क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

इंसानों के अंतरिक्ष इतिहास में ऐतिहासिक दिन, पृथ्वी की 'आंख' जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप कक्षा में स्थापित

जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप का व्यास 6.5 मीटर है, जो हबल टेलिस्कोप के 2.4 मीटर दर्पण से काफी बड़ा है। नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप में सोने का शीशा लगा हुआ है, जिसकी चौड़ाई करीब 21.32 फीट है।

Google Oneindia News

वॉशिंगटन, जनवरी 25: अंतरिक्ष में पृथ्वी के सबसे शक्तिशाली आंख कहे जाने वाला 'जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप' आखिरकार कामयाबी के साथ अपने अंतिम गंतव्य स्थान पर पहुंच गया है और इसके साथ ही नासा का सबसे महंगा मिशन कामयाब हो गया है। 25 दिसंबर को फ्रेंच गुयाना से इस टेलिस्कोप को लेकर एरियन-5 रॉकेट ने उड़ान भरी थी और अब एक महीने की लगातार यात्रा के बाद पृथ्वी से 10 लाख मील की दूरी पर 'जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप' स्थापित हो गया है।

स्थापित हो गया जेम्स वेब टेलिस्कोप

स्थापित हो गया जेम्स वेब टेलिस्कोप

पृथ्वी से करीब 10 लाख मील की दूरी पर अंतरिक्ष वेधशाला एल-2 नामक कक्षा में जेम्स वेब स्पेस टेलीिस्कोप ने टेनिस कोर्ट के आकार की अपनी सनफील्ड को फहरा दिया है और फिर एक विशाल सोने का शील्ड चढ़ा शीशा अंतरिक्ष की नई जानकारियों को इंसानों तक पहुंचाने के लिए खुल गया है। 'जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप' के माध्यम से वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की अनंत दुनिया को समझने में मदद मिलेगी और 'जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप' के माध्यम से ये भी पता चल सकेगा, कि गैलेक्सी और हमारे ब्रह्मांड की उत्पति कैसे हुई थी और इसीलिए 'जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप' को नासा का 'टाइम मशीन' भी कहा जाता है।

अंतरिक्ष में लग गया पृथ्वी की आंख

अंतरिक्ष में लग गया पृथ्वी की आंख

अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने अपने पांच लेवल वाली सनशील्ड को खोल दिया और इस तरह से टेलीस्कोप की तैनाती अंतरिक्ष में हो गई। वहीं आपको बता दें कि, अंतरिक्ष में जिस जगह पर नासा ने जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप को स्थापित किया है, उसका नाम एल-2 है और अंतरिक्ष में एल-2 वो जगह है, जहां पर कोई चीज पहुंचने के बाद वहीं रूका रहता है, उसमें किसी भी तरह की कोई हलचल नहीं होती है। अंतरिक्ष में इस जगह का इस्तेमाल स्पेसक्राफ्ट का ईंधन बचाने के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि, जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप को नासा के ही हबल टेलिस्कोप का उत्तराधिकारी माना जाता है, जो अब तक नासा को ब्रह्मांड की जानकारियां भेजा करता था। लेकिन, जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप की क्षमता हबल टेलिस्कोप की क्षमता से काफी ज्यादा है।

हबल टेलिस्कोप से ज्यादा है क्षमता

हबल टेलिस्कोप से ज्यादा है क्षमता

नासा अब तक अंतरिक्ष की जानकारियां जुटाने के लिए हबल टेलीस्कॉप का इस्तेमाल किया करता था और अब तक इंसानों ने अंतरिक्ष को लेकर जो भी जानकारियां जुटाई हैं, उनमें हबल टेलिस्कोप का बहुत बड़ा योगदान रहा है। लेकिन, जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप हबल टेलिस्कोप से कई गुना ज्यादा शक्तिशाली है और इसे बनाने से लेकर लॉन्च करने तक में 10 अरब डॉलर का खर्च आया है। जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप को धरती पर इंसानों द्वारा बनाया गया टाइम मशीन भी कहा जा रहा है, क्योंकि ये ब्रह्मांड की उत्पत्ति की खोज करने वाला है।

असाधारण था नासा का ये मिशन

असाधारण था नासा का ये मिशन

नासा के अधिकाी बिल नेल्सन ने कहा था कि, "जब हम बड़े सपने देखते हैं तो हम क्या हासिल कर सकते हैं इसका एक चमकदार उदाहरण है। हम हमेशा से जानते हैं कि यह परियोजना एक जोखिम भरा प्रयास होगा। लेकिन, निश्चित रूप से, जब आप एक बड़ा इनाम चाहते हैं, तो आपको आमतौर पर एक बड़ा जोखिम उठाना पड़ता है।" आपको बता दें कि, जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप की लॉन्चिंग काफी मुश्किल भरा मिशन था और इसकी कामयाबी को लेकर कितनी प्रतिशत गारंटी है, उसपर नासा ने कुछ भी नहीं कहा था।

कैसा है जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप

कैसा है जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप

जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप का व्यास 6.5 मीटर है, जो हबल टेलिस्कोप के 2.4 मीटर दर्पण से काफी बड़ा है। नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप में सोने का शीशा लगा हुआ है, जिसकी चौड़ाई करीब 21.32 फीट है और इस मिरर को बेरेलियम से बने 18 षटकोण टुकड़ों को एक साथ जोड़कर तैयार किया गया है। बेरेलियम के हर टुकड़े पर 48.2 ग्राम सोने की परत चढ़ी हुई है, ताकि ये एक परावर्तक की तरह काम कर सके। नासा का ये दूरबीन अभी तक का बनाया हुआ अद्वितीय दूरबीन है, जो दूर की आकाशगंगाओं में सितारों के साथ-साथ हमारी आकाशगंगा के भीतर अन्य सितारों की परिक्रमा करने वाले और उन ग्रहों के बारे में भी पता लगाएगा, जहां जीवन की संभावना हो सकती है। नासा ने कहा है कि, इस टेलीस्कोप के द्वारा ब्रह्मांड के बारे में नई समझ पैदा होगी।

शक्तिशाली है नासा का नया 'टाइम मशीन'

शक्तिशाली है नासा का नया 'टाइम मशीन'

एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने पर, जेडब्लूएसटी आकाशगंगाओं में सितारों और ब्लैक होल की उत्पत्ति के साथ-साथ ग्रहों पर जीवन के आसपास के कुछ सबसे बुनियादी सवालों के जवाब देने के लिए ब्रह्मांड का सर्वेक्षण करना शुरू कर देगा। जेडब्लूएसटी की बदौलत हासिल किए जाने वाले कुछ प्रमुख विज्ञान लक्ष्यों में लगभग 13.5 बिलियन प्रकाश-वर्ष दूर गांगेय संरचना के निर्माण का अध्ययन भी शामिल है, ऐसे समय में जब ब्रह्मांड अपनी प्रारंभिक अवस्था में था और पहले सितारे केवल अंधेरे से बाहर निकल रहे थे, उस वक्त की क्या स्थिति रही होगी और उस वक्त ब्रह्मांड कैसा रहा होगा, उसके बारे में भी ये टेलीस्कोप जानकारी दे देगा।

इंसानी हृदय में सूअर का दिल लगाकर रचा था इतिहास, मुख्य मुस्लिम डॉक्टर को घर में ही मिली 'दुत्कार'इंसानी हृदय में सूअर का दिल लगाकर रचा था इतिहास, मुख्य मुस्लिम डॉक्टर को घर में ही मिली 'दुत्कार'

English summary
NASA's James Webb Space Telescope has successfully reached its orbit and today is a day of great success in the space history of humans.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X