नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने कैसे चुराया अमेरिकी सीक्रेट प्लान, किम जोंग उन को मारने की थी साजिश
प्योंगयांग। नॉर्थ कोरिया के इंटेलिजेंस सर्विस ने सितंबर 2016 में अमेरिकी और साउथ कोरियाई प्लान के डाटा का एक बड़ा हिस्सा चोरी कर लिया था। इन डाटा से यह पता चला है कि अमेरिका और साउथ कोरिया ने मिलकर नॉर्थ कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन को मारने और तख्तापलटने का प्लान बनाया था, लेकिन इस पर नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने पानी फेर दिया। हाल ही में नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने साउथ कोरिया-अमेरिका के ज्वाइंट प्लान के डाटा लीक कर फिर से खलबली मचा दी है। आपको बताते हैं आखिर कैसे नॉर्थ कोरियाई हैकर्स अमेरिकी साइबर प्लान पर पानी फेर कर, इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया।
एंटीवायरस सॉफ्टवेयर के जरिए चुराए थे डॉक्यूमेंट
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल पहले नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने अमेरिका-साउथ कोरिया के मिलिट्री प्लान से जुड़े जो 235 गिगाबाइट्स डॉक्यूमेंट चुराए थे, वो एक ह्यूमन ऐरर था। रिपोर्ट में कहा गया है कि साउथ कोरियाई मिलिट्री के लिए जिस एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है, वो एक्सेस नॉर्थ कोरियाई हैकर्स ने साउथ कोरिया की कंपनी से प्राप्त कर लिया। अब साउथ कोरियाई मिलिट्री को कंप्यूटर्स में जो कुछ भी होता है, वो सारे डाटा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से नॉर्थ कोरियाई हैकर्स तक पहुंच जाते हैं।
मिलिट्री इंटरनेट को एक्सेस कर लेते है हैकर्स
वैसे आमतौर पर मिलिट्री डाटाबेस सुरक्षित ही होता है, लेकिन कई बार डाटा सेंटर पर काम कर रहे जब कोई कॉन्ट्रेक्टर किसी केबल को मिलिट्री इंटरनेट को दूसरे इंटरनेट से जोड़ता है तो इससे नॉर्थ कोरिया के हैकर्स संवेदनशील डॉक्यूमेंट को एक्सेस करने में सफल हो जाते हैं। नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने 2014 में सोनी पिक्चर्स पर हमला बोला दिया था, जिन्होंने किम जोंग उन की हत्या पर एक कॉमेडी फिल्म 'द इंटरव्यू' बनाई थी।
दुनिया का 7वां साइबरपॉवर देश नॉर्थ कोरिया
नॉर्थ कोरिया जैसे देश ने पिछले कुछ सालों में ना सिर्फ अपने न्यूक्लियर और मिसाइल प्रोग्राम को डेवलप किया है, बल्कि इंटरनेट और साइबर की दुनिया में भी सभी को चौंकाने वाला काम किया है। नॉर्थ कोरिया जैसे देश ने इंटरनेट को एक महत्वपूर्ण टूल के रूप में उपयोग किया है, यही कारण है कि वो दुनिया का 7वां साइबरपॉवर देश बन गया है। अमेरिका, रूस, चीन, यूके, ईरान और फ्रांस जैसे देशों के बाद साइबर की दुनिया में नॉर्थ कोरिया का नाम आता है।