मस्जिद नहीं, मुसलमानों पर नया कानून.. इटली की नई प्रधानमंत्री का 'कट्टर' भाषण भारत में वायरल
जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि, 'चूंकी हम इटली में रहते हैं, इसीलिए उन्हें इटली के कानून का पालन करना होगा। और हम इटली में रहते हैं, इसीलिए मस्जिदों के अंदर जो भी बातचीत होगी, वो इटालियन भाषा में होगी।
रोम, सितंबर 28: इटली की प्रधानमंत्री बनने वाली जॉर्जिया मेलोनी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो मुसलमानों को लेकर नये कानून बनाने की बात कह रही हैं। जॉर्जिया मेलोनी की विचारधारा धूर दक्षिणपंथी और कहा जाता है, कि उनकी विचारधारा मुसोलिनी की विचारधारा से प्रेरित है और 100 सालों के बाद इटली में फिर से फासीवाद लौट आया है। जियोर्जिया मेलोनी का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसमें वो मुस्लिमों के खिलाफ आक्रामक बयान देती नजर आ रही हैं और कह रही है, कि उनकी सरकार जब नया कानून बनाएगी, उसके बाद ही इटली में किसी भी मस्जिद को बनने की इजाजत दी जाएगी।
मस्जिदों को लेकर बनेंगे नये नियम
मशहूर स्कॉलर तारिक फतह ने जॉर्जिया मेलोनी का वीडियो अपने अकाउंट पर शेयर किया है, जिसमें वो मुसलमानों और मस्जिदों को लेकर बात करती नजर आ रही हैं। वीडियो में जियोर्जिया मेलोनी कह रही हैं कि, 'हम लोग अभी मार्सियानो, उम्ब्रिया में हैं, और ये वो क्षेत्र है, जहां पर एक नये मस्जिद का निर्माण होना है, लेकिन हम यहां पर पहुंचे हैं और हमने नये मस्जिद के निर्माण को रोक दिया है। जब तक हम नया नियम नहीं बना देते हैं, तब तक किसी भी नये मस्जिद का निर्माण नहीं होगा। हम मस्जिदों के निर्माण को नियंत्रित करेंगे, क्योंकि ये नागरिकों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। ये कानून लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी है, जिसे हमारी 'ब्रदर्स ऑफ इटली' पार्टी ने ड्राफ्ट किया है।' उन्होंने वीडियो में आगे कहा है कि, 'हम इमामों के लिए प्रोफेशनल कानून लेकर आएंगे और उन्हें वो पालन करना होगा। हम जानना चाहता हैं, कि मस्जिदों के अंदर किस तरह के लोग शिक्षा देने का काम करते हैं।'
'मानना होगा इटली का कानून'
नई प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि, 'चूंकी हम इटली में रहते हैं, इसीलिए उन्हें इटली के कानून का पालन करना होगा। और हम इटली में रहते हैं, इसीलिए मस्जिदों के अंदर जो भी बातचीत होगी, वो इटालियन भाषा में होगी, ताकि वो जो कह रहे हैं, उसे हर कोई समझ सके। इसके साथ ही हम ये भी जानना चाहते हैं, कि इन मस्जिदों को और इनके सांस्कृतिक संस्थानों को कौन फंड कर रहा है, क्योंकि इसमें कोई रहस्य नहीं है, कि इन मस्जिदों को और ज्यादातर सांस्कृतिक सेंटर्स को कट्टरपंथी देशों से फंड दिया जाता है। इन मस्जिदों और सांस्कृति संस्थानों को सऊदी अरबिया और कतर जैसे देशों से फंड किया जाता है, जहां पर हाथ के बदले हाथ काट लेने का कानून है, जहां पर बात बात पर फांसी देने का कानून है। जहां पर होमोसेक्स के लिए फांसी है, पत्थर मारना सजा में शामिल है, और जहां पर महिलाओं के पास कोई अधिकार नहीं हैं। और उनके शासन का जो मॉडल है, उसकी कोई झलक हम अपने देश में नहीं देखना चाहते हैं और उसका कोई प्रचार हम अपने देश में नहीं चाहते हैं।'
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इस्लामिक कट्टरपंथियों के लिए सख्त कानून
उन्होंने कहा कि, ' हम इस्लामिक कट्टरपंथियों के लिए सख्त सजा का कानून बनाएंगे, और दुर्भाग्य से इस्लामिक चरमपंथ एक सच्चाई है, जिसका हम हर दिन सामना करते हैं। हमने पिछले दिनों इस्लामिक चरमपंथ का सामना किया है और हमने पिछले दिनों देखा था, कि किस तरह से एक इस्लामिक चरमपंथी ने क्रास पहनने पर एक शख्स का करीब करीब गला काट ही दिया था। और उसने ये काम ऐसे किया, मानो इटली में क्रास पहनने पर पाबंदी लगी हो।' उन्होंने कहा कि, 'इसीलिए हम कह रहे हैं, कि हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सख्ततम कानून बनाएंगे और तब तक किसी और मस्जिद को बनने की इजाजत नहीं देंगे, जब तक हम नये कानून को पास नहीं करवा लेते हैं।'
मुस्लिम शरणार्थियों को मानती हैं खतरा
प्रमुख मध्यमार्गी दल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता एनरिको लेत्ता ने ब्रिटिश अखबार द फाइनेंशियल टाइम्स से बातचीत में कहा कि, मेलोनी के शासनकाल में यूरोप का भविष्य कम मजबूत और कम सुरक्षित हो जाएगा। उनका नजरिया यूरोप समर्थक नहीं है। उनका नजरिया यूरोप समर्थक नहीं है। मेलोनी यूरोपीय संघ पर इटली की नस्ल बदलने का भी आरोप लगाती हैं। मेलोनी ने कहा कि शरणार्थी खासकर मुस्लिम शरणार्थी देश के लिए खतरा साबित होते हैं। उन्होंने अपने चुनावी कैम्पेन में मुस्लिम शरणार्थियों के खिलाफ जमकर प्रचार किया था।
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