चीन में भी ओमिक्रॉन से बिगड़े हालात, डरे ड्रैगन ने कहा, कहीं अमेरिका-यूरोप पीठ में ना भोंक दे खंजर
चीन में तेजी से कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट फैल रहा है और अब बीजिंग ओलंपिक पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।
बीजिंग, जनवरी 10: फरवरी में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक क्या अब चीन में नहीं होगा और क्या बीजिंग ओलिपंक से पहले पूरे चीन में लॉकडान लगेगा, इन सवालों ने ड्रैगन की हालत को काफी खराब कर दिया है, क्योंकि बीजिंग ओलंपिक से पहले चीन के कई इलाकों में अत्यधिक संक्रमण फैलाने वाला कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट के मरीज मिलने लगे हैं, जिसने कम्युनिस्ट सरकार की हालत पतली कर दी है और चीन को डर सता रहा है, कि कहीं अमेरिका उसकी पीठ में छूरा ना घोंप दे।
तियानजिन में तेजी से फैला संक्रमण
1 करोड़ 30 लाख की आबादी वाला शीआन शहर पहले ही पिछले दो हफ्तों से सख्त लॉकडाउन से गुजर रहा है और अब तियानजिन शहर में ओमिक्रॉन के मरीज सामने आने लगे हैं। तियानजिन प्रांत के अन्यांग शहर में ओमिक्रॉन मरीज मिलने के बाद चीन की सरकार में हलचल काफी बढ़ गई है, क्योंकि माना जा रहा है कि, कई और मरीज अगले कुछ दिनों में मिल सकते हैं। वहीं, शहर प्रशासन ने ओमिक्रॉन के दो मरीजों की पुष्टि होने के बाद लोगों के शहर से बाहर जाने पर रोक लगा दी है। अधिकारियों ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि, जिन लोगों को शहर से ज्यादा अत्यंत जरूरी हो, उन्हें 48 घंटे पहले कोविड निगेटिव टेस्ट सर्टिफिकेट दिखाकर प्रशासन से शहर छोड़ने की इजाजत लेनी होगी। वहीं, तमाम स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिया गया है।
तियानजिन में बढ़ाई गई सख्ती
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, तियानजिन से बीजिंग जाने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। और राजधानी में प्रवेश करने वाले वाहनों के लिए चौकियां बनाई गई हैं। वहीं, बीजिंग से सिर्फ 150 किलोमीटर दूर तियानजिन शहर में रहने वाले एक करोड़ 40 लाख लोगों के फौरन कोविड टेस्ट करवाने के आदेश जारी किए गये हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, तियानजेन में सोमवार को कोरोना वायरस के 21 नये मामलों की पुष्टि हुई है, लेकिन अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि, ये मरीज क्या ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं?
हेनान में भी कोरोना का प्रकोप
वहीं, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले शहर हेनान, जहां 2019 के अंत में पहली बार कोरोना वायरस का पता चला था, वहां शून्य कोविड रणनीति के माध्यम से वायरस के प्रसार को धीमा कर दिया गया है और टारगेटेट लॉकडाउन, सीमा प्रतिबंध और लंबे वक्त के लिए क्वारंटाइन नीति की वजह से हेनान में कोरोना को कंट्रोल कर लिया गया है। आपको बता दें कि, हेनान प्रांत में ही वुहान शहर है, जहां से कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ था।
ओमिक्रॉन से लड़ाई
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सार्वजनिक सुरक्षा और देश में ओमिक्रॉन संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तियानजिन शहर के सभी लोगों को फौरन न्यूक्लिक एसिड टेस्ट करवाने के लिए कहा गया है और शहर के एंटी-एपिडेमिक कमांड सेंटर के एक नोटिस के अनुसार, रविवार सुबह 7 बजे शहर में परीक्षण शुरू किया गया था और जल्द से जल्द सभी लोगों का कोविड टेस्ट करने की बात कही गई है। वहीं, शनिवार रात तक तियानजिन शहर में 75,680 लोगों को क्वारंटाइन किया गया था।
चीन को अमेरिका से धोखे का डर
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, उत्तर पश्चिमी चीन के शानक्सी प्रांत की राजधानी शीआन और मध्य चीन के हेनान प्रांत में कई जगहों पर महामारी का फैलना जारी है। जैसे-जैसे वसंत महोत्सव की छुट्टियां और बीजिंग ओलंपिक शीतकालीन खेल नजदीक आ रहे हैं, तियानजिन सहित चीन में कई जगहों पर धीरे धीरे स्थिति बिगड़ती जा रही है और ऐसे में चीन को डर सता रहा है, कि कहीं ओलंपिक खेल को लेकर उसे झटका ना लगे। ग्लोबल टाइम्स ने अपनी संपादकीय में लिखा है कि, इस वक्त दुनिया में हर दिन 10 लाख से नये कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं, लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देश इस वक्त भी झूठ बोल रहे हैं। चीन को डर है कि, अगले महीने होने वाले ओलंपिक गेम्स का अमेरिका और यूरोपीय देश बहिष्कार ना कर दें और अगर ऐसा होता है, तो ये चीन के लिए सबसे बड़ा झटका होगा, लिहाजा चीन काफी ज्यादा आक्रामक नजर आ रहा है।
अमेरिका पर आक्रामक चीन
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि, कोरोना वायरस को लेकर चीन की सख्ती इस कदर है, कि चीन का सुरक्षा चक्र तोड़ने में कोरोना वायरस का एक महीने से ज्यादा का वक्त लगता है, जबकि अमेरिका समेत यूरोपीय देशों में हर दिन 10 लाख से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स ने सरकार की पीठ ठोकते हुए लिखा है कि, ''तियानजिन पर ओमिक्रॉन से लड़ने का दबाव स्पष्ट रूप से बड़ा है, क्योंकि पूरा देश, यहां तक कि पूरी दुनिया, इस शहर पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सबसे कम लागत पर कम से कम समय में महामारी को कैसे नियंत्रण में लाया जा सकता है? हम चरम स्थितियों से बचने के लिए वायरस से लड़ते हुए लोगों की जीवन यापन की आवश्यकताओं की गारंटी कैसे दे सकते हैं, इसपर सबकी नजर है, लेकिन हर किसी को समझना चाहिए, कि हम जो कर रहे हैं, वो लोगों की जिंदगी बचाने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए कर रहे हैं।
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