जिनपिंग से पहली बातचीत में Biden ने दिखाए तेवर, हांगकांग और उइगरों पर अत्याचार का उठाया मुद्दा
Joe Biden Talks Xi Jinping: वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के 20 दिन बाद जो बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से पहली बार फोन पर बात की। पहली बातचीत में ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने तेवर साफ कर दिए हैं। इस बातचीत में राष्ट्रपति बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति के समकक्ष व्यापार के साथ ही हॉन्ग-कॉन्ग में लोकतंत्र समर्थकों पर दमनात्मक कार्रवाई और मानवाधिकारों का मुद्दा उठाया।
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दोनों नेताओं ने ऐसे समय में बात की है जब बाइडेन ने कुछ घंटे पहले ही पेंटागन टास्क फोर्स को चीन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की समीक्षा करने की घोषणा की थी और अमेरिकी राष्ट्रपति ने म्यांमार में सैन्य तख्ता पलट करने पर वहां के सैन्य नेताओं पर प्रतिबंध लगाए हैं।
मानवाधिकारों
का
उठाया
मुद्दा
व्हाइट
हाउस
ने
जारी
बयान
में
कहा
गया
है
कि
बाइडेन
ने
बीजिंग
के
जबरदस्त
और
अनुचित
आर्थिक
व्यवहारों
के
बारे
में
चिंता
व्यक्त
की।
साथ
ही
बाइडेन
ने
हॉन्गकॉन्ग
में
बीजिंग
की
दमनात्मक
कार्रवाई,
शिनजियांग
में
उइगर
मुस्लिमों
पर
अत्याचार
और
नस्लीय
अल्पसंख्यकों
के
खिलाफ
चीन
में
होने
वाले
मानवाधिकारों
को
हनन
के
मुद्दे
पर
जोर
दिया।
इसके
साथ
ही
बाइडेन
ने
ताइवान
को
लेकर
भी
अपने
चीनी
समकक्ष
से
बातचीत
की।
अमेरिका और चीन के बीच पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल से ही तनाव बढ़ा हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी कंपनियों पर सख्त एक्शन लिया था वहीं चीन के लिए कांटे की तरह खटकने वाले ताइवान पर भी पुराने राष्ट्रपतियों से बिल्कुल अलग रुख अपनाया था। ट्रंप के कार्यकाल में ही साल 2020 में पहली बार अमेरिका का कोई मंत्री 40 सालों में पहली बार ताइवान पहुंचा था। इसके साथ ही ताइवान के साथ बड़ा हथियार सौदा भी हुआ था। चीन ने इन सबका कड़ा विरोध किया था।
बीजिंग
को
संबंध
सुधरने
की
उम्मीद
बीजिंग
को
उम्मीद
थी
कि
राष्ट्रपति
बनने
के
बाद
जो
बाइडेन
अपने
पूर्ववर्ती
ट्रंप
से
अलग
चलेंगे
और
चीन
को
राहत
देंगे।
बाइडेन
के
राष्ट्रपति
बनने
के
बाद
चीन
के
सरकारी
मीडिया
में
एक
लेख
में
कहा
गया
था
कि
दोनों
देशों
के
संबंध
एक
चौराहे
पर
खड़े
हैं
और
नए
अमेरिकी
प्रशासन
को
इसे
सही
रास्ते
पर
चलकर
विश्वास
पैदा
करने
की
सलाह
दी
थी।
लेकिन
अमेरिकी
राष्ट्रपति
ने
जिनपिंग
के
साथ
पहली
ही
बातचीत
में
जिस
तरह
से
चीन
को
चुभने
वाले
मुद्दे
उठाए
हैं
लगता
है
कि
चीन
समझ
गया
होगा
कि
अमेरिका
के
तेवर
अभी
बदलने
वाले
नहीं
हैं।
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