हिन्दू मंदिरों पर हुए हमलों पर सख्त मोदी सरकार, ऑस्ट्रेलिया को भारतीय उच्चायोग ने भेजा सख्त संदेश
मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क क्षेत्र में इस्कॉन के हरे कृष्ण मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी, जबकि कैरम डाउन्स में श्री शिव विष्णु मंदिर में 16 जनवरी को और मिल पार्क क्षेत्र में स्वामीनारायण मंदिर में 12 जनवरी को हमला।
Australia Temple Vandalisation: ऑस्ट्रेलिया में हिन्दू मंदिरों को निशाना बनाकर किए जा रहे हमलों को लेकर अब भारत सरकार ने सख्त रवैया दिखाया है और ऑस्ट्रेलिया सरकार से मंदिरों और उनकी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। कैनबरा स्थिति भारतीय उच्चायोग ने मेलबर्न में तीन हिंन्दू मंदिरों पर किए गये हमले की निंदा की है और ऑस्ट्रेलिया सरकार से भारकीय समुदाय के सदस्यों और देश में उनकी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। (फोटो क्रेडिट- द ऑस्ट्रेलियन टूडे)
ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले
पिछले हफ्ते मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क क्षेत्र में इस्कॉन के हरे कृष्ण मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी, जबकि कैरम डाउन्स में श्री शिव विष्णु मंदिर में 16 जनवरी को और मिल पार्क क्षेत्र में स्वामीनारायण मंदिर में 12 जनवरी को तोड़फोड़ की गई थी। कैनबरा में भारतीय उच्चायोग द्वारा अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए एक प्रेस रिलीज जारी किया है, जिसमें कहा गया है, कि "भारत का उच्चायोग हाल के हफ्तों में मेलबर्न में तीन हिंदू मंदिरों पर किए गये बर्बर घटनाओं की कड़ी निंदा करता है। ये घटनाएं गंभीर रूप से परेशान करने वाली हैं"। भारतीय उच्चायोग ने कहा है, कि "जिस फ्रीक्वेंसी के साथ बिना किसी खौफ के मंदिरों को निशाना बनाया गया है, वो खतरनाक हैं।" भारतीय उच्चायोग ने अपने ट्वीट में आगे कहा है, कि "जिस तरह से एंटी-इंडियन आतंकियों का महिमामंडन किया गया है, वो खतरनाक हैं।"
High Commission strongly condemns the deeply disturbing incidents of vandalisation, incl of 3 Hindu temples in Melbourne in recent weeks. These are clear attempts to sow hatred & division among peaceful multi-faith Indian-Australian community: High Commission of India, Canberra pic.twitter.com/Yc4X58EYMf
— ANI (@ANI) January 26, 2023
'भारतीयों के खिलाफ घृणा भरने की कोशिश'
भारतीय उच्चायोग ने कहा है, कि "तोड़फोड़ की ये घटनाएं शांतिपूर्ण मल्टी-फेथ और मल्टी-कल्चरल भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई समुदाय के बीच घृणा और विभाजन बोने का स्पष्ट प्रयास हैं"। आपको बता दें, कि भारत में हिन्दू मंदिरों पर हमला करने का आरोप खालिस्तानी आतंकियों पर है, जो मंदिरों पर हमला करने के साथ साथ भारत विरोधी नारे लिख रहे हैं। कनाडा के बाद अब ऑस्ट्रेलिया में भी खालिस्तान समर्थकों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसको लेकर भारत सरकार की तरफ से गहरी नाराजगी जताई गई है। प्रेस रिलीज में कहा गया है, कि "संकेत हैं, कि खालिस्तान समर्थक तत्व ऑस्ट्रेलिया में अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे हैं।" प्रेस रिलीज में कहा गया है, कि सिख फॉर जस्टिस (SFJ) और ऑस्ट्रेलिया के बाहर की अन्य भारत विरोधी एजेंसियां ऐसे तत्वों को सक्रिय तौर पर सहायता और बढ़ावा दे रहे हैं जैसे अभियुक्त आतंकवादी संगठनों के सदस्यों द्वारा सक्रिय रूप से सहायता और बढ़ावा दिया जा रहा है, जैसा कि पिछले कुछ समय से ये स्पष्ट हुआ है।"
ऑस्ट्रेलिया सरकार से बातचीत
कैनबरा में इंडियन हाईकमीशन के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में उच्चायोग और भारत के वाणिज्य दूतावासों ने दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के साथ भारत सरकार द्वारा भारत की चिंताओं को ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ साझा किया गया है। आयोग ने कहा है, कि "उम्मीद है, कि न केवल अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा, बल्कि आगे ऐसी कोशिशों को रोकने के लिए उपयुक्त कार्रवाई भी की जाएगी।" इसके अलावा भारत सरकार की तरफ से कहा गया है, कि मेलबर्न और सिडनी जैसे शहरों में सिख्स फॉर जस्टिस द्वारा करवाए जा रहे जनमत संग्रह को लेकर भी ऑस्ट्रेलिया की सरकार को अवगत करा दिया गया है। वहीं, हाल ही में, भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने भी मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क में एक हिन्दू मंदिर पर हमला और एंटी इंडिया स्लोगन्स की निंदा की थी और कहा था, कि देश अभद्र भाषा या हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगा। बैरी ओ'फारेल ने मेल पर मीडिया को दिए एक बयान में कहा, कि "मैं विक्टोरिया में हिंदू मंदिरों पर पागलपन भरे बर्बरता को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हूं। ऑस्ट्रेलिया, अभद्र भाषा या हिंसा को बर्दाश्त नहीं करता है और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं।"
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