सनसनीखेज: अमेरिका में बच्चियों का खतना करते थे ये मुस्लिम डॉक्टर, भारतीय समुदाय में चलता था गुप्त नेटवर्क
आरोप पत्र में कहा गया है कि भारतीय समुदाय के बीच मुस्लिम डॉक्टरों का गुप्त नेटवर्क चलता था और ये डॉक्टर पूरे अमेरिका की यात्रा करते थे और बच्चियों का खतना करते थे।
वॉशिंगटन, सितंबर 18: अमेरिका में नाबालिग बच्चियों का खतना करने के आरोप में एक मुस्लिम डॉक्टर को मुख्य आरोपी ठहरा दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस डॉक्टर को 9 बच्चियों का खतना करने के आरोप में आरोपी ठहराआ गया है और बताया है कि जिन 9 बच्चों का खतना किया गया है, उन सभी का उम्र सात साल है। गुरुवार को डॉक्टर को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया है।
9 बच्चियों का खतना
रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चियों का खतना करने के आरोप में गिरफ्तार की गई डॉक्टर का नाम डॉ. जुमाना नागरवाला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ. जुमाना नागरवाला डॉक्टरों के उस गैंग का हिस्सा हैं, जो अमेरिका में गुप्त तरीके से बच्चियों का खतना करता है। ये डॉक्टर अमेरिका में अलग अलग जगहों पर यात्राएं करते हैं और फिर बच्चियों का खतना करते हैं। डॉ. जुमाना नागरवाला को नवंबर 2018 में पहली बार गिरफ्तार किया गया था और उनपर आरोप लगा था कि वो अमेरिका की अलग अलग शहरों की यात्रा करती हैं और महिलाओं के जननांग का खतना करती है, जिसपर अमेरिका में कठोर प्रतिबंध लगा हुआ है। अमेरिकी संविधान में महिलाओं के जननांग का खतना करने वाली प्रथा को असंवैधिनाक ठहराया गया है। हालांकि, 2018 में डॉ. जुमाना नागरवाला को कोर्ट ने जमानत दे दी थी।
आरोप पत्र में सनसनीखेज खुलासे
कोर्ट में पेश आरोप पत्र में अभियोजकों ने कोर्ट में बताया है कि डॉ. जुमाना नागरवाला भारतीय समुदाय के बीच चलने वाले डॉक्टरों के एक ऐसे सीक्रेट नेटवर्क का हिस्सा थी, जो मजहब और परंपराओं के नाम पर लड़कियों का खतना करते थे। गुरुवार को कोर्ट में कार्रवाई के दौरान दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि कैलिफोर्निया और इलिनोइस में महिला डॉक्टर डॉ. जुमाना नागरवाला भारतीय मुस्लिम दाउदी बोहरा समुदाय की नाबालिग लड़कियों का खतना करती थी। डॉ. जुमाना नागरवाला पर आरोप है कि उन्होंने पांच नाबालिग लड़कियों को खतना करने के लिए वॉशिंगटन की यात्रा की थी।
दर्द से चिल्लाती थीं बच्चियां
रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. जुमाना नागरवाला अमेरिका के लिवोनिया में स्थिति एक क्लिनिक में काम करती हैं, जिसके मालिक डॉ. फखरूद्दीन अत्तर हैं। रिपोर्ट है कि लिवोनिया में चलने वाली क्लिनिक में 9 लड़कियों का खतना किया गया था, जिनमें से चार मिशिगन से थीं, दो लड़कियां मिनेसोटा और तीन लड़कियां इलिनोइस से थीं। नाबालिग बच्चियों के दिए गये बयान के आधार पर कोर्ट में पेश आरोप पत्र में कहा गया है कि खतना करवे के दौरान क्लिनिक के मालिक डॉ. फखरूद्दीन अत्तर और उनकी बीवी फरीदा अत्तर बच्चियों के हाथ पैर को जकड़े रहते थे, जबकि बच्चियां दर्द से चिल्लाती रहती थीं। कोर्ट में पुलिस की तरफ से आरोप लगाया गया है कि बीते एक दशक में डॉक्टरों के इस गिरोह ने करीब 100 से ज्यादा नाबालिग लड़कियों का खतना किया है।
खतना परंपरा पर बोला गया झूठ
कोर्ट में इसी साल मार्च में पुलिस की तरफ से नया अभियोग लगाया गया था, जिसमें कहा गया था कि डॉक्टरों ने खुद भी झूठा बयान दिया और मुस्लिम समाज के लोगों से मजहब के नाम पर झूठा बयान देने के लिए कहा। इन लोगों ने गवाहों को बर्गलाने और सबूतों से छेड़खानी करने की कोशिश की। अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि नागरवाला और उनके तीन साथियों ने एफबीआई से अमेरिकी मुस्लिम समुदाय के एक हिस्से को खतना परंपरा को लेकर झूठ बोलने के लिए उकसाया था। वहीं, खतना का दंश झेल चुकी महिला सामाजिक कार्यकर्ता मारिया चाहेर ने कहा है कि ''ये प्रथा मानवाधिकारों का उल्लंघन है, ये लैंगिंग और सांस्कृतिक हिंसा है और इसमें शामिल लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। आपको बता दें कि खतना प्रथा पर विश्व के 30 से ज्यादा देश पूर्ण प्रतिबंध लगा चुके हैं।