अफगानिस्तान में फिर शुरू हुआ भारतीय दूतावास, एक साल बाद काबुल लौटे अधिकारी
काबुल, 21 अगस्तः अगस्त 2021 में अफगानिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों के निलंबन और भारतीय दूतावास के संचालन को बंद करने के एक साल बाद काबुल में दूतावास ने फिर से अपनी कार्यक्षमता शुरू कर दिया है। यह काम बीते सोमवार 15 अगस्त से शुरू हुआ है। तालिबान की ओर से अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने जाने के बाद पिछले साल अगस्त में भारतीय दूतावास ने काबुल में अपने ऑफिस को निलंबित कर दिया था। वहीं, अधिकारियों ने भी काबुल छोड़ दिए था।
बीते साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान में नागरिक सरकार का पतन हुआ था और तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी राष्ट्र छोड़ फरार हो गए थे। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहार बल्खी ने इंडिया टुडे टीवी से बातचीत में कहा कि भारत के राजनियक वाणिज्य दूतावास में काम फिर से शुरू करने के उद्देश्य से 13 अगस्त को काबुल पहुंचे। हम भारतीय राजनयिकों का स्वागत करते हैं। उन्होंने अफगानिस्तान में पुरा सहयोग और सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
भारत के साथ अच्छे संबंध बनाने का पक्षधर
यह रेखांकित हुए कि तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने की इच्छुक है, बाल्खी ने कहा कि देश की ओर से शुरू की गई विभिन्न परियोजनाएं अफगानिस्तान में अधूरी हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भारत, अफगानिस्तान के विकास के लिए काम को फिर से शुरू करेगा। भारत की ओर से शुरू की गई परियोजनाओं की प्रगति पर एक प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, इंडिया की ओर से अफगानिस्तान में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं, कुछ आधी पूरी हो चुकी हैं और अन्य आधे से अधिक हैं।
चीन द्वारा सैन्य अड्डे निर्माण की खबर गलत
वहीं, अब्दुल कहार बल्खी ने चीन द्वारा अफगानिस्तान में सैन्य अड्डे के निर्माण की खबरों से संबंधित सभी दावों का खंडन किया। बाल्खी ने कहा कि तालिबान मंत्रिमंडल पड़ोसी देशों के साथ राजनयिक और आर्थिक संबंध बनाए रखना चाहता है। तालिबान का कहना है कि हम अपनी जमीन को राजनीतिक लक्ष्यों के लिए इस्तेमाल नहीं होने देंगे। बल्खी ने ट्विटर पर राजनयिक संबंधों की बहाली का स्वागत किया और कहा कि अफगान सरकार भारत सरकार के कदम का स्वागत करती है। सरकार राजनयिकों की सुरक्षा पर खास ध्यान देगी।