यूक्रेन संकट के बीच फिर बढ़ सकता है भारत-चीन तनाव, एस. जयशंकर ने चीन को दी बड़ी चेतावनी
पैंगोंग सो झील क्षेत्र में जून 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुआ था, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गये थे और चीन के कितने सैनिक मारे गये थे, इसपर अभी भी विवाद है।
पेरिस/नई दिल्ली, फरवरी 23: कुछ तानाशाहों की वजह से इस वक्त दुनिया विश्वयुद्ध के कगार पर खड़ी है। रूस और यूक्रेन तनाव से पूरी दुनिया सहमी हुई है तो दूसरी तरफ एक बार फिर से भारत और चीन के बीच का तनाव बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि, चीन के साथ अभी कई तनाव वाले प्वाइंट्स पर विवाद बाकी हैं और दोनों देशों के रिश्ते अभी भी नाजुक दौर से गुजर रहे हैं।
चीन पर क्या बोले एस. जयशंकर
भारत के विदेश मंत्री ने चीन के साथ चल रहे तनाव को लेकर कहा कि, ''भारत और चीन के सैन्य कमांडर्स के बीच अभी तक 13 दौर की बातचीत हुई है, जिसका मकसद डिसइंगेजंमेंट था। और बातचीत के जरिए हमने तनाव प्वाइंट्स पर विवाद सुलझाने महत्वपूर्ण प्रगति की है। लेकिन, अभी भी कुछ प्वाइंट्स हैं, जिन्हें अभी भी सुलझाया जाना बाकी है। फ्रांस दौरे पर गये भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि, ''हम पूरी तरह से स्पष्ट हैं कि, एलएसी को एक तरफ से एकतरफा बदलने का कोई भी प्रयास और यथास्थिति में किसी भी बदलाव के लिए सहमत नहीं होंगे''। पिछले एक हफ्ते में ये दूसरी बार है, जब भारतीय विदेश मंत्री ने चीन के सामने भारत के इरादे को स्पष्ट किया है। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री ने कहा था कि, भारत और चीन के बीच के रिश्ते नाजुक दौर से गुजर रहे हैं।
विदेश मंत्री के बयान से बौखलाया ड्रैगन
वहीं, भारतीय विदेश मंत्री ने जब पिछले हफ्ते भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर बयान दिया था, उससे ड्रैगन बुरी तरह से बौखलाया हुआ है और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की भोंपू मीडिया ने कहा था कि, ''सीमा विवाद को भारत अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है''। ग्लोबल टाइम्स ने इसके साथ ही चीन को इस मुद्दे पर सतर्क रहने तक की सलाह दे डाली। भारतीय विदेश मंत्री ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दौरान चीन सीमा विवाद का मुद्दा उठाया था और एक पैनल डिबेट के दौरान कहा था कि, भारत और चीन संबंध काफी कठिन दौर से गुजर रहे हैं और चीन ने सीमा समझौतों का खुलेआम उल्लंघन किया है।
सीमा विवाद से संबंधों पर असर
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि, निश्चित तौर पर सीमा विवाद का भारत-चीन संबंध पर असर पड़ता है। वहीं, भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि, भारत और पश्चिमी देशों के बीच के संबंध जून 2020 भारत-चीन संघर्ष से पहले भी अच्छे ही थे। आपको बता दें कि, पैंगोंग सो झील क्षेत्र में जून 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुआ था, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गये थे, जबकि चीन ने करीब 10 महीने बाद कबूल किया, कि उसके पांच सैनिक मारे गये। हालांकि, चीन का दावा विवादास्पद है और रूसी खुफिया एजेंसी ने दावा किया था कि, चीन के कम से कम 45 सैनिक भारत के साथ संघर्ष में मारे गये थे।
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