चुनाव से पहले पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल ने रची थी शेख हसीना की हत्या की साजिश, नाकाम कोशिश हुई बेनकाब
ढाका। बांग्लादेश में पिछले साल दिसंबर में चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनके परिवार के सदस्यों और सत्ताधारी अवामी लीग पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की हत्या करने की पाकिस्तान ने साजिश रची थी, जो नाकाम हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश सरकार ने सहयोगियों देशों के समर्थन से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की इस कोशिश की नाकाम किया है, जिसमें इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए बड़े स्तर पर हथियारों की तस्करी करने की योजना थी। हसीना ने दिसंबर में हुए चुनाव में एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है।
आईएसआई के लेफ्टिनेंट जनरल ने रची साजिश
रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई के लेफ्टिनेंट जनरल नावीद मोकतार ने साजिश में एक बड़ी भूमिका निभाई, जिसमें बांग्लादेशी नौसेना और तटरक्षक बल के कुछ सदस्यों के अलावा कई आईएसआई एजेंट शामिल थे। हालांकि, अभी तक पता नहीं है चल पाया है कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान समर्थक कट्टरपंथी समूह जमात-ए-इस्लामी की भूमिका थी या नहीं। ढाका के सूत्रों ने दावा किया है कि 30 दिसंबर से पहले एक यूनानी ध्वज के नीचे एके-47 की कुछ रायफल्स, कर्बाइन्स और ग्रेनेड्स लेकर एक जहाज को बांग्लादेश में एंट्री करवाने की योजना थी।
पाक उच्चायोग भी साजिश में शामिल
वहीं,
एक
अन्य
सूत्र
ने
दावा
किया
है
कि
पीएम
हसीना
और
उनके
परिवार
के
सदस्यों
की
हत्या
करने
की
योजना
हो
रही
थी।
साथ
ही
रिमोट
कंट्रोल
के
जरिए
ढाका
में
जहाज
से
विस्फोट
करने
की
भी
साजिश
थी।
इकनॉमिक
टाइम्स
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
लंदन
में
निर्वासित
बीएनपी
नेता
और
बांग्लादेश
के
पूर्व
पीएम
तारिक
रहमान
के
बेटे
ने
ढाका
में
पाकिस्तान
उच्चायोग
के
साथ
मिलकर
इस
साजिश
में
कथित
रूप
से
सहयोग
किया
था।
2004 में भी शेख हसीना पर हुआ था हमला
हथियारों की तस्करी के मामले में दाऊद इब्राहिम और उल्फा नेता परेश बरुआ (कथित तौर पर चीन में स्थित) के अलावा रहमन को 2004 में चार्जशीट किया गया था। उस वक्त हसीना पर ग्रेनेड से निशाना बनाया गया था। इस हमले में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की हत्या और 300 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए थे। बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी और कट्टरपंथ संगठन जमात-ए-इस्लामी को पाकिस्तान समर्थित माना जाता है।