रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी के लिए म्यांमार ने दिया प्रस्ताव
म्यांमार ने कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी के लिए जल्द ही राष्ट्रीय पहचान प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
नई दिल्ली। बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की जल्द घर वापसी संभव हो सकेगी। म्यांमार ने बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने का प्रस्ताव दिया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए एच महमूद अली ने बताया कि म्यांमार के साथ दोस्ताना माहौल में हुई है। ए.एच महमूद ने बताया कि सोमवार को म्यांमार के साथ बात हुई जिसमें उसने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने को कहा है।
म्यांमार ने कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी के लिए जल्द ही राष्ट्रीय पहचान प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए योजना बना ली गई है। इसके तहत उन शरणार्थियों को देश में वापस लाया जाएगा, जो रेखाइन राज्य में हिंसा के दौरान बांग्लादेश चले गए थे। म्यांमार प्रशासन के मुताबिक करीब 4 लाख 15 हजार रोहिंग्या देश छोड़कर बांग्लादेश गए हैं। इसके अलावा भारत सहित दूसरे देशों में भी रोहिंग्या शरणार्थी पहुंचे हैं।
यह जानकारी म्यांमार के सामाजिक कल्याण, राहत और पुनर्वास मंत्री यू विन मिट आइ ने दी थी। उन्होंने बताया कि इससे पहले स्टेट काउंसलर ऑफिस मंत्री यू क्या टिंट बांग्लादेश जाएंगी। वहां प्रशासन से शरणार्थियों की वापसी को लेकर बातचीत करेंगी। यह प्रक्रिया उन सिद्धांतों पर आधारित होगी, जिनपर म्यांमार और बांग्लादेश ने 1993 में सहमति जताई थी। सत्यापित शरणार्थियों को दार्जिइजर गांव में बसाने की योजना है। हालांकि, रेखाइन के कुछ मुस्लिम नेताओं ने इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
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