दुनिया समझ गई है, चीन अब भारत को नहीं रोक सकता, मक्की के ग्लोबल आतंकी घोषित होने पर बोले सैयद अकबरुद्दीन
सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि अभी कई और लोग हैं, जिन्हें आतंकवादी के रूप में नामित किया जाना है। इनमें साजिद मीर, अब्दुल रऊफ अजहर, शाहिद महमूद और तल्हा सईद शामिल हैं।
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने लश्कर-ए-तैयबा के उप-प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी की लिस्ट में डाल दिया है। इससे पहले अमेरिका और भारत लगातार मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग कर रहे थे। हालांकि पहले चीन मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अड़ंगा लगाता था, लेकिन आखिरकार उसने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए। इसके बाद UNSC में मक्की के खिलाफ प्रस्ताव पारित पर उसे वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया। अब इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रह चुके सैयद अकबरुद्दीन का बयान सामने आया है।
चीन, भारत का मुकाबला नहीं कर सकता।
1985 बैच के IFS अधिकारी सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किए जाने की खबर विश्व स्तर पर बढ़ती समझ को दर्शाती हैं कि चीन, भारत का मुकाबला नहीं कर सकता। दुनिया को अब समझ आ रहा है कि चीन, भारत को नहीं रोक सकता। चीन ने भारत के लोगों की न्याय की मांग में रोड़े अटकाए थे। उन्होंने कहा कि भारत के आगे अब चीन का दबदबा कमजोर हो रहा है, वह भारत को विफल नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, "आतंकवाद का मुकाबला भारतीय विदेश नीति के सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक है।"
जारी रहेगी भारत की खोज
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के पद काम करने वाले अब तक के सबसे चर्चित डिप्लोमैट कहे जाने अकबरुद्दीन ने आगे कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के खिलाफ अपने लोगों के लिए न्याय की भारत की खोज जारी रहेगी। संयुक्त राष्ट्र में पूर्व प्रतिनिधि ने कहा, "यह भारतीय कूटनीति की अच्छी सफलता है।" उन्होंने कहा, "मसूद अजहर को नामित करने में हमें एक दशक से अधिक समय लगा और अब हमें अब्दुल रहमान मक्की को नामित करने में लगभग सात महीने से अधिक का समय लगा है। आप देख सकते हैं कि भारत उन लोगों पर दबाव बढ़ाने में सफल रहा है जो आतंकवाद का विरोध करते हैं।"
अभी कई और आतंकियों पर प्रतिबंध लगाना बाकी...
सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि अभी कई और लोग हैं, जिन्हें आतंकवादी के रूप में नामित किया जाना है। इनमें साजिद मीर, अब्दुल रऊफ अजहर, शाहिद महमूद और तल्हा सईद शामिल हैं। इसके साथ ही पूर्व भारतीय राजनयिक विद्या भूषण सोनी ने कहा कि मक्की जैसे आतंकवादी न केवल भारत के खिलाफ हैं बल्कि मानवता और इस दुनिया के सभी निर्दोष लोगों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि चीन ने इसमें हमारा साथ दिया है। उन्होंने कहा कि चीन ने इसके जरिए अपना भविष्य सुरक्षित किया है, ताकि भविष्य में उन्हें भी ऐसे आतंकियों का समाना करना पड़े तो वे भी मदद मांग सकें।
चीन ने लगाया था अड़ंगा
बता दें, मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव भारत ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में लाया था, लेकिन चीन ने अड़ंगा लगा दिया था। इसी वजह से मक्की को उस समय वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया जा सका था। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 16 जनवरी 2023 को अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया। अब मक्की की दुनिया भर में बनाई गई संपत्ति को फ्रीज किया जा सकेगा। उसकी यात्रा पर भी प्रतिबंध रहेगा।
भारत में कई हमलों का जिम्मेदार है मक्की
अब्दुल रहमान को ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाली कमिटी ने उसे भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। जिसमें 22 दिसंबर 2000 में लाल किले पर हुआ हमला भी शामिल है। लश्कर ए तैयबा के 6 आतंकियों ने लाल किले में घुसकर सुरक्षाबलों पर फायरिंग की थी। इस अटैक में सेना के दो जवान समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। 74 साल का मक्की आतंकी संगठन लश्कर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। मक्की जम्मू-कश्मीर में हिंसा और हमलों को अंजाम देने के लिए योजना बनाने, धन जुटाने, आतंकियों की भर्ती करने और युवकों का ब्रेनवॉश कर कट्ट्रपंथी बनाने के काम में शामिल रहा है।
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