US-दक्षिण कोरिया को एक साथ चेतावनी, कमला हैरिस के दौरे से पहले उत्तर कोरिया ने दागी बैलिस्टिक मिसाइल
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने मिसाइल दागे जाने के बाद एक आपातकालीन बैठक की है, जिसमें रिस्पॉंस को लेकर चर्चा की गई।
प्योंगयोंग, सितंबर 25: उत्तर कोरिया ने एक साथ अमेरिका और दक्षिण कोरिया को गंभीर चेतावनी देते हुए रविवार को अपने पूर्वी तट से समुद्र की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। उत्तर कोरिया ने जिस क्षेत्र में बैलिस्टिक मिसाइल दागी है, उस क्षेत्र में अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेना का सैन्य अभ्यास प्रस्तावित है और उस क्षेत्र से अमेरिका की एक एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ साथ अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस का दौरा भी नियोजित है।
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उत्तर कोरिया ने दागी मिसाइल
दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा है कि, उत्तर कोरिया ने यह मिसाइल स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे से ठीक पहले उत्तरी प्योंगयान प्रांत के ताइचोन क्षेत्र के पास से दागी गई है और रिपोर्ट के मुताबिक, यह एक कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल थी और 60 किलोमीटर की ऊंचाई पर दागी गई थी और इसकी रफ्तार करीब 600 किलोमीटर प्रतिघंटे की थी। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि, "उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण गंभीर उकसावे वाला काम है, जो कोरियाई प्रायद्वीप और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है।" बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के बाद दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ किम सेउंग-क्यूम और यूएस फोर्सेज कोरिया कमांडर पॉल लाकेमेरा ने स्थिति पर चर्चा की और उत्तर कोरिया से किसी भी खतरे या उकसावे का जवाब देने के लिए अपनी तत्परता की पुष्टि की।
दक्षिण कोरिया में आपातकालीन बैठक
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने मिसाइल दागे जाने के बाद एक आपातकालीन बैठक की है, जिसमें रिस्पॉंस को लेकर चर्चा की गई और बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का एक स्पष्ट उल्लंघन और उकसावे के एक अनुचित कार्य के रूप में प्रक्षेपण की निंदा की। वहीं, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल, जो ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा की यात्रा से शनिवार को देर से सियोल पहुंचे, उन्हें इस मिलाइल लॉन्च के बारे में जानकारी दी गई।
जापान ने भी जताई चिंता
वहीं, जापान के रक्षा मंत्री यासुकाज़ु हमदा ने कहा कि, जापान का अनुमान है कि मिसाइल 50 किमी की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंच गई थी और हो सकता है कि, यह एक इरेगुलर ट्रेजेक्टरी पर उड़ गई हो। हमादा ने कहा कि यह जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र से बाहर फायर किया गया है और शिपिंग या हवाई यातायात के साथ समस्याओं की कोई रिपोर्ट नहीं है। विशेषज्ञों ने कहा है कि, हाल के वर्षों में उत्तर कोरिया ने जिन मिसाइलों का परीक्षण किया है, उन्हें इस तरह से डिजाइन किया गया है, कि वो मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सके और लोअर ट्रेजेक्टरी पर उड़ान भर सके। वहीं, हमादा ने कहा कि, "यदि आप क्रूज मिसाइलों के प्रक्षेपण को शामिल करते हैं, तो यह उत्तर कोरिया का उन्नीसवां प्रक्षेपण है, जो एक अभूतपूर्व गति है।" उन्होंने कहा कि, "उत्तर कोरिया की कार्रवाई हमारे देश, क्षेत्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की शांति और सुरक्षा के लिए एक खतरे का प्रतिनिधित्व करती है और ऐसा करना अक्षम्य है,जैसा यूक्रेन पर आक्रमण अक्षम्य है।" उन्होंने कहा कि, जापान ने बीजिंग में उत्तर कोरिया के दूतावास के माध्यम से अपना विरोध जताया है।
दक्षिण कोरिया-जापान के साथ US
दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने मिसाइल लॉन्च होने के बाद जारी एक बयान में कहा कि, वह लॉन्च के बारे में जानते हैं और सहयोगियों के साथ मिलकर परामर्श कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, "जबकि हमने आकलन किया है कि, यह घटना अमेरिकी कर्मियों या क्षेत्र या हमारे सहयोगियों के लिए तत्काल खतरा पैदा नहीं करती है, लेकिन मिसाइल प्रक्षेपण डीपीआरके के सामूहिक विनाश और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के गैरकानूनी हथियारों के अस्थिर प्रभाव को उजागर करता है।"
अमेरिका-दक्षिण कोरिया ज्वाइंट ड्रिल
उत्तर कोरिया ने ये मिसाइल परीक्षण उस वक्त किया है, जब अमेरिका का न्यूक्लियर पॉवर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस रोनाल्ड रीगन दक्षिण कोरिया के साथ युद्धाभ्यास करने के लिए पहुंचा है। ये युद्धाभ्यास 26 नवंबर से चार दिनों के लिए होने वाला है। यह पहली बार है, जब उत्तर कोरिया ने जून की शुरुआत में एक दिन में आठ छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागने के बाद इस तरह का प्रक्षेपण किया, जिसके कारण संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करने के चलते उत्तर कोरिया पर कई तरह के और प्रतिबंध लगा दिए। हालांकि, उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को आत्मरक्षा और अंतरिक्ष अन्वेषण के अपने संप्रभु अधिकार के उल्लंघन के रूप बताकर खारिज कर दिया, और संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया द्वारा उनकी शत्रुतापूर्ण नीतियों के प्रमाण के रूप में पिछले संयुक्त अभ्यास की आलोचना की। इस अभ्यास की रूस और चीन ने भी आलोचना की है, जिन्होंने सभी पक्षों से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाले कदम नहीं उठाने का आह्वान किया है और प्रतिबंधों में ढील देने का आह्वान किया है।
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