
म्यांमार में आस्ट्रेलियाई अर्थशास्त्री और पूर्व ब्रिटिश राजदूत समेत 5,744 कैदियों को मिली रिहाई
म्यांमार में सेना ने हजारों कैदियों को रिहा किया है। इनमें पूर्व ब्रिटिश राजदूत विक्की बोमन, ऑस्ट्रेलियाई अर्थशास्त्री और आंग सान सू की के पूर्व सलाहकार सीन टर्नेल और जापानी पत्रकार टोरू कुबोता भी शामिल हैं। देश के जुंटा के हवाले से यह खबर आई है। म्यांमार की मीडिया के मुताबिक राष्ट्रीय विजय दिवस को चिन्हित करने के लिए इन कैदियों को रिहा करने का फैसला किया गया है। म्यांमार के इरावदी न्यूज और बीबीसी बर्मीज ने पुष्टि की है कि पूर्व ब्रिटिश राजदूत विक्की बोमन और एक जापानी पत्रकार व फिल्म निर्माता टोरू कुबोता को जेल से रिहा किया गया है। लोकल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुल 5,744 कैदियों को रिहाई दी गई है।

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इन सभी कैदियों को पिछले साल हुए तख्तापलट के दौरान जनता उकसाने के लिए दंड संहिता की धारा 505ए के तहत हिरासत में लिया गया था। बीते सितंबर में सू की के सलाहकार व ऑस्ट्रेलियाई अर्थशास्त्री सीन टर्नेल पर देश की गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था जिसके लिए उन्हें 3 साल की सजा भी सुनाई गई थी। विक्की बोमन पर आप्रवासन उल्लंघन और कुबोटा पर राजद्रोह और संचार कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगा था। बोमन को उनके पति व प्रमुख बर्मी कलाकार को हेटिन लिन के साथ कैद कर लिया गया था।
वहीं, म्यांमार नाउ ने सैन्य परिषद का हवाला देते हुए कहा कि म्यांमार के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर जेल से रिहा किए गए लोगों को क्षमा प्रदान किया गया है।
राष्ट्रीय दिवस पर सैन्य परिषद ने घोषणा की कि लगभग 6,000 कैदियों को रिहा कर दिया गया है। उनमें से चार विदेशी और 11 मशहूर हस्तियां थीं। हालांकि, सू की और उनकी अपदस्थ सत्तारूढ़ पार्टी, नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को माफी नहीं दी गई है। बता दें कि 1 फरवरी, 2021 को हुई छापेमारी में आंग सान सू की सहित कई नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल सैन्य तख्तापलट के बाद से म्यांमार राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स के अनुसार, शासन ने तख्तापलट के बाद से 16,232 से अधिक असंतुष्टों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 13,000 से अधिक जुंटा हिरासत में हैं।