ईरान के राष्ट्रपति रुहानी से मिलने को तैयार हैं ट्रंप
अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी से मुलाक़ात की पेशकश की है.
अमरीका के ईरान परमाणु संधि से बाहर आ जाने के बाद बीते मई से दोनों देशों के बीच रिश्ते तल्ख़ हुए हैं.
अब राष्ट्रपति ट्रंप का अहम बयान आया है कि वो 'बिना किसी शर्त' और 'किसी भी वक़्त' ईरान के राष्ट्रपति से मिलने के लिए तैयार हैं.
व्हाइट हाउस में इटली के प्रधानमंत्री के साथ आयोजित एक प्रेस वार्ता में डोनल्ड ट्रंप ने कहा, "मैं मुलाक़ात में भरोसा रखता हूं. मैं किसी से भी मिल सकता हूं. अगर वो चाहेंगे तो हम मिल सकते हैं."
अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी से मुलाक़ात की पेशकश की है.
अमरीका के ईरान परमाणु संधि से बाहर आ जाने के बाद बीते मई से दोनों देशों के बीच रिश्ते तल्ख़ हुए हैं.
अब राष्ट्रपति ट्रंप का अहम बयान आया है कि वो 'बिना किसी शर्त' और 'किसी भी वक़्त' ईरान के राष्ट्रपति से मिलने के लिए तैयार हैं.
व्हाइट हाउस में इटली के प्रधानमंत्री के साथ आयोजित एक प्रेस वार्ता में डोनल्ड ट्रंप ने कहा, "मैं मुलाक़ात में भरोसा रखता हूं. मैं किसी से भी मिल सकता हूं. अगर वो चाहेंगे तो हम मिल सकते हैं."
ट्रंप ने कहा कि वो पुरानी परमाणु संधि की जगह कुछ बेहतर हल निकालने के लिए बातचीत करना चाहते हैं.
अमरीकी राष्ट्रपति की इस पेशकश से कुछ घंटे पहले ही ईरान के विदेश मंत्री ने अमरीका के साथ किसी भी तरह की बातचीत की संभावना से इनकार किया था.
उन्होंने कहा था कि अमरीका भरोसे के लायक नहीं है.
एक दूसरे को दी थी धमकियां
महीने की शुरुआत में हसन रुहानी ने अमरीका को धमकी भरे लहज़े में कहा था, "अमरीका को पता होना चाहिए कि ईरान के साथ शांति रखेंगे तो पूरी दुनिया में शांति रहेगी और अगर ईरान के साथ युद्ध किया तो जंग बड़ा रूप ले सकती है."
इसके जवाब में ट्रंप ने भी ईरान के राष्ट्रपति को चेतावनी देते हुए लिखा था कि अमरीका को 'कभी भी' डराने की कोशिश न करें.
उन्होंने ईरान को ऐसे परिणाम भुगतने की धमकी दी थी जो आज तक किसी ने नहीं भुगते होंगे.
2015 के समझौते में शामिल दूसरे देशों की आपत्तियों के बावजूद अमरीका ईरान के तेल, विमान निर्यात और बहुमूल्य धातुओं के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है.
दोनों देशों के बीच विवाद का एक और बड़ा कारण है. अमरीका को शक है कि ईरान मध्य-पूर्व में संदिग्ध गतिविधियां कर रहा है.
इसी वजह से अमरीका ने ईरान के दुश्मन देशों इसराइल और सऊदी अरब से हाथ मिलाया है.
हालांकि, ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम एकदम शांतिपूर्ण है.