नेपाल ने 'ड्रैगन' को दिया झटका, चीनी ठेकेदारों को किया निलंबित
खबर है, कि नेपाल में, फास्ट ट्रैक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है। ऐसी स्थिति में नेपाल सेना ने चीनी ठेकेदारों को निलंबित कर दिया है।
काठमांडू, 3 जून : नेपाल सेना (एनए) ने चीन को झटका देते हुए गुरुवार को काठमांडू-तराई फास्ट ट्रैक एक्सप्रेसवे पर निर्माण कार्य में तेजी लाने में विफल रहने के लिए चीनी ठेकेदारों को निलंबित कर दिया। बता दें कि, प्रस्तावित 72.6 किलोमीटर काठमांडू-तराई-मधेश एक्सप्रेस-वे के लिए ठेके वाली कंपनियों का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। इससे यह आशंका पैदा हो गई है कि काम समय पर पूरा हो जाएगा। समय पर माल नहीं दे पाने, कंपनियों के सलाहकार विवादों में पड़ रहे हैं और इंश्योरेंस और रि इंश्योरेंस की समस्या से फास्ट ट्रैक से जुड़े कार्यों को आगे बढ़ाने में परेशानी हो रही है।
ड्रैगन
को
झटका
लगा
है
खबर
हब
के
मुताबिक,
नेपाल
सरकार
ने
पिछले
सप्ताह
अपनी
नीति
कार्यक्रमों
में
तराई-काठमांडू
फास्ट
ट्रैक
को
समय
पर
यानी
2081
विक्रम
संवत
तक
पूरा
करने
का
उल्लेख
किया
था।नेपाल
सेना
ने
फास्ट
ट्रैक
परियोजना
के
तहत
तीन
सुरंगों,
कुछ
पुलों
और
एक
आंशिक
सड़क
के
निर्माण
के
लिए
पिछले
साल
चाइना
स्टेट
कंस्ट्रक्शन
इंजीनियरिंग
कॉर्प
लिमिटेड
और
पॉली
चांगडा
इंजीनियरिंग
कंपनी
लिमिटेड
के
साथ
दो
अलग-अलग
अनुबंधों
पर
हस्ताक्षर
किए
थे।
चीनी
ठेकेदारों
को
निलंबित
किया
गया
जानकारी
के
अनुसार,
दोनों
चीनी
कंपनियों
को
23
मई
को
पत्र
भेजकर
चीनी
ठेकेदारों
की
निलंबन
की
जानकारी
दी
गई
है।
हालांकि,
अवधि
का
उल्लेख
नहीं
किया
गया
है।
फास्ट
ट्रैक,
एशियन
हाईवे
स्टैंडर्ड
प्राइमरी
क्लास
ए
स्टैंडर्ड
रोड,
में
तीन
सुरंगें
और
पुल
होंगे।
परियोजना
की
कुल
लागत
175
अरब
रुपये
आंकी
गई
है।
वहीं,
फोर
लेन
एक्सप्रेस-वे
की
लंबाई
72.5
किमी
होगी।
यह
सड़क
ललितपुर
के
खोकना,
काठमांडू
और
मकवानपुर
से
होते
हुए
बारा
जिले
के
निजगढ़
पहुंचेगी।
खबर हब की रिपोर्ट के अनुसार, यह परियोजना सेवानिवृत्त सेनाध्यक्ष पूर्णचंद्र थापा के कार्यकाल के बाद से विवादों में घिर गई है, जिन्होंने 43 कंपनियों में से केवल दो को दोनों चरणों के लिए योग्य ठेकेदारों के रूप में चुना था। संसदीय लोक लेखा समिति (पीएसी) ने 1 अप्रैल, 2021 में नेपाल आर्मी को अनुबंध प्रक्रिया को रोकने का निर्देश दिया था, यह दावा करते हुए कि यह देश के वित्तीय नियमों का पालन नहीं करता है। पीएसी ने अनुबंध प्रक्रिया को रोकने का निर्देश इसलिए दिया था क्योंकि इसमें पारदर्शिता की कमी थी।
जानें
पूरा
मामला
समिति
ने
सार्वजनिक
खरीद
निगरानी
कार्यालय
को
अंतरराष्ट्रीय
कंपनियों
की
भागीदारी
के
लिए
अनुबंध
पर
आगे
बढ़ते
हुए
आवश्यक
दस्तावेज,
दिशानिर्देश
और
प्रक्रियाएं
जल्द
से
जल्द
तैयार
कर
बाधा
दूर
करने
का
भी
निर्देश
दिया
था।
हालांकि,
उस
निर्देश
के
दो
दिन
बाद,
सेना
ने
प्री-क्वालिफिकेशन
(pre
Qualification)
में
चुने
गए
दो
पैकेजों
के
वित्तीय
प्रस्तावों
को
खोला
और
उनका
मूल्यांकन
किया।
अनुबंध
समझौते
की
प्रक्रिया
कंपनी
द्वारा
वित्तीय
प्रस्ताव
प्रस्तुत
करने
के
बाद
अनुबंध
समझौते
की
प्रक्रिया
शुरू
हुई।
दोनों
कंपनियों
के
साथ
14
मई,
2021
को
अनुबंध
पर
हस्ताक्षर
किए
गए
ताकि
निर्माण
3
साल
के
भीतर
पूरा
किया
जा
सके।
खबर
हब
के
मुताबिक,
नेपाल
में
वहां
के
नागरिकों
को
रोजगार
नहीं
मिल
रहा
है।
इसकी
बड़ी
वजह
यह
है
कि
बीजिंग
अपने
वर्करों
को
नेपाल
में
रोजगार
के
लिए
भेज
रहे
हैं।
इसका
खुलासा
एक
लोडर
दुर्घटना
से
हुई
है।
चीन
नेपाली
युवाओं
के
रोजगार
को
छीन
रहा
है
खबर
के
मुताबिक
पिछले
महीने
नेपाल
में
एक
लोडर
दुर्घटना
में
तीन
चीनी
नागरिक
मारे
गए
थे।
इससे
पता
चला
की
नेपाल
में
वे
लोग
काम
करने
आए
थे।खबर
के
अनुसार,
अप्रैल
के
अंतिम
सप्ताह
में
काठमांडू-तराई
(मधेश)
फास्ट
ट्रैक
पर
लोडर
दुर्घटना
से
पता
चला
है
कि,
उनमें
से
बड़ी
संख्या
में
चीन
के
लोग
परियोजना
में
कार्यरत
हैं
जबकि
जारी
परियोजना
में
केवल
कुछ
नेपाली
तकनीशियन
ही
कार्यरत
हैं।
हालांकि,
रिपोर्ट्स
यह
भी
बताती
है
कि,
इस
बात
का
अभी
तक
खुलासा
नहीं
हुआ
है
कि
नेपाल
में
कितने
चीनी
नागरिकों
ने
प्रोजेक्ट
में
काम
करने
के
लिए
वर्क
परमिट
हासिल
किया
है।
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