अमेरिका में एक साल बाद फिर लौटा 'Women March', डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लाखों महिलाएं सड़कों पर
वॉशिंगटन। अमेरिका की सड़कों पर लाखों की संख्या में महिलाएं बाहर आकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के पहली सालगिरह का विरोध कर रही है। 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल का एक साल पूरा हुआ था। वहीं, पिछले तीन दिनों से अमेरिका के अलग-अलग शहरों में महिलाएं सड़कों पर उतरकर अमेरिकी राष्ट्रपति की नीतियों का अलग-अलग ढंग से विरोध कर रही है। इससे पहले हाल ही में दुनिया में यौन उत्पीड़न को लेकर #MeToo आंदोलन भी छाया रहा था, जिसे सबसे पहले हॉलीवुड अमेरिकी एक्टर एलिसा मिलानो ने शुरू किया था।
क्यो हो रहा मार्च?
अमेरिका के शिकागो, वॉशिंगटन, डेनवर, बोस्टन, लॉस एंजिलिस और न्यूयॉर्क के साथ-साथ कई शहरों में महिलाएं राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ मार्च निकाल रही है। उनका मानना है कि महिलाओं के प्रति ट्रंप का रवैया हमेशा से ही खराब रहा है। महिलाओं का आरोप है कि पिछले एक साल में देश में नस्लवाद बढ़ा है। मार्च को संबोधित करते हुए हॉलीवुड अभिनेत्री इवा लोंगोरिया ने लॉस एंजेलिस में महिलाओं की रैली में कहा, 'आपका वोट आपके व्यक्तिगत निखार में सबसे बड़ा शक्तिशाली अस्त्र है। प्रत्येक व्यक्ति को मतदान के लिए विशेषाधिकार प्राप्त होना चाहिए।'
ट्रंंप की नीतियों के खिलाफ अमेरिकी महिलाएं
महिलाएं चाहती है कि अमेरिका में बराबरी का हिस्सा मिलें। उन्हें नौकरियों और वेतन में किसी भी प्रकार का भेदभाव ना हो। महिलाएं देश में बढ़ते यौन उत्पीड़न और हेल्थ इश्यू समेत कई मुद्दों पर डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सड़कों पर है। मार्च में प्रदर्शनकारियों को ‘फाइट लाइक अ गर्ल' और ‘अ वुमेन प्लेस इज इन व्हाइट हाउस' और ‘इलेक्ट अ क्लाउन, एक्स्पेक्ट अ सर्कस' जैसे नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। लॉस एंजिलिस के मेयर ने बताया कि शहर में करीब 5 लाख लोग सड़कों पर उतरे जबकि न्यूयॉर्क पुलिस के मुताबिक शहर में तकरीबन 2 लाख लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
ट्रंप ने कहा...
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में दूसरी बार महिलाएं सड़कों उतरी है, जो ज्यादातर पिंक लिबास में दिखाई दे रही है। इस मार्च को देखते ने कहा, हमारे महान देश में सभी जगह काफी अच्छा मौसम है, महिलाओं के लिए मार्च एक आदर्श दिन है। पिछले 12 महीनों में काफी सुधार किये गये हैं और पिछले 18 सालों में महिलाओं की बेरोजगारी में काफी कमी आई है।'