गोटाबाया के श्रीलंका लौटने से बढ़ सकते हैं तनाव, राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे बोले, लौटने का यह सही समय नहीं
सिंगापुर में भी पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा है कि, श्रीलंका के हालात को देखते हुए गोटाबाया राजपक्षे के लिए देश वापस लौटने का सही समय नहीं है।
कोलंबो, 1 अगस्त : श्रीलंका दिवालिया हो चुका है। इस स्थिति में गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए देश छोड़कर भाग गए। इसके बाद वहां के हालात और भी ज्यादा बिगड़ गए। महंगाई और सरकार की लचर आर्थिक नीतियों से परेशान जनता ने राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास पर धावा बोल (sri lanka political crisis) दिया था। इसके बाद गोटाबाया राजपक्षे ने तुरंत राष्ट्रपति के सरकारी आवास को छोड़कर निकल गए। इसके बाद वे मालदीव से होते हुए सिंगापुर चले गए। हालांकि, वहां भी उनके हालात सही नजर नहीं आ रहे हैं। सिंगापुर में भी उनकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा है कि, श्रीलंका के हालात को देखते हुए पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के लिए देश वापस लौटने का सही समय नहीं है। उनके लौटने से देश में तनाव बढ़ सकता है।
गोटाबाया की परेशानी नहीं हो रही है कम
गोटाबाया राजपक्षे की परेशानी अब कम होने के बजाए बढ़ते ही जा रहे हैं। गोटाबाया के खिलाफ सिंगापुर में एक आपराधिक शिकायत ( right group seeks Arrest Gotabaya files a criminal complaint) दर्ज कराई गई है। बता दें कि, श्रीलंका में कथित दुर्व्यवहारों का दस्तावेजीकरण करने वाले एक अधिकार समूह ने सिंगापुर के अटॉर्नी-जनरल के पास एक आपराधिक शिकायत दर्ज की है, जिसमें दक्षिण एशियाई राष्ट्र के दशकों पुराने गृहयुद्ध में उनकी भूमिका के लिए पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग की गई है।
यह गोटाबाया के लिए लौटने का सही समय नहीं है
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश लौटने का यह सही समय नहीं है क्योंकि इससे राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है। विक्रमसिंघे ने जर्नल के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह उनके लौटने का समय है।" "मेरे पास उनके जल्द लौटने के कोई संकेत नहीं दिख रहे है।'बता दें कि, गोटाबाया राजपक्षे 13 जुलाई को देश छोड़कर भाग गए थे। इसके एक सप्ताह बाद रानिल विक्रमसिंघे संसद में हुए चुनाव में जीत हासिल कर देश के राष्ट्रपति बन गए।
देश को मुसीबत में डालकर देश छोड़कर भाग गए थे गोटाबाया राजपक्षे
श्रीलंका को राजनीतिक संकट में डालकर गोटाबाया राजपक्षे 13 जुलाई को श्रीलंका से सिंगापुर भाग गए थे। सिंगापुर जाने से पहले वे मालदीव भी रुके थे, हालांकि, वहां मचे जबर्दस्त हंगामें के बाद गोटाबाया वहां से सीधे सिंगापुर चले गए। वहां भी वे चैन से नहीं बैठ पा रहे हैं। सिंगापुर की सरकार ने कहा है कि, गोटाबाया को उन्होंने शरण नहीं दिया है, वे निजी यात्रा पर देश के भ्रमण पर आए हुए हैं।
श्रीलंका के राष्ट्रपति बने रानिल विक्रमसिंघे
वहीं, देश की स्थिति को सुधारने के लिए श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव कराए गए। रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, गोटबाया सरकार के करीबी और गृह मंत्री रहे दिनेश गुणेवर्दना को श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई। अब देखना है कि राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और दिनेश गुणेवर्दना देश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर ला पाने में सफल होते हैं अथवा नहीं। बाकी, देश की जनता आर्थिक संकट और घोर महंगाई से जूझ ही रही है।
कैसे बदलेंगे देश के हालात
अब इन सबके बीच गोटाबाया के श्रीलंका वापस लौटने की बात हो रही है तो राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि यह समय उनके (गोटाबाया राजपक्षे) लिए देश लौटने का नहीं है, क्योंकि यहां के राजनीतिक हालात अभी ठीक नहीं है।
ये भी पढ़ें : रूसी हमले में यूक्रेन के बड़े अनाज निर्यातक की मौत, हाल ही में हुआ था खाद्यान्न समझौता