बच्चों से प्रेम या पत्नी से नफरत? बेटियों की कस्टडी पाने के लिए पिता ने करा लिया जेंडर चेंज, बन गया मां
रामोस अब महिला बन चुका है। सरकारी दस्तावेजों में भी रेने सेलिनास रामोस ने अपना जेंडर पुरुष से महिला करवा लिया है। रामोस ने कहा कीइस देश में एक पिता होने का कोई मतलब नहीं है। अपने बच्चों को पाने के लिए मां बनना पड़ा है।
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प्रेम एक सकारात्मक, जबकि घृणा एक नकारात्मक भावना है। प्रेम अपने सक्रिय रूप में रचनात्मक और सुरक्षात्मक है, जबकि घृणा अपने सक्रिय रूप में विनाशकारी है। यूं तो प्रेम और घृणा दोनों ही एक दूसरे से दूर-दूर रहते हैं लेकिन कई बार ऐसा अवसर भी आता है जब हम यह तय नहीं कर पाते कि अमुक घटना में प्रेम का पलड़ा अधिक भारी है या फिर उसमें घृणा अधिक हावी है। यह सब पढ़कर अनाप बहुत कुछ सोचने लगें इससे पहले हम आपको पूरी खबर बता देते हैं। दरअसल, एक शख्स ने अपनी बेटियों की कस्टडी पाने की खातिर अपना जेंडर चेंज करवा लिया है। जी हां, वह व्यक्ति अब महिला बन चुका है।
इक्वाडोर में 47 वर्षीय रेने सेलिनास रामोस ने अपनी बेटियों की कस्टडी के लिए कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। रामोस की बेटियां वर्तमान में अपनी मां के पास रह रही हैं। पत्नी से अलग होने के बाद रामोस बेटियों को अपने साथ रखना चाहता था, लेकिन उसे इसकी इजाजत नहीं मिल रही थी। इक्वाडोर में कई ऐसे मामले आए हैं जिसमें बच्चों की परवरिश करने को लेकर पिताओं पर उनकी माओं को अधिक तरजीह दी गई है। ऐसे में रामोस ने खुद ही पिता के साथ-साथ मां बनने का भी फैसला कर लिया और उसने अपना लिंग परिवर्तन करवा लिया है।
रामोस अब महिला बन चुका है। सरकारी दस्तावेजों में भी रेने सेलिनास रामोस ने अपना जेंडर पुरुष से महिला करवा लिया है। रामोस ने इक्वाडोर के समाचार आउटलेट ला वोज़ डेल टोमेबाम्बा को बताया कि जब बच्चों की हिरासत की लड़ाई की बात आती है तो उनके देश में कानून पिता के ऊपर माताओं का पक्ष लेते हैं। इसलिए, उन्होंने कानूनी तौर पर अपना लिंग बदलने का फैसला किया। रामोस ने आरोप लगाया कि उनकी बेटियां अपनी मां के साथ अपमानजनक माहौल में रह रही हैं। उन्होंने कहा कि वह उनसे पांच महीने से अधिक समय से नहीं मिले हैं।
रामोस ने स्थानीय मीडिया को बताया, "कानून कहता है कि जिसके पास अधिकार है वह महिला है। इस समय, मैं महिला हूं। अब मैं एक मां भी हूं, मैं खुद को ऐसा ही मानती हूं।" रामोस का कहना है कि अब वो भी 'मां' हैं, इसलिए बेटियों की कस्टडी उन्हें मिलनी चाहिए। रामोस ने आगे कहा, "मैं अपनी कामुकता को लेकर बहुत आश्वस्त हूं। मैंने जो चाहा है, वह यह है कि मैं मां बनना चाहती हूं, ताकि मैं भी मां का प्यार और सुरक्षा दे सकूं।"
रामोस ने कहा, "इस देश में एक पिता होने का कोई मतलब नहीं है। मैं अपने बच्चों से बहुत प्यार करता हूं इसलिए मैंने उनके लिए मां होना चुना है।" रामोस ने कहा कि यह एक गलत धारणा बन चुकी है कि एक पिता अपने बच्चों को मां जितना प्यार नहीं दे सकता है। बच्चों की कस्टडी का ये मामला अब अदालत पहुंच चुका है। रामोस के इस फैसले के बाद अब अदालत को भी यह तय करना मुश्किल होगा कि वह बच्चों की कस्टडी किसे दे?
वहीं, बच्चों की कस्टडी पाने के लिए अपना लिंग बदलने के रामोस के फैसले ने देश में ट्रांस एक्टिविस्ट्स को परेशान कर दिया है। LGBTQ संगठनों के इक्वाडोरियाई संघ के निदेशक डायने रोड्रिग्ज ने, "अपनी बेटियों की कस्टडी हासिल करने के लिए इस आदमी का निजी मामला, कानून की भावना के उलट है।" उन्होंने कहा, "हमें डर है कि विधानसभा में चीजें उल्टी हो जाएंगी और वे हमारे खिलाफ कानून बनाना शुरू कर देंगे।"
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