UN की 'आर्थिक और सामाजिक परिषद' का सदस्य बना भारत, बड़ी उपलब्धि पर सदस्य देशों का जताया आभार
यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल काउंसिल को यूनाइटेड नेशंस के विकास प्रणाली का केन्द्र माना जाता है और दुनियाभर के लोगों के विकास के लिए ये संस्था एक साथ काम करता है।
नई दिल्ली, जून 08: यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल काउंसिल का सदस्य भारत को चुन लिया गया है और भारत के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी समिति की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है। यूनाइटेड नेशंस में भारत के राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने आर्थिक और सामाजिक परिषद में भारत के जुने जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों का आभार जताया है। आपको बता दें कि इसका कार्यकाल 2022 से शुरू हो रहा है।
Recommended Video
भारत के लिए बड़ी उपलब्धि
यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल काउंसिल को यूनाइटेड नेशंस के विकास प्रणाली का केन्द्र माना जाता है और दुनियाभर के लोगों के विकास के लिए ये संस्था एक साथ काम करता है। वहीं, आपको बता दें कि इसी साल जनवरी में भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत को चुना गया था और इसी साल अप्रैल महीने भारत यूनाइटेड नेशंस के तीन महत्वपूर्ण निकायों का सदस्य भी चुना गया था। आपको बता दें कि भारत को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के 'अपराध निरोधक एवं आपराधिक आयोग', 'लैंगिग समानता एवं महिला सशक्तिकरण संस्था' के साथ साथ 'विश्व खाद्य कार्यक्रम' के लिए भी निर्वाचित किया गया था। यूनाइटेड नेशंस के इन तीनों निकायों का कार्यकाल 2022 से शुरू होने वाला है। माना जा रहा है कि यूनाइटेड नेशंस के तीनों निकायों में चुना जाना भारत की वैश्विक शक्ति को दर्शाता है।
I thank all Member States of the @UN for their vote of confidence in India for #ECOSOC https://t.co/vIDILvt1I0
— PR/Amb T S Tirumurti (@ambtstirumurti) June 8, 2021
क्या है आर्थिक एवं सामाजिक परिषद ?
यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल काउंसिल यूनाइटेड नेशंस के कुछ सदस्य राष्ट्रों द्वारा बनाया गया संगठन है। इस संगठन में शामिल सभी सदस्य देश यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग एवं विकास कार्यक्रमों में मदद करते हैं। इस परिषद का काम सामाजिक समस्याओं को सामने लाते हुए अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए प्रयास करना होता है। यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल काउंसिल का मानना है कि दुनिया में अगर शांति की स्थापना करना है, तो इसका एकमात्र तरीका राजनीनित नहीं हो सकता है। इस परिषद की स्थापना 1945 में की गई थी और शुरूआत में इस काउंसिल में सिर्फ 18 देश थे लेकिन 1965 में इसमें संशोधन किया गया और सदस्य देशों की संख्या को बढ़ाकर 27 कर दिया गया था, जबकि 1971 में एक बार फिर से संशोधन कर सदस्य देशों की संख्या को बढ़ाकर 54 कर दिया गया।
पाकिस्तान का बहुत बड़ा U-Turn, अमेरिका को सैन्य अड्डा देने के लिए तैयार!