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क्या मंकी पॉक्स अगली महामारी होगी? WHO के डरने की वजह जान लीजिए

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जेनेवा, 21 मईः दुनिया में कोरोना की लहर अभी थमने का नाम नहीं ले रही है कि इसी बीच मंकी पॉक्स वायरस ने खतरे की घंटी बजा दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक कुल 11 देशों में मंकी पॉक्स वायरस के फैलने की पुष्टि की है। अब तक मंकी पॉक्स वायरस के कुल 80 नए मामले सामने आए हैं। WHO ने कहा है कि वे इस वायरस के प्रकोप की सीमा और कारण को बेहतर ढंग से समझने के लिए काम कर रहे हैं।

WHO ने कहा- हालात सामान्य नहीं

WHO ने कहा- हालात सामान्य नहीं

शुक्रवार को WHO ने एक बयान में कहा कि मंकी पॉक्स वायरस कई देशों में कुछ जानवरों की आबादी में स्थानिक (हमेशा से एक सीमा में मौजूदगी) है। इस कारण कई बार स्थानीय लोगों और यात्रियों में कभी-कभार इसका प्रकोप होता है। WHO के मुताबिक वे इस वायरस के फैलने की सीमा और इसके कारण को बेहतर ढंग से समझने के लिए काम कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अभी यह 11 देशों में फैल चुका है। WHO के मुताबिक यह वायरस पहले भी दुनिया में मौजूद रहा है, मगर तब हालात सामान्य थे, लेकिन अब यह एक असामान्य स्थिति है क्योंकि जिन देशों में यह वायरस फैला है वहां इसकी मौजूदगी पहले से नहीं रही है।

अलग तरीके से फैलता है मंकी पॉक्स

अलग तरीके से फैलता है मंकी पॉक्स

WHO के मुताबिक अब तक लगभग 80 मामलों की पुष्टि हुई है और लगभग 50 मामलों की जांच हो रही है। निगरानी के विस्तार के रूप में और मामले आने की संभावना है। WHO ने बताया कि यह वायरस, कोरोना की तुलना में अलग तरीके से फैलता है। यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के द्वारा शरीर में प्रवेश करता है। इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बॉडी फ्लुइड्स को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।

यूरोप में हालात सबसे खराब

यूरोप में हालात सबसे खराब

मंकी पॉक्स वायरस के कुछ मामले अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी देखे गए हैं मगर इस वायरस से यूरोप सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। स्पेन में मंकी पॉक्स के कुल 31 मामले मिले हैं, वहीं, पुर्तगाल में यह आंकड़ा 23 है। ब्रिटेन में इस वायरस के कुल 20 लोग शिकार हुए हैं। वहीं, अमेरिका, स्पेन, कनाडा, फ्रांस, इटली, फ्रांस, बेल्जियम, स्वीडन, स्पेन और ऑस्ट्रेलिया में भी इस वायरस की पुष्टि हुई है।

समलैंगिक पुरूषों में तेजी से फैलाव

समलैंगिक पुरूषों में तेजी से फैलाव

ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि देश में हाल के मामले मुख्य रूप से उन पुरुषों में पाए गए हैं, जिन्होंने समलैंगिक, उभयलिंगी या पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाया था। पुर्तगाल के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब तक जो नए 14 मामले आए हैं वे सभी 20 से 40 वर्ष की आयु के पुरुष हैं। इन्होंने स्वीकार किया है कि हाल के दिनों में इन्होंने समलैंगिकस, उभयलिंगी पुरूषों के साथ संबंध बनाया है।

चेचक के टीके वायरस पर प्रभावी

चेचक के टीके वायरस पर प्रभावी

मंकीपॉक्स आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक चलने वाले लक्षणों के साथ एक स्व-सीमित बीमारी है। इसकी शुरुआत फ्लू जैसी बीमारी और लिम्फ नोड्स की सूजन से होती है, इसके बाद चेहरे और शरीर पर दाने निकल आते हैं। मंकीपॉक्स के लिए कोई विशिष्ट टीका अभी तक बनाया नहीं गया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, चेचक को मिटाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टीके मंकीपॉक्स के खिलाफ 85% तक प्रभावी हैं।

भारत में क्या है स्थिति

भारत में क्या है स्थिति

भारत में मंकी पॉक्स का अभी एक भी संदिग्ध मरीज नहीं पाया गया है, लेकिन फिर भी सरकार इसे अनदेखा नहीं कर रही है। अफ्रीका के बाहर यह बीमारी पहली बार इतनी बड़ी संख्या में रिपोर्ट की जा रही है। इसलिए भारत के स्वास्थ्य अधिकारी इस पर नजर बनाए हुए हैं। भारत सरकार ने मंकीपॉक्स वायरस के प्रकोप के कारण राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और ICMR को सतर्क रहने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेश में मंकी पॉक्स की स्थिति पर नजर रखने, प्रभावित देशों के बीमार यात्रियों को अलग रखने और उनके नमूने की जांच के लिए एआईवी पुणे भेजने को कहा है।

English summary
monkeypox cases in 11 countries, WHO predicts outbreak of this rare disease
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