भारतीय मूल के गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश को मिला प्रतिष्ठित 'फिल्ड्स मेडल' पुरस्कार
नई दिल्ली। भारतीय मूल के गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश को मैथ्स के क्षेत्र का प्रतिष्ठित पुरस्कार 'फिल्ड्स मेडल' दिया गया है। 36 साल के भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश समेत चार विद्वानों को गणित के क्षेत्र में काम करने के लिए ये पुरस्कार दिया गया है। फिल्ड्स मेडल को गणित के क्षेत्र में काम करने वालों का नोबल पुरस्कार कहा जाता है।
इस बार फील्ड्स मेडल पाने वालों में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अक्षय वेंकटेश, कैंब्रिज विश्वविद्यालय में इरानी-कुर्द मूल के प्रोफेसर कोचर बिर्कर, बॉन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर जर्मनी के पीटर स्कूल और ईटीएच ज्यूरिख में इतालवी गणितज्ञ एलिसो फिगेली हैं।
फिल्ड्स मेडल 40 साल से कम उम्र के सबसे उदीयमान गणितज्ञ को दिया जाता है। विशिष्ट फिल्ड्स मेडल चार साल में एक बार दिया जाता है। ये पुरस्कार कम से कम दो लोगों को दिया जाता है। अमूमन चार लोग इस पुरस्कार के लिए चुने जाते हैं। फिल्ड्स मेडल के लिए चुने जाने वाले विजेता को 15,000 कनाडाई डॉलर की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
दिल्ली में पैदा हुए प्रोफेसर अक्षय वेंकटेश ने अंकगणितीय ज्यामिति, टॉपोलॉजी, ऑटोमोर्फिक रूपों और एर्गोडिक सिद्धांत में उल्लेखनीय काम किया है। वेंकटेश को गणित के क्षेत्र में अपने काम के लिए ओस्ट्रोस्की पुरस्कार, इंफोसिस पुरस्कार और शास्त्र रामानुज पुरस्कार मिल चुके हैं। वेंकटेश फिल्ड्स मेडल पाने जीतने वाले भारतीय मूल के दूसरे गणितज्ञ हैं, 2014 में मंजुल भार्गव को ये यह पुरस्कार मिल चुका है।
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