नेपाल के पीएम बोले-बातचीत करके भारत से वापस लेंगे कब्जे वाली अपनी जमीन
काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने भारत के साथ जारी सीमा विवाद पर बड़ा बयान दिया है। ओली ने कहा है कि भारत के साथ बातचीत के जरिए नेपाल अपनी उस जमीन को हासिल करेगा, जिस पर कब्जा किया गया है। ओली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उनकी सरकार की तरफ से संसद में संविधान संशोधन से जुड़ा बिल पेश किया गया है। इस बिल के तहत नए राजनीतिक नक्शे को मंजूरी दी जाएगी जिसमें लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को नेपाल की सीमा में दिखाया गया है।
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भारत ने किया कृत्रिम नदी का निर्माण
केपी ओली ने नेपाल की संसद में गुरुवार को बयान दिया, 'हम अपनी कब्जे वाली जमीन भारत से वार्ता के जरिए वापस लेंगे। भारत ने एक काली मंदिर बनाया है और कृत्रिम काली नदी का निर्माण करके नेपाल की सीमा पर सेना तैनात करके कब्जा कर लिया है। यह नदी ही दोनों देशों के बीच सीमा का निर्धारण करती है।' ओली के इस बयान से पहले बुधवार को नेपाल की संसद में संविधान संशोधन बिल को पेश किया गया था। बिल पर भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि, ' भारत हमेशा से अपनी सभ्यता, संस्कृति और नेपाल के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बहुत महत्व देता है। हमारी बहुआयामी साझेदारी हाल के कुछ वर्षों में और गहरी हुई है।'
विदेश मंत्री ने भी की थी वार्ता की वकालत
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने संसद में कहा था कि उनके देश के पास इस विवाद को सुलझाने के लिए भारत से बातचीत के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। वार्ता के बीच ही फायरिंग होना अपने आप में हैरान करने वाली घटना है। विदेश मंत्री से अलग नेपाल के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ईश्वर पोखरैल ने भी कहा था भारत के साथ लगातार बातचीत के जरिए सीमा विवाद सुलझा लेंगे। उन्होंने ट्वीट किया और कहा कि सीमा पर सेना तैनात करने का कोई मतलब नहीं है।