पाकिस्तान ने ब्रिटेन में पहुंचाई पोलियो महामारी? 40 साल बाद लंदन में मिले वायरस से मचा हड़कंप
डॉ. बेग ने कहा कि, दुनिया के करीब 200 देश पहले ही पोलियो वायरस को पूरी तरह से खत्म कर चुके हैं, लेकिन दुर्भाग्य से पाकिस्तान ने ये लक्ष्य हासिल नहीं किया है।
लंदन, जून 25: दुनिया के ज्यादातर देश पोलियो के खिलाफ जंग जीत चुके हैं और विशालकाय आबादी होने के बाद भी भारत पोलियो मुक्त हो चुका है, लेकिन पाकिस्तान में अभी भी पोलियो से लोग ग्रस्त होते हैं और इसकी वजह से लोगों का वैक्सीन से परहेज। वहीं, अब लंदन में चार दशकों में पहली बार सीवेज के नमूनों में पोलियो वायरस का पता चलने के बाद पाकिस्तान का टीकाकरण कार्यक्रम संदेह के घेरे में आ गया है।
लंदन में मिला पोलियो वायरस
यूनाइटेड किंगडम को संदेह है, कि लंदन में जो पोलियो का वायरस मिला है, वो किसी देश से पहुंचाया गया है। यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने नोट किया है कि गुरुवार को पता चला वायरस शायद किसी देश से आयात किया गया था और माता-पिता से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उनके बच्चों को अपंग बनाने वाले इस वायरस के खिलाफ पूरी तरह से वैक्सीनेशन हुआ है या नहीं। वहीं, यूनाइटेड किंगडम को शक है, कि लंदन में जो वायरस मिला है, वो पाकिस्तान से आया है। जिसको लेकर इस्लामाबाद में स्वास्थ्य अधिकारियों का दावा है, कि यूके में पाया जाने वाला "वैक्सीन-डिराइव्ड वायरस" 22 देशों में मौजूद है और स्थानीय रूप से पाया जाने वाला वाइल्ड पोलियोवायरस (WPV) प्रकार का था।
लंदन में पाकिस्तानी वायरस
पाकिस्तान पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ शहजाद बेग ने गुरुवार को डॉन अखबार को बताया कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि वायरस पाकिस्तान से आया था, क्योंकि ब्रिटेन के अधिकारियों को जीनोम अनुक्रमण के परिणामों की घोषणा करना बाकी है। आपको बता दें कि, जीनोम सिक्वेंसिंग के आधार पर पता लगाया जाता है, कि वायरस का उत्पत्ति स्थान कौन सा है, क्योंकि अलग अलग क्षेत्रों में जन्मे वायरस के एक अलग राइबोन्यूक्लिक एसिड यानि आरएनए होता है। कई बार, पाकिस्तान में रिपोर्ट किए गए मामलों को जीनोम अनुक्रमण के दौरान पड़ोसी अफगानिस्तान से उत्पन्न होने की सूचना मिली थी। पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि, 'हम वायरस की जेनेटिक सैंपलिंग रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा, दुनिया में दो प्रकार के पोलियोवायरस हैं, डब्ल्यूपीवी जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मौजूद है, और दूसरा प्रकार वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियोवायरस होता है'।
पाकिस्तान कैसे झाड़ रहा है पल्ला?
पाकिस्तानी अधिकारी डॉ. शहजाद बेग ने कहा कि, 'लंदन में मिले नमूने वीडीपीवी टाइप के वायरस हैं, जो 22 देशों में मौजूद है, इसलिए जेनेटिक सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट मिलने से पहले इसे निर्यात करने के लिए पाकिस्तान को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि टीका-व्युत्पन्न किस्म का वायरस नाइजीरिया, मिस्र, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, यमन, सूडान, मध्य अफ्रीका और कई अन्य देशों से लंदन तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के एक विशेषज्ञ, जो रिकॉर्ड पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं थे, उन्होंने कहा कि डब्ल्यूपीवी तीन प्रकार के होते हैं। उन्होंने कहा कि, 'दशकों पहले, 'ट्रिवैलेंट' नाम के एक टीके का इस्तेमाल किया गया था, क्योंकि इसमें तीनों प्रकार शामिल थे। साल 2016 में टाइप-II के उन्मूलन के बाद, WPV के प्रकार I और III के साथ एक 'द्विसंयोजक' टीका पेश किया गया था।
क्यों रडार पर है पाकिस्तान?
पाकिस्तान के पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. नदीम जान ने कहा कि, पाकिस्तान के लिए ये काफी मुश्किल वक्त है और अगर इस बात की पुष्टि होती है, कि लंदन में मिला पोलियो का वायरस पाकिस्तान से पहुंचा है, तो पाकिस्तान के लिए ये एक शर्मनाक स्थिति होती है। उन्होंने कहा कि, 'पाकिस्तान पहले से ही एक ट्रैवल एडवाइजरी के तहत रहा है, जिसके कारण प्रत्येक व्यक्ति को विदेश यात्रा करने से पहले टीका लगवाना और टीकाकरण प्रमाण पत्र ले जाना होता है। हम यह भी दावा करते हैं, कि हमने 90 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। लेकिन, अगर लंदन में मिले वायरस का पाकिस्तान कनेक्शन मिलता है, तो दुनिया के पास हमारे दावों पर शक करने के लिए पर्याप्त वजह होगी'। डॉ बेग ने एक सवाल का जवाब देते हुए दावा किया कि, उत्तरी वजीरिस्तान को छोड़कर पाकिस्तान में पोलियो वायरस आम तौर पर नियंत्रण में है, क्योंकि उस क्षेत्र में लोग टीका नहीं लेते हैं और पोलियो का टीका पहुंचाने वाले टीमों के साथ खराब व्यवहार करते हैं।
पाकिस्तान में क्यों नहीं हुआ उन्मूलन?
डॉ. बेग ने कहा कि, दुनिया के करीब 200 देश पहले ही पोलियो वायरस को पूरी तरह से खत्म कर चुके हैं, लेकिन दुर्भाग्य से पाकिस्तान ने ये लक्ष्य हासिल नहीं किया है। उत्तरी वजीरिस्तान पोलियो वायरस के लिए सुरक्षित ठिकाना बन गया है। अगर हम इस जगह पर पोलियो वायरस पर जीत हासिल करते हैं, तो फिर हम पूरे पाकिस्तान से पोलियो का उन्मूलन कर सकते हैं'। आपको बता दें कि, पाकिस्तान एक कट्टरपंथियों का देश है, जहां पोलियो को भी मजहब के खिलाफ बता दिया जाता है। वहीं, साल 2020 में नाइजीरिया के पोलियो वायरस से मुक्त होने के बाद अब दुनिया में सिर्फ पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही दो ऐसे देश बचे हैं, जहां पोलिया स्थानीय वायरस के तौर पर मौजूद है। पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में पोलियो कार्यकर्ताओं पर हमलों की बढ़ती संख्या के बाद पाकिस्तान सरकार को अतीत में पोलियो विरोधी अभियान को बार बार स्थगित करना पड़ा है। वहीं, इस बात की भी जांच की जा रही है, कि लंदन में मिला पोलिया का वायरस पाकिस्तान से कैसे पहुंचा है, क्या ये किसी साजिश के तहत लंदन पहुंचाया गया है? (सभी तस्वीर प्रतीकात्मक)
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