जब सीमा विवाद पर पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लिखा चीनी पीएम को खत
बीजिंग। भारत और चीन के बीच पिछले कुछ दिनों से डोकलाम क्षेत्र की वजह से काफी तनाव बना हुआ है। अब इसी विवाद के बीच उस चिट्ठी का जिक्र भी सामने आया है जो पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपने चीनी समकक्ष को सन् 1959 में लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि चीन, भूटान के एक बड़े हिस्से पर अपना दावा जता रहा है।
नेहरू को लेकर झूठ बोल रहा है चीन
इस चिट्ठी में सिक्किम के संबंध में सन् 1890 में चीन और अंग्रेजों के बीच हुई उस संधि का भी जिक्र किया है जिसके बारे में चीन का कहना है कि नेहरू उस संधि को मान लिया था। नेहरु ने चीन के दावे से अलग चीन को यह बताया कि वह भूटान के बड़े हिस्से पर दावा कर रहा है। पंडित नेहरू ने अपने चीनी समकक्ष चाउ एन लाई को 26 सितंबर, 1959 को यह चिट्ठी भेजी थी। उन्होंने इसमें लिखा था, 'आपके इस बयान का ठीक-ठीक प्रभाव हमें स्पष्ट नहीं है कि सिक्किम और भूटान की सीमा मौजूदा चर्चा के दायरे में नहीं आती है।' न्यूज एजेंसी पीटीआई को बीजिंग में हासिल हुए इस चिट्ठी में नेहरू ने कहा था, 'दरअसल, चीनी मानचित्र भूटान के बड़े हिस्से को तिब्बत का हिस्सा बताते हैं।' सीमा विवाद पर भारत के रुख को उजागर करते हुए लंबे-चौड़े पत्र में नेहरू ने लिखा था कि भूटान के साथ संधि के तहत भूटान के बाहरी संबंधों के संबंध में अन्य सरकारों के साथ मामलों को उठाने के लिए एकमात्र सक्षम प्राधिकार भारत सरकार है और उसने भूटान सरकार की तरफ से कई मामले चीन के समक्ष उठाए हैं।
एक माह से जारी है दोनों देशों के बीच टेंशन
उन्होंने लिखा, 'तिब्बत के साथ भूटान की सीमा के संबंध में चीनी मानचित्र में गलती में सुधार का मामला ऐसा है, जिस पर उसी क्षेत्र में चीन के तिब्बत क्षेत्र के साथ भारत की सीमा के साथ चर्चा की जानी है।' चीनी नक्शे में भूटान के बड़े हिस्से को चीन के हिस्से के तौर पर दर्शाए जाने की बात पर जोर देने के बाद नेहरू ने 1890 के चीन और अंग्रेजों के बीच हुए समझौते का उल्लेख किया था, जिसके जरिये सिक्किम पर भारत की संप्रभुता मंजूर की गई थी।' इस 1890 की संधि ने सिक्किम और तिब्बत के बीच सीमा को भी परिभाषित किया और बाद में 1895 में सीमा का सीमांकन हुआ. इसलिये तिब्बत क्षेत्र के साथ सिक्किम की सीमा को लेकर कोई विवाद नहीं है।' साथ ही उन्होंने कहा, 'यह कहना गलत है कि भूटान का सीमांत पूर्व जैसा कि चीनी मानचित्र में दिखाया गया है, वह पारंपरिक सीमांत है। इसके विपरीत, यह मैकमोहन रेखा है जो इस क्षेत्र में पारंपरिक सीमा का सही प्रतिनिधित्व करती है। हिमालय की चोटियों द्वारा बनाया गया जल विभाजन प्राकृतिक सीमांत है, जिसे दोनों तरफ के लोगों ने सदियों से सीमा के तौर पर स्वीकार किया है।' चीन और भारत के बीच तकरीबन एक महीने से डोकलाम में तनातनी चल रही है। सिक्किम एकमात्र राज्य है जिसकी चीन के साथ सीमांकित सीमा है। सिक्किम मई 1976 में भारत का हिस्सा बना।