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90 की उम्र में महिला को जब पाकिस्तान वाला पुश्तैनी घर आया याद, एक शख्स बना जरिया

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नई दिल्ली, 03 अगस्त। साल 75 साल पहले भारत और पकिस्तान बंटवारे के दौरान रावलपिंडी से भारत आई रीना छिब्बर को दशकों बाद अपने पुश्तैनी घर को देखने का मौका मिला। उन्होंने घर की पहली मंजिल की बालकनी में खड़े होकर वही गाना गाया, जो वह बचपन में गाया करती थीं। अपने पुश्तैनी घर में उन्होंने एक बार फिर से अपने बीते पलों को याद किया और एक बार फिर से वही बचपन जीने की कोशिश की। लेकिन ये सब ऐसे ही संभव नहीं हो पाया। इसके पीछे एक पाकिस्तानी शख्स ने जो रोल अदा किया वो शायद उस देश का कोई व्यक्ति एक भारतीय लिए करता हो।

75 साल बाद रीना छिब्बर पहुंची रावलपिंडी

75 साल बाद रीना छिब्बर पहुंची रावलपिंडी

रीना छिब्बर भारतीय हैं। उनका पुश्तैनी घर रावलपिंडी में है। साल 1947 में भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान के रावलपिंडी से वो भारत आ गई थीं। जिसके बाद वो यहीं बस गईं। बीच में दोनों रिश्तों के बीच तनाव के कारण वो बीच के 7 दशकों के दौरान वापस अपने घर नहीं गई थीं।

ऐसे ढूंढा घर

ऐसे ढूंढा घर

रीना छिब्बर वर्मा इंडिया पाकिस्तान हेरिटेज क्लब से जुड़ी हैं। जिसने उन्हें उनके पुश्तैनी घर ढ़ूंढने में मदद की। घर तो ढ़ूंढ लिया लेकिन उनके पास वहां जाने की कानूनी समस्या सामने आ रही थी। जिसे दूर करने के लिए पिछले एक साल से प्रयास कर रही थीं। रीना ने इस वर्ष मार्च महीने में पाकिस्तान के वीजा के लिए आवेदन किया लेकिन उन्हें वीज नहीं मिल पाया। बिना किसी कारण के उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने दोबारा प्रयास किया और उन्हें मई में वीजा मिल गया।

इस शख्स ने छिब्बर की मदद की

इस शख्स ने छिब्बर की मदद की

छिब्बर को वीजा की दिक्कतों को इंडिया पाकिस्तान हेरिटेज क्लब के फाउंडर इमरान विलियम की मदद से उन्हें मई में वीजा मिला। जिसके बाद वो पाकिस्तान की यात्रा कर पाईं। इमरान विलियम की देखरेख में ही छिब्बर का पूरी यात्रा हुई। छिब्बर की यात्रा में इमरान विलियम का अहम रोल है। इमरान के साथ उनके पूरे परिवार ने भी रीना छिब्बर का पूरा सहयोग किया। वहीं इमरान विलियम इसका पूरा श्रेय अपनी पत्नी को देते हैं।

15 साल की उम्र में छोड़ा था घर

15 साल की उम्र में छोड़ा था घर

रीना छिब्बर वर्मा अपने परिवार के साथ रावलपिंडी से जिस वक्त भारत आईं थी उनकी उम्र महज 15 साल थी। 75 साल बाद जब वो अपने पुश्तैनी घर पहुंची तो पाकिस्तान में उन्हें काफी प्यार मिला। वे 9 दिनों तक पाकिस्तान में रहीं। जब वो भारत के लिए निकलीं तो लोगों ने भावुक होकर उन्हें विदाई दी।

प्यार ही दोनों मुल्कों लागएगा करीब

प्यार ही दोनों मुल्कों लागएगा करीब

पाकिस्तान की नफरत ने दोनों देशों की बीच की खाई बहुत गहरी कर दी है। रीना छिब्बर वर्मा ने कहा 'मैं पाकिस्तान में इतना प्यार पाकर खुश हूं। दोनों मुल्कों के लोग मिलकर रहना चाहते हैं। अगर हमारे बीच प्यार है तो नफरत खत्म करने का सबसे बेहतर तरीका होगा।

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English summary
Not easy for 90 year old Reena Chhibber Verma to visit ancestral home in Rawalpindi Pakistan
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