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गैर-जरूरी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगा सकती है सरकार, विदेशी मुद्रा भंडार बचाने की कोशिश

संसद में एक और सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि, वाणिज्य मंत्रालय, दूसरे प्रशासनिक मंत्रालयों के साथ मिलकर घरेलू आपूर्ति और घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के विकल्पों की तरफ ध्यान दे रहा।

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नई दिल्ली, जुलाई 20: डॉलर के मुकाबले रुपये को गिरने से रोकने के लिए और विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आ रही गिरावट को कंट्रोल करने के लिए भारत सरकार गैर-जरूरी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगा सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रुपये की गिरावट को रोकने के लिए साथ मिलकर कदम उठा रही है, जिसके तहत गैर-जरूरी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

सामानों के आयात पर लगेगा प्रतिबंध?

सामानों के आयात पर लगेगा प्रतिबंध?

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र रुपये की गिरावट को रोकने के लिए एकतरफा कदम उठा सकते हैं। इनमें गैर-जरूरी सामानों के आयात पर प्रतिबंध, भारतीय निवासियों के द्वारा विदेशी में किए जा रहे निवेश में कमी जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। वहीं, फाइनेशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत सरकार उन सेगमेंट्स में आयात की पहचान कर रही है, जिनकी ज्यादा जरूरत नहीं है और आधिकारिक और उद्योग के सूत्रों ने अखबार को बताया कि, ये संकेत हैं कि, "गैर-आवश्यक आयात" को सरकार कंट्रोल कर सकती है। वहीं, वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को संसद में बताया है कि, सरकार और केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और "उचित कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं"।

भारत सरकार ने क्या कहा?

भारत सरकार ने क्या कहा?

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि, सरकार ने विभिन्न वस्तुओं के वैश्विक मूल्य मूवमेंट और व्यापार के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले उनके प्रभाव पर भी अपनी निगरानी कड़ी कर दी है। उन्होंने कहा कि, भारतीय करेंसी के एक्सचेंज रेट पर प्रभाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कमोडिटी की कीमतों के बढ़ने पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि, खुदरा मुद्रास्फीति जून में 7.01% पर पहुंच गई है, जो केन्द्रीय बैंक के आरामदायक सीमा से ज्यादा है। फाइनेंशियल टाइम्स से बात करते हुए एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि, शुल्क वृद्धि के माध्यम से "गैर-जरूरी आयात" को सीमित करने पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।

किन सामानों के आयात पर लग सकता है बैन?

किन सामानों के आयात पर लग सकता है बैन?

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योग के सूत्रों ने कहा कि, भारत सरकार सोने और हीरे के आभूषणों, चुनिंदा उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स और प्लास्टिक के आयात पर प्रतिबंध लगा सकती है। वहीं, सरकार पहले ही कच्चे सोने पर आयात कर ड्यूटी टैक्स को 10.75 फीसदी से बढ़ाकर 15% कर चुकी है। लेकिन, उद्योग सूत्रों ने कहा कि, सरकार के इस तरह के कदम से वांछित परिणाम नहीं मिल सकता है। ये सरकार के उन प्रयासों का हिस्सा हैं, जिन्हें वह "गैर-आवश्यक आयात" मानती है और करेंट अकाउंड डेफिसिट (सीएडी) पर उनके हानिकारक प्रभाव को नियंत्रित करती है। बढ़ते व्यापार घाटे से प्रेरित सीएडी को ऐसे समय में रुपये पर और दबाव डालने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पहले ही ब्याज दरें बढ़ाना शुरू कर दिया है।

घरेलू उत्पादन पर सरकार का फोकस

घरेलू उत्पादन पर सरकार का फोकस

संसद में एक और सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि, वाणिज्य मंत्रालय, दूसरे प्रशासनिक मंत्रालयों के साथ मिलकर घरेलू आपूर्ति और घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के विकल्पों की तरफ ध्यान दे रहा। उन्होंने कहा कि, वाणिज्य मंत्रालय स्थिति के मुताबिक, व्यापार में सुधार करने वाले विकल्पों और अनिवार्य तकनीकी मानकों के साथ-साथ उत्पत्ति के नियमों को भी लागू करने का सहारा लेता है। हाल के वर्षों में, सरकार ने स्टील, अलौह धातु, कोयला और चिप्स के आयात की निगरानी के लिए एक प्रणाली भी स्थापित की है।

क्या कहते हैं देश के अर्थशास्त्री?

क्या कहते हैं देश के अर्थशास्त्री?

अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद के 1.2% से बढ़कर 3% हो जाएगा। वहीं, जून तिमाही में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर रिकॉर्ड 70.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले 31.4 अरब डॉलर ज्यादा है। हालांकि, भारत सरकार की दलील है, कि आयात में इजाफा होने की सबसे बड़ी वजह काफी हद तक कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में वृद्धि और कोयला, सोना और इलेक्ट्रॉनिक्स की खरीद में तेज वृद्धि से प्रेरित है। जबकि तेल और कोयले का आयात देश की विकास संभावनाओं के लिए आवश्यक है। वहीं, सोने की अत्यधिक खरीददारी और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स पर सरकार की नजर है और माना जा रहा है, कि अगर सरकार गैर-जरूरी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाती है, को ये दोनों आइटम लिस्ट में सबसे ऊपर होंगे।

सीएडी पर काबू पाने की कोशिश

सीएडी पर काबू पाने की कोशिश

सीएडी पर काबू पाने के लिए सरकार ने सितंबर 2018 में 19 उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया था, जिसका आयात वित्त वर्ष 2018 में 86,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। इसके बाद उस वर्ष अधिक वस्तुओं पर शुल्क वृद्धि की गई। वहीं, भारत सरकार ने लगातार विकास के लक्ष्य को हासिल करने और महंगे विदेशी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के साथ साथ सरकार ने ईंधन कर में कटौती सहित कई कदम उठाए हैं। वहीं, पंकज चौधरी ने कहा कि, सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए विभिन्न इस्पात उत्पादों और लौह अयस्क पर एक्सपोर्ट टैक्स भी लगाया या बढ़ाया है। इसके अलावा, मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए, केंद्रीय बैंक ने मई से बेंचमार्क उधार दर में 90 आधार अंकों की वृद्धि की है।

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English summary
To protect the rupee from falling and to secure foreign exchange reserves, the Indian government is considering banning the import of non-essential goods.
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