परमाणु समझौते पर ईरान ने लिया भड़काने वाला फैसला, अमेरिका को तीखा जवाब, और बढ़ेगा तनाव
ईरान ने न्यूक्लियर डील पर अमेरिका को आखिरी फैसला सुनाते हुए कहा है कि ईरान ने अपना फैसला कर लिया है, अब दूसरे देशों की बारी है।
तेहरान, जून 30: ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु संधि को लेकर लगातार कोशिश की जा रही है। इस संबंध में वियना में हुई वार्ता के दौरान ईरान ने सभी पक्षों और सदस्यों के सामने स्पष्ट कर दिया है कि अब इस सौदे पर फैसला करने की उनकी बारी है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खतीजेदाह ने वियना वार्ता की जानकारी देते हुए कहा कि ईरान ने इस संबंध में न सिर्फ अपना फैसला ले लिया है, बल्कि सभी देशों को बता भी दिया है। अब इस पर दूसरी पार्टियों को फैसला करना है।
परमाणु समझौते पर तनाव
आपको बता दें कि साल 2015 में बराक ओबामा प्रशासन के तहत ईरान और अमेरिका के बीच एक समझौता हुआ था। इन दोनों के अलावा कुछ और देशों ने भी इस समझौते में भाग लिया। इस संधि को JCOPA या संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCOPA) भी कहा जाता है। साल 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह कहते हुए अमेरिका को इस संधि से अलग कर लिया था, कि अमेरिका को इस परमाणु समझौते से कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने इस डील को सबसे बेकार बताया था। उन्होंने कहा कि वह ईरान के साथ एक नई डील चाहते हैं, जिससे अमेरिका को फायदा होगा और डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर कई कड़े प्रतिबंध भी लगा दिए थे। इसके बाद साल 2019 में ईरान ने भी इस डील से खुद को दूर कर लिया था।
ईरान का दो टूक जवाब
ईरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा है कि अगर इस परमाणु संधि पर फैसला ईरान में बनने वाली नई सरकार पर छोड़ दिया जाए तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सी सरकार इस पर क्या फैसला लेती है। दिन। यहां आपको यह भी बता दें कि ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु संधि को लेकर चल रही बातचीत में ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और जर्मनी शामिल हैं। ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में इस संबंध में छह दौर की बातचीत हो चुकी है।
परमाणु संधि पर तकरार
इस संबंध में इन सभी पक्षों के बीच बातचीत 6 अप्रैल को शुरू हुई थी। हालांकि इस दिशा में अब तक कोई खास प्रगति नहीं दिखी है। इन पार्टियों का कहना है कि परमाणु संधि को लेकर कुछ बिंदुओं पर काफी गहरे मतभेद हैं, जिन्हें सुलझाना बेहद जरूरी है। और जो अब तक नहीं हो पाया है। हाल ही में हुई बातचीत के दौरान ईरान के परमाणु वार्ताकार अब्बास अराक्ची ने कहा था कि इस समय संधि के अन्य पक्षों को इससे जुड़े अन्य मुद्दों पर फैसला करना है। परमाणु समझौते पर बातचीत का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पक्ष इससे जुड़े मामलों पर सहमत हों और इसे पूरी तरह से लागू किया जा सके।
राष्ट्रपति बनते ही इब्राहिम रायसी ने सऊदी अरब को भेजा दोस्ती का पैगाम, टेंशन में इजरायल