज मसीह को मौत की सजा सुनाई। मसीह को 2013 में ईशनिंदा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था।
कोर्ट के अधिकारी ने बताया कि लाहौर की सेशन कोर्ट ने क्रिश्चियन कॉलोनी, योहानाबाद के निवासी परवेज मसीह को मौत की सजा सुनाई। इसके साथ ही मसीह को 3 साल की अतिरिक्त सजा और 50000 का जुर्माना भी लगाया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मंसूर अहमद कुरैशी ने सबूतों और गवाहों के बयान के बाद परवेज को ईशनिंदा का दोषी पाया था।
विवादित है ये कानून
पाकिस्तान का ईशनिंदा कानून काफी विवादित माना जाता रहा है। ईशनिंदा के आरोप में पाकिस्तान में सैंकड़ो ईसाई और मुस्लिम लोग जेल में हैं। हाल ही सबसे चर्चित मामला आसिया बीबी का था जिन्हें 2010 में इस्लाम का अपमान करने का दोषी पाया गया था। उन पर पड़ोसियों ने आरोप लगाया था। आसिया बीबी ने आठ साल एकांतवास में बिताए। 2018 में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान में कट्टरपंथी समूहों ने जमकर हंगामा किया। बाद में आसिया बीबी को रिहा कर दिया गया और उन्हें विदेश भेज दिया गया। अभी वह कनाडा में रह रही हैं।
गवर्नर की हो चुकी है हत्या
पाकिस्तान में कई हस्तियां इस कानून का विरोध कर चुकी हैं। कई को इसके विरोध के लिए जान गंवानी पड़ी थी। इसमें सबसे चर्चित नाम पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर का था। तासीर पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून के बड़े आलोचक थे। उन्होंने आसिया बीबी की रिहाई का समर्थन किया था जिसके चलते उनके ही बॉडीगार्ड मुमताज कादरी ने उनकी हत्या कर दी थी। इस हत्या ने पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के विरोधियों में डर पैदा कर दिया था।
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