अमेरिकी विश्वविद्यालय में छाया भारतीय रेलवे के इंजीनियर का आइडिया
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के एक इंजीनियर का आइडिया अमेरिकी विश्वविद्यालय में हिट हो गया है।
अमेरिका के बोस्टन में स्थित मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी ने भारतीय रेलवे के इंजीनियर अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा बनाए गए कैटरपिलर ट्रेन की परिकल्पना को स्वीकार किया है।
कैटलपिलर ट्रेन का आइडिया मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट में किया गया पसंद
अश्विनी कुमार उपाध्याय के बनाए गए कैटलपिलर ट्रेन की परिकल्पना को विश्वविद्यालय में सराहा गया साथ ही उन्होंने ग्लोबल कॉन्टेस्ट में भी जीत हासिल किया।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक अश्विनी कुमार के आइडिया को लोगों के साथ-साथ जजों ने भी पसंद किया। दोनों ही कैटेगरी में उनकी परिकल्पना को सराहा गया।
बता दें कि मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी की ओर से क्लाइमेट कॉन्टेस्ट में दुनियाभर से पांच सौ एंट्रीज आई थी। जिसमें अश्विनी का आइडिया लोगों ने पसंद किया।
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43 वर्षीय अश्विनी कुमार उपाध्याय, भारतीय रेलवे के 1997 बैच के अधिकारी हैं। वह भारतीय रेलवे ट्रैफिक सर्विस में कार्यरत हैं। कुछ समय पहले तक वो सेंटर फॉर रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम, नई दिल्ली में कार्यरत थे।
एमआईटी की ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में करेंगे पेश
कैटरपिलर ट्रेन की बात करें तो ये बेहद हल्के वजन वाली एलिवेटेड ट्रेन होगी। ये खास तौर से शहरी आबादी को ध्यान में रखकर तैयार की जाएगी। इसकी स्पीड 100 किमी प्रति घंटे की हो सकती है।
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ये ट्रेन रिहायशी इलाकों में पांच मीटर की सड़क होने पर भी चल सकती है। ये ट्रेन खंभों पर टिकी होगी। इसमें 20 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी।
इस ट्रेन में लोग खुद से अपना गंतव्य चुन सकते हैं। इस ट्रेन में पहिए कोच के ऊपर और नीचे दोनों ओर होंगे, इसलिए ये ट्रेन ट्रैक पर ऊपर और नीचे दोनों तरफ से चल सकेगी।
फिलहाल अश्विनी उपाध्याय और उनके सहयोगी एमिल जैकब ने बताया कि कैटलपिलर ट्रेन की योजना के बारे वह एमआईटी की ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में सबके सामने रखेंगे। जिससे इस योजना को जमीनी हकीकत दी जा सके।