ट्विटर-मेटा-अमेजन के बाद अब गूगल में भी होगी छंटनी, 10 हजार कर्मचारियों को निकालेगा अल्फाबेट
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना ली है। इसके तहत कमजोर प्रदर्शन वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
जैसे ही मंदी की आहट आती है सबसे पहले टेक कंपनियों में छंटनी की होड़ शुरू हो जाती है। पिछले कुछ महीनों से Twitter, Amazon, Facebook (Meta) जैसी दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में छंटनी की खबरें आ रही हैं। इन तमाम टेक कंपनियों की तरह अब Google की पितृ कंपनी Alphabet ने भी 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी की योजना बनाई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को निकाल बाहर किया जाएगा।
6 फीसदी लोगों की जाएगी नौकरी
गूगल छंटनी करने जैसी किसी प्रकार की योजना बना रही है ऐसी मंशा अब तक कंपनी ने नहीं दिखाई थी लेकिन हजारों कर्मचारियों को निकालने की खबरों से जाहिर है कि गूगल यह बताना चाह रही है कि अब 'बुरे दिन' आ चुके हैं। द इंफॉर्मेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल परफॉर्मेंस इम्प्रूवमेंट और रैंकिंग प्लान योजना लागू करके लगभग दस हजार कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट बताती है कि नई प्रणाली के तहत, कंपनी ने प्रबंधकों से 6 फीसदी स्टाफ को निकालने जा रही है।
कर्मचारियों का बोनस भी रूकेगा
इस योजना के तहत गूगल के प्रबंधक कर्मचारियों की ग्रेडिंग कर उन्हें बोनस व अन्य अनुदान देने से भी रोक सकेंगे। रिपोर्ट बताती है कि नई प्रणाली के तहत उन कर्मचारियों के प्रतिशत को भी कम करती है जो उच्च ग्रेड हासिल कर सकते हैं। बता दें कि अल्फाबेट में लगभग 187,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। अल्फाबेट ने अभी तक रिपोर्ट पर टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले पूर्व में आई रिपोर्ट में कहा गया था कि कंपनी स्टाफ को जॉब कट की दशा में नई भूमिका के लिए आवेदन करने के लिए 60 दिन का वक्त देगी।
पिछले साल के मुकाबले कम हुआ मुनाफा
अमेरिकी सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल अल्फाबेट ने अपने कर्मचारी को औसत रूप से करीब 25 करोड़ वेतन भत्तों के रूप में प्रदान किए थे। हालिया समय में मंदी की खबरों के बीच कहा गया है कि गूगल सीईओ सुंदर पिचाई कंपनी की क्षमता में 20 फीसदी इजाफा चाहते हैं। कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो अल्फाबेट को तीसरी तिमाही में 13.9 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ है। यह पिछले साल के मुकाबले 27 प्रतिशत कम है।
टेक कंपनियों में हो रही भारी छंटनी
दरअसल, टेक कंपनियों ने अर्थव्यवस्था के कमजोर हालात व अपनी स्थिति को देखते हुए बड़े पैमाने पर छंटनी शुरू की है। इसकी शुरुआत ट्विटर, मेटा, अमेजन, सेल्सफोर्स जैसी कंपनियों ने की, जो अब गूगल तक पहुंच गई है। गूगल की छंटनी से पहले तक इस साल बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में करीब 1,20,000 कर्मचारियों की नौकरी जा चुकी है। यह अमेरिकी टेक इंडस्ट्री की पिछले दो दशक में सबसे बड़ी छंटनियों में से एक है। इसे वैश्विक मंदी की आहट के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या आ गई वैश्विक मंदी ?
साल 2020 में कोरोना महामारी की वजह से कई कंपनियों ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकाला था। हालांकि, इस दौरान टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की छंटनी नहीं की थी, लेकिन जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से उबर रही है, टेक कंपनियां अपने कर्मचारियों की छुट्टी कर रही हैं। Amazon ने 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है। मेटा ने कुछ दिन पहले 11,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की थी। ट्विटर भी अब तक लगभग दस हजार कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है।