Nepal:प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की प्रचंड को खुली चुनौती- हटा सको तो हटा लो
काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार को सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे गुट के नेता पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' को खुली चुनौती दी है कि अगर उन्हें उनके पद से हटा सकते हैं तो हटा दें। नेपाली पीएम ने अपने गृह जिले झापा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रचंड की अगुवाई वाले गुट से कहा है कि वह चाहे तो संसद में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए और उसे पारित कराकर दिखाए। बता दें कि पिछले हफ्ते ही नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने संसद बहाल करने और 13 दिनों के भीतर सत्र बुलाने का आदेश दिया है। अदालत के आदेश के बाद से ओली पर लगातार इस्तीफे का दबाव बना हुआ है, लेकिन वह कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
मुझे
प्रधानमंत्री
पद
से
हटा
दीजिए-
केपी
ओली
नेपाल
के
रिपब्लिका
अखबार
की
खबर
के
मुताबिक
69
वर्षीय
ओली
ने
विरोधी
गुट
के
नेता
प्रचंड
से
कहा
है
कि
'केपी
ओली
अभी
भी
एनसीपी
के
संसदीय
दल
का
नेता
है।
वह
पार्टी
का
चेयरमैन
होने
के
साथ-साथ
प्रधानमंत्री
भी
है।'
उन्होंने
आगे
कहा
है
'अगर
आपने
संसद
को
बहाल
करा
दिया
है
तो
केपी
ओली
को
प्रधानमंत्री
के
पद
से
हटा
दीजिए।'
बता
दें
कि
नेपाल
में
तब
से
सियासी
संकट
है,
जब
पिछले
साल
20
दिसंबर
को
वहां
के
प्रधानमंत्री
की
सिफारिश
पर
नेपाली
राष्ट्रपति
बिद्या
देवी
भंडारी
संसद
को
भंग
करके
इस
साल
30
अप्रैली
और
10
मई
को
चुनाव
करवाने
की
घोषणा
की
थी।
नेपाल
में
यह
सियासी
संकट
सत्ताधारी
नेपाल
कम्युनिस्ट
पार्टी
के
ओली
और
प्रचंड
गुटों
में
आपसी
विवाद
की
वजह
से
शुरू
हुआ
है।
दो-तिहाई
बहुमत
से
जीतूंगा
चुनाव-
ओली
पिछले
हफ्ते
नेपाल
सुप्रीम
कोर्ट
के
चीफ
जस्टीस
चोलेंद्र
शमशेर
की
अगुवाई
वाली
पांच
सदस्यीय
संविधान
पीठ
ने
ओली
सरकार
की
ओर
से
संसद
के
275
सदस्यीय
निचली
सदन
को
भंग
करने
के
फैसले
को
असंवैधानिक
करार
दे
दिया
था।
अदालत
ने
13
दिनों
के
भीतर
संसद
के
सत्र
के
आह्वान
का
भी
आदेश
दिया
है।
लेकिन,
इस
दौरान
सत्ताधारी
दल
विभाजन
की
कगार
पर
पहुंच
चुकी
है।
नेपाली
अखबार
के
मुताबिक
ओली
ने
कहा
है-
'आप
मुझे
हटा
सकते
हैं
तो
हटा
दें।
अगर
मुझे
हटा
दिया
जाता
है
तो
मैं
अगले
चुनाव
में
दो-तिहाई
बहुमत
से
जीत
कर
लौटूंगा।'
ओली
पर
है
इस्तीफा
के
लिए
दबाव
इस
बीच
खबर
है
कि
ओली
को
सत्ता
से
बेदखल
करने
के
लिए
प्रचंड
खेमा
विपक्षी
नेपाली
कांग्रेस
और
जनता
समाजबादी
पार्टी
से
समर्थन
के
जुगाड़
में
है।
इससे
पहले
जब
कोर्ट
का
आदेश
आया
था
तो
ओली
के
मीडिया
सलाहकार
ने
कहा
था
कि
प्रधानमंत्री
तुरंत
इस्तीफा
नहीं
देंगे
और
उनके
खिलाफ
सुप्रीम
कोर्ट
के
आदेश
के
मुताबिक
संसद
का
सामना
करेंगे।
हालांकि,कोर्ट
के
आदेश
के
बाद
से
ही
उनपर
इस्तीफे
का
भारी
दबाव
है।
उनसे
गद्दी
छोड़ने
की
अपील
करने
वालों
में
एनसीपी
के
उपाध्यक्ष
बामदेव
गौतम
भी
शामिल
हैं,
जो
ओली
और
उनके
विरोधी
प्रचंड
दोनों
से
बराबर
दूरी
बनाकर
चल
रहे
हैं।