क्रिसमस पर लॉंच होगा NASA का 'टाइम मशीन', एलियंस की खोज और ब्रह्मांड की उत्पत्ति का चलेगा पता
नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप, विश्व विख्यात हबल स्पेस टेलीस्कोप का उत्तराधिकारी है, जिसे साल 1990 में लॉन्च किया गया था और जिसने ब्रह्मांड को लेकर हमारी समझ को काफी हद तक बदल कर रख दिया है।
James Webb Telescope: वॉशिंगटन, दिसंबर 20: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को लॉन्च करने की तारीख की घोषणा कर दी है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप, जिसे इंसानों द्वारा बनाया गया टाइम मशीन भी कहा जाता है, उसे क्रिमसम की पूर्व संध्या पर लॉंन्च किया जाएगा। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का निर्माण यूरोपीयन स्पेस एजेंसी और कनाडा के स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर नासा ने किया है। अगर इस लेटीस्कोप को कामयाबी के साथ लॉंच कर लिया जाता है और अगर ये काम करना शुरू कर देता है, तो हम ब्रह्मांड के निर्माण की सारी कहानियों को समझने के साथ साथ इस बात का भी पता लगा सकते हैं, कि पृथ्वी के अलावा किस ग्रह पर जीवन है या फिर क्या एलियंस सच में होते हैं या फिर किस ग्रह पर एलियंस मौजूद हैं।
क्रिसमस पर होग लॉन्च
नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप, विश्व विख्यात हबल स्पेस टेलीस्कोप का उत्तराधिकारी है, जिसे साल 1990 में लॉन्च किया गया था और जिसने ब्रह्मांड को लेकर हमारी समझ को काफी हद तक बदल कर रख दिया है। हबल टेलीस्कोप के जरिए नासा ने बड़े बड़े खोज करने में कामयाबी हासिल की है और अब जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ब्रह्मांड की दुनिया में नई क्रांतिकारी खोज करेगा। जेडब्ल्यूएचटी यानि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप खगोलविदों को ब्रह्मांड में बनने वाली कुछ शुरुआती आकाशगंगाओं की खोज करने में मदद करेगा और हमें यह समझने में मदद करेगा कि कैसे हमारी अपनी आकाशगंगा जैसी आकाशगंगाएँ अस्तित्व में आईं।
24 दिसंबर को होगा लॉन्च
नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा कि, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को 24 दिसंबर को लॉन्च किया जाएगा। नासा के मुताबिक, यूरोपीयन एरियन रॉकेट दक्षिण अमेरिका के फ्रेंच गुएना से जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को लेकर रवाना होगा। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप इन्फ्रारेड वेभलेंथ पर संचालित होती है और इसका प्राथमिक लेंस पर सोना चढ़ाया गया होता है।
कैसा है जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप?
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का व्यास 6.5 मीटर है, जो हबल टेलीस्कोप के 2.4 मीटर दर्पण से काफी बड़ा है। नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा है कि, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को 24 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 20 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा।
दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश
नासा का ये दूरबीन अभी तक का बनाया हुआ अद्वितीय दूरबीन है, जो दूर की आकाशगंगाओं में सितारों के साथ-साथ हमारी आकाशगंगा के भीतर अन्य सितारों की परिक्रमा करने वाले और उन ग्रहों के बारे में भी पता लगाएगा, जहां जीवन की संभावना हो सकती है। नासा ने कहा है कि, इस टेलीस्कोप के द्वारा ब्रह्मांड के बारे में नई समझ पैदा होगी।
आकाशगंगा की शुरूआत देखेगा
नासा ने कहा है कि, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप करीब करीब उस समय की शुरूआत को देखेगा, जब सबसे पहले आकाशगंगा और सबसे पहले तारे का निर्माण हो रहा था। इसीलिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को 'टाइम मशीन' भी कहा जा रहा है। इसके जरिए पृथ्वी के करीब मौजूद सितारों की परिक्रमा करने वाले ग्रहों के वायुमंडल की पड़ताल भी की जाएगी और धरती पर मिलने वाले अलग अलग सिग्नल्स को भी पहचाना जाएगा।
2007 में थी लॉन्च करने की कोशिश
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को पहले साल 2007 में लॉन्च करने की तैयारी थी और उस वक्त इसता बजट 500 मिलियन डॉलर रखा गया था। लेकिन, बजट और टेक्नीकल वजहों से इसकी लॉन्चिंग की तारीख लगातार टलती रही और अब जब दिसंबर 2021 में इसे लॉन्च किया जा रहा है, तो इस टेलीस्कोप का अनिमानित बजट करीब 10 अरब डॉलर हो चुका है।
काफी मुश्किल से बना टेलीस्कोप
जेडब्लूएसटी के डिजाइन और कार्यान्वयन के दौरान कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें 2005 में एक प्रमुख रीडिजाइन भी शामिल है। अब जबकि सारी समस्याओं को सुलझा लिया गया है, जो इसे फ्रेंच गुयाना में कौरौ से ईएसए द्वारा आपूर्ति किए गए एरियान 5 रॉकेट पर लॉन्च किया जाएगा। अंतरिक्ष की दुनिया में ये एक ऐसा मिशन होने वाला है, जिसको लेकर पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों, खगोलविदों की सांसें अटकी रहेंगी।
कहां स्थापित होगा जेडब्लूएसटी?
हबल टेलीस्कोप के विपरीत, जेडब्लूएसटी सूर्य की परिक्रमा करेगा। हबल टेलीस्कोप पृथ्वी की परिक्रमा करता है, जबकि, जेडब्लूएसटी पृथ्वी से करीब 15 लाख किमी की दूरी से सूर्य की परिक्रमा करेगा और दूसरे लैग्रेंज बिंदु (L2) के पास स्थित होगा। जेडब्लूएसटी का सावधानीपूर्वक चुना गया स्थान यह सुनिश्चित करता है कि, दूरबीन हमेशा सूर्य से दूर हो, जो ब्रह्मांड के अति-संवेदनशील ऑब्जर्वेशन को पूरा करने के लिए आवश्यक है। हालांकि, इसका मतलब यह भी है कि हबल के विपरीत जेडब्लूएसटी को अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा ठीत नहीं किया जा सकता है, लिहाजा इसका प्रक्षेपण और तैनाती सबसे चुनौतीपूर्ण अंतरिक्ष मिशनों में से एक है और इसमें गलती की कोई गुंजाइश नहीं है।
प्रक्षेपण के बाद क्या होगा?
प्रक्षेपण यानि टेलीस्कोप के लॉन्च होने के ठीक 30 मिनट बाद, जेडब्लूएसटी एरियन रॉकेट से अलग हो जाएगा और अपने सौर सरणियों को तैनात करेगा, जो इसे एल-2 की तरफ अपनी यात्रा जारी रखने के लिए आवश्यक शक्ति प्रदान करेगा। जैसे-जैसे जेडब्लूएसटी अपने पथ के साथ आगे बढ़ता रहेगा, टेलीस्कोप को ठंडा रखने के लिए आवश्यक विशाल सूर्य ढालों की तैनाती शुरू होती रहेगी। जो अभी पूरी तरह से नहीं खुल रही है। लॉन्च के एक हफ्ते बाद, सन शील्ड पूरी तरह से एक टेनिस कोर्ट के आकार में पूरी तरह से खुलना शुरू हो जाएगा। प्रक्षेपण के लगभग दो हफ्ते बाद, 6.5-मीटर व्यास का प्राथमिक दर्पण, जिसे शुरू में एरियन प्रक्षेपण यान के अंदर फिट करने के लिए मोड़ा गया था, वो निकलकर बाहर आ जाएगा।
कब से काम करेगा जेडब्लूएसटी?
अंत में, लॉन्च के लगभग 30 दिनों के बाद, लगभग पूरी तरह से तैनात जेडब्लूएसटी एल-2 तक पहुंच जाएगा, और अंतिम कक्षीय सुधार और प्लेसमेंट अब शुरू होना शुरू हो जाएगा। एक बार स्थिति में आने के बाद, विज्ञान के उपकरणों पर स्विच करने, परीक्षण का काम शुरू हो जाएगा और फिर ये टेलीस्कोप अपना काम करना शुरू करे देगा। हालांकि, पहला ऑब्जर्वेशन भेजने में इस टेलीस्कोप को करीब 6 महीने का वक्त लग सकता है।
मानव निर्मित टाइम मशीन
एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने पर, जेडब्लूएसटी आकाशगंगाओं में सितारों और ब्लैक होल की उत्पत्ति के साथ-साथ ग्रहों पर जीवन के आसपास के कुछ सबसे बुनियादी सवालों के जवाब देने के लिए ब्रह्मांड का सर्वेक्षण करना शुरू कर देगा। जेडब्लूएसटी की बदौलत हासिल किए जाने वाले कुछ प्रमुख विज्ञान लक्ष्यों में लगभग 13.5 बिलियन प्रकाश-वर्ष दूर गांगेय संरचना के निर्माण का अध्ययन भी शामिल है, ऐसे समय में जब ब्रह्मांड अपनी प्रारंभिक अवस्था में था और पहले सितारे केवल अंधेरे से बाहर निकल रहे थे, उस वक्त की क्या स्थिति रही होगी और उस वक्त ब्रह्मांड कैसा रहा होगा, उसके बारे में भी ये टेलीस्कोप जानकारी दे देगा।
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