सिर्फ PM मोदी ही यूक्रेन-रूस के बीच कर सकते हैं शांति कायम, मेक्सिको ने UN में रखी अपनी बात
वाशिंगटन, 23 सितंबरः मैक्सिको ने रूस एवं यूक्रेन के बीच स्थायी शांति स्थापित करने की कोशिश करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पोप फ्रांसिस और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की सदस्यता वाली एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखा है। यूक्रेन पर न्यूयॉर्क में बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक चर्चा के दौरान मैक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो लुइस एब्रार्ड कासौबोन ने यह प्रस्ताव रखा।
मोदी के बयान का पश्चिमी देशों ने किया स्वागत
उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई शंघाई सहयोग संगठन की 22वीं बैठक से इतर पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने रूसी नेता से ''आज का दौर युद्ध का दौर नहीं है'' कहा था। मोदी के इस बयान का अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन सहित कई पश्चिमी देशों ने स्वागत किया। मैक्सिको के विदेश मंत्री ने कहा, ''अपने शांतिवादी रुख के मुताबिक, मैक्सिको का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को शांति स्थपित करने के लिए अपना सर्वोत्तम प्रयास करना चाहिए।
'नरेंद्र मोदी, पोप फ्रांसिस और एंटोनिया गुटेरेस को किया जाए शामिल'
विदेश मंत्री मार्सेलो कासौबोन ने कहा, ''मैं इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की मध्यस्थता के प्रयासों को मजबूत करने के लिए आपके सामने मैक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुएल लोपेज ओब्राडोर का एक प्रस्ताव रखता हूं कि अन्य राष्ट्राध्यक्षों और सरकारों की भागीदारी वाली 'यूक्रेन वार्ता एवं शांति समिति' का गठन किया जाए, जिसमें यदि संभव हो सके तो नरेंद्र मोदी और पोप फ्रांसिस को शामिल किया जाए।''
जिम्मेदारियों को पूरा करने में सक्षम नहीं सुरक्षा परिषद
उन्होंने कहा कि इस समिति का लक्ष्य वार्ता के लिए एक नया मैकेनिज्म बनाना और भरोसा कायम करने के साथ तनाव कम करने, स्थायी शांति का मार्ग खोलने के उद्देश्य से मध्यस्थता के लिए उचित स्थान बनाना होगा। मैक्सिकन विदेश मंत्री ने तर्क दिया कि बातचीत, कूटनीति और प्रभावी राजनीतिक प्रयासों से ही शांति स्थापित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में एक नया विकल्प आजमाए जाने की जरूरत है।
5 साल तक संघर्ष हो समाप्त
बीते महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मेक्सिको के राष्ट्रपति ओब्रोडोर ने कहा था कि उनका लक्ष्य इन तीनों प्रमुख व्यक्तियों को एक साथ लाना है, जो दुनिया भर में युद्ध को समाप्त करने के लिए तेजी से एक योजना प्रस्तुत कर सकें और कम से कम पांच साल तक चलने वाले संघर्ष को देखने के लिए एक समझ विकसित कर सकें। उन्होंने कहा कि दुनिया में पांच साल, बिना तनाव हिंसा के बीतेगा और शांति होगी। इससे युद्ध और उसके प्रभावों से सबसे अधिक पीड़ित लोगों का जीवन बदला जा सकेगा।
मोदी के पास विदेश में एक रुपया जमा नहीं... इमरान खान ने नवाज शरीफ को बताया दुनिया का सबसे भ्रष्ट PM