मुंबई हमले के आरोपी लखवी की कैमरा के सामने होगी सुनवाई
इस्लामाबाद। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को पाकिस्तान सरकार के उस आवेदन को स्वीकार कर लिया, जिसमें मुंबई हमले के कथित मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी की हिरासत पर दस्तावेज सौंपने के लिए सुनवाई बंद कमरे में करने की मांग की गई थी।
पाकिस्तान सरकार और संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने सर्वोच्च न्यायालय में दो भिन्न आवेदन दायर किए थे, जिन्हें इस्लामाबाद उच्च न्यायालय भेज दिया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय से यह भी कहा था कि वह 30 दिसंबर के अपने उस निर्णय की समीक्षा करे, जिसमें उसने लखवी को सशर्त रिहा करने का आदेश दिया था।
एफआईए ने अपनी याचिका में इस्लामाबाद की एक आतंकवाद निरोधी अदालत के उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसमें लखवी को जमानत दे दी गई थी। सरकार ने हालांकि सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने से संबंधित अध्यादेश के तहत लखवी को अदियाला जेल में हिरासत में बनाए रखा।
मुंबई में 2008 में 26 नवंबर से लेकर 29 नवंबर तक चले आतंकवादी हमले में शामिल रहे आतंकवादियों को कथित तौर पर प्रशिक्षण देने और उन्हें सुविधाएं मुहैया कराने के आरोप में एफआईए की विशेष जांच इकाई ने लखवी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसके बाद 19 फरवरी, 2009 से लखवी कारागार में कैद है। मुंबई हमले में कुल 166 व्यक्ति मारे गए थे, जिनमें कई विदेशी नागरिक शामिल थे।