ईरान में एंटी-हिजाब प्रदर्शन के पीछे अमेरिका-इजरायल, सर्वोच्च नेता ने तोड़ी चुप्पी, कहा, दिल में दर्द है
ईरान की सरकारी टीवी ने बताया है कि, प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के बीच हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 तक पहुंच चुकी है। हालांकि, स्वंतत्र रिपोर्टों में मौत के आंकड़े 90 से ज्यादा दिखाए गये हैं।
तेहरान, अक्टूबर 03: ईरान में पिछले 3 हफ्तों से चल रहे एंटी-हिबाज प्रदर्शन को लेकर पहली बार ईरान के सर्वोच्च नेता ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और उन्होंने महिलाओं के प्रदर्शन के लिए अमेरिका और इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने सोमवार को सार्वजनिक रूप से ईरान में पिछले कई सालों के बाद चल रहे सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों का जवाब दिया, और उन्होंने महिलाओं के प्रदर्शन को "दंगा" कहा है। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका और इजराइल पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाने के लिए उनकी निंदा की है।
ईरान के सर्वोच्च नेता ने क्या कहा?
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने कहा कि, ईरान की मोरल पुलिस की हिरासत में 22 साल की ईरानी कुर्दिश लड़की महसा अमिनी की मौत से उनका "दिल टूट गया" है, जिसकी वजह से ईरान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। हालांकि, उन्होंने ईरान को अस्थिर करने के लिए एक विदेशी साजिश के रूप में विरोध प्रदर्शनों की तीखी निंदा की। ईरान के सर्वोच्च नेता का बयान उसी तरह का है, जो लगातार ईरान अधिकारी कहते आए हैं और इजरायर और अमेरिका पर ईरान को अस्थिर करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने राजधानी तेहरान में पुलिस छात्रों के एक कैडर को संबोधित करते हुए कहा कि, "इस दंगे की योजना बनाई गई थी।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "इन दंगों और असुरक्षाओं को अमेरिका और ज़ायोनी शासन और उनके कर्मचारियों ने डिज़ाइन किया था।" ईरानी सर्वोच्च नेता ने ईरानी लड़कियों को हिजाब जलाने, स्कार्फ को फाड़ने और पुलिस की कारों में आग लगाने की घटना को असामान्य और अप्राकृति करार दिया है।
ईरान में तीसरे हफ्ते हिंसक प्रदर्शन
ईरान की सरकारी टीवी ने बताया है कि, प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के बीच हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 तक पहुंच चुकी है। हालांकि, स्वंतत्र रिपोर्टों में मौत के आंकड़े 90 से ज्यादा दिखाए गये हैं। वहीं, स्थानीय अधिकारियों ने कम से कम 1,500 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया है और अनगिनत लोगों को पकड़ा है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ईरानी अधिकारियों ने बार-बार विदेशी ताकतों और निर्वासित विपक्षी समूहों पर बिना सबूत दिए अशांति फैलाने का आरोप लगाया है। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि, महसा अमीनी की मौत जनता के विरोध प्रदर्शन के पीछे का बस एक कारक है। लड़की की मौत के अलावा देश में आई आर्थिक तंकी, उच्च बेरोजगारी, सामाजिक प्रतिबंध और राजनीतिक दमन भी अलग अलग कारक हैं, जिसने लोगों के दिल में सरकार के प्रति भारी गुस्सा भर रखा है। वहीं, ईरानी अधिकारियों ने पूरे ईरान का बाहरी देशों से इंटरनेट संपर्क काट दिया है।
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विश्वविद्यालयों में हो रहे हैं प्रदर्शन
ईरान में इस वक्त नया शैक्षणिक वर्ष भी शुरू हुआ, लेकिन विश्वविद्यालयों के खुलने के साथ ही विश्वविद्यालय परिसरों में भी प्रदर्शन शुरू हो गये हैं, लिहाजा कई विश्वविद्यालयों को फिर से बंद कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वविद्यालयों में जमकर सरकार विरोधी नारेबाजी की जा रही है। छात्र इस्लामिक सरकार को भंग करने की मांग कर रहे हैं और महिलाओं के लिए पूरी आजादी मांग रहे हैं। विश्वविद्यालयों में हिजाब जलाए गये हैं। वहीं, राजधानी तेहरान में शाहिद बेहेश्ती विश्वविद्यालय में छात्रों ने चिल्लाते हुए कहा कि, "इसे विरोध मत कहो, यह अब एक क्रांति है।" ईरान के कानून के विरोध में महिलाओं ने अपने हिजाब उतार दिए और उन्हें आग लगा रही हैं। वहीं, ईरान में काफी संख्या में महिलाओं को बगैर हिजाब सड़कों पर निकलता देखा जा सकता है। उत्तरी ईरान के माज़ंदरान विश्वविद्यालय में छात्रों की भीड़ का कहना है कि, "छात्र जाग रहे हैं, वे नेतृत्व से नफरत करते हैं!"
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