जर्मनी जाने वाली पाइपलाइन में रिसाव से यूरोप हुआ नाराज, क्या रूस ने जानबूझकर किया विस्फोट?
रूस और जर्मनी के बीच बाल्टिक सागर में नेचुरल गैस की दो पाइपलाइन में रिसाव के बाद इसके पीछे साजिश की आशंका जताई जा रही है। पाइपलाइनों में रिसाव का कारण तोड़फोड़ बताया जा रहा है।
कोपेनहेगन, 28 सितंबरः रूस और जर्मनी के बीच बाल्टिक सागर में नेचुरल गैस की दो पाइपलाइन में रिसाव के बाद इसके पीछे साजिश की आशंका जताई जा रही है। पाइपलाइनों में रिसाव का कारण तोड़फोड़ बताया जा रहा है। डेनमार्क, पोलैंड, स्वीडन और जर्मनी का कहना है कि जान-बूझकर पाइपलाइन से छेड़छाड़ की गई है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह कृत्य किसका है। डेनमार्क के पीएम ने इसका इल्जाम रूस पर लगाया है वहीं यूरोपीय नेताओं का भी दावा है कि यह तोड़फोड़ रूस द्वारा जानबूझ कर की गई है। यूरोप ने इसको लेकर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
यूरोपीय संघ ने कहा जानबूझकर किया क्षतिग्रस्त
यूरोपीय संघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि संदेह है कि पानी के नीचे बनी दो प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को जानबूझकर क्षतिग्रस्त किया गया। ईयू के 27 सदस्य देशों की ओर से जारी एक बयान में बोरेल ने कहा, सभी उपलब्ध जानकारी व सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि रिसाव जानबूझकर किए गए कृत्यों का परिणाम है। उन्होंने कहा, यूरोपीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे में जानबूझकर कोई भी व्यवधान डालने की कोशिश पूरी तरह से अस्वीकार्य है। एकजुटता से इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।
डेनमार्क ने रूस पर लगाया इल्जाम
पाइपलाइन में यह समस्या ऐसे समय पर आई है जब पोलैंड और यूरोप को रूसी गैस आपूर्ति से अलग करने के लिए तैयार पाइपलाइन का उद्घाटन होना है। डेनमार्क के प्रधान मंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने इस घटना को "जानबूझकर किए गए कृत्यों" के रूप में वर्णित किया और कहा कि यह एक दुर्घटना नहीं थी। वहीं, पोलैंड के पीएम माटुस्ज़ मोरवीकी ने कहा कि यह जानबूझ कर किया गया है जो "शायद यूक्रेन में स्थिति के बढ़ने के अगले चरण को चिह्नित करता है"। इसके अलावा स्वीडन की निवर्तमान प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन ने भी विस्फोट की पुष्टि की है। हालांकि विदेश मंत्री एन लिंडे ने कहा कि वे इस विस्फोट के उद्देश्यों पर अटकलें नहीं लगाएंगे।
मंगलवार को हुआ था पाइपलाइन में विस्फोट
इससे पहले स्वीडन के राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क ने मंगलवार को बाल्टिक सागर के नीचे रूसी गैस पाइपलाइन में असामान्य रिसाव के पास दो विस्फोटों का पता लगाया था। जिसके बाद पोलैंड और डेनमार्क के नेताओं और विशेषज्ञों ने रूस से बाल्टिक सागर होते हुए जर्मनी पहुंचने वाली प्राकृतिक गैस की दो पाइपलाइन में हुए असामान्य रिसाव को लेकर इनके साथ छेड़छाड़ किए जाने की आशंका जताई है। नॉर्ड स्ट्रीम 1 और 2 पाइपलाइन हाल के महीनों में भू-राजनीतिक तनाव के केंद्र में रही हैं क्योंकि रूस ने यूक्रेन पर अपने आक्रमण के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों के खिलाफ संदिग्ध प्रतिशोध में यूरोप को गैस की आपूर्ति में कटौती की थी।
एक सप्ताह तक रिसता रहेगा मिथेन गैस
हालांकि ये पाइपलाइन चालू नहीं हैं मगर ये गैस से भरे हैं ऐसे में डेनमार्क को इससे मीथेन गैस के रिसाव की उम्मीद है। ऐस में अनुमान लगाया जा रहा है कि कम से कम एक सप्ताह तक पानी के नीचे पाइप मीथेन गैस का निकलना जारी रहेगा। हालांकि इस रिसाव से ऊर्जा आपूर्ति को खतरा नहीं है क्योंकि रूस इस पाइपलाइन के जरिए गैस की आपूर्ति नहीं कर रहा है। डेनमार्क के समुद्री मामलों के अधिकारियों ने पोतों को चेतावनी दी है और रिसाव वाले क्षेत्र में आवाजाही रोक दी है ताकि नौका या पोत इस क्षेत्र से न गुजर सके।
रूस ने भी घटना पर जताई निराशा
ये पाइपलाइन समंदर में 80 से 110 मीटर की गहराई में हैं और इससका व्यास 1.153 मीटर है। विशेषज्ञों ने कहा है कि इसमें विस्फोट के बाद पर्यावरण पर इसका सीमित प्रभाव होगा। वहीं रूस ने भी इस घटना पर निराशा जताया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने रिसाव को 'बेहद चिंताजनक बताया है।' पत्रकारों के साथ कांफ्रेंस कॉल में प्रवक्ता ने कहा, 'यह अभूतपूर्व स्थिति है जिसकी तत्काल जांच किए जाने की जरूरत है। हम इस खबर को लेकर बहुत चिंतित हैं।' यह पूछने पर कि क्या किसी ने जानबूझकर ऐसा किया होगा।
क्या रूस ने जानबूझकर किया विस्फोट?
वहीं, कई जानकारों का ऐसा मानना है कि पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाने का काम केवल रूस ही कर सकता है। क्योंकि वह चाहता है कि यूरोप की मार्केट पर उसका दबदबा रहे और अगर वह कोई कदम उठाए तो उसका प्रभाव यूरोप पर पड़े। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि तकनीकी दिक्कत और मरम्मत की कमी की वजह से भी पाइपलाइन में लिकेज हो सकता है। वहीं यूक्रेन का कहना है कि यह मॉस्को द्वारा किया गया आतंकी हमला है जो कि यूरोपीय यूनियन पर भड़कने की वजह से किया गया है।
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