फ्रांस के ‘चाणक्य’ संग अजीत डोभाल की होगी मुलाकात, चीन से निपटने के लिए भारत संग होगा ये ‘खास’ करार
अजित डोभाल और एमैनुएल बॉने दोनों पाकिस्तान से निकलने वाले आतंकवाद के साथ-साथ, तालिबान के उदय के बाद अफगान-पाक इलाके में बढ़ रहे कट्टरपंथ पर एक दूसरे को नोट्स का आदान-प्रदान भी करेंगे।
भारत और फ्रांस के बीच गुरुवार को होने वाली 36वीं रणनीतिक वार्ता में सम्पूर्ण सुरक्षा सहयोग की समीक्षा किए जाने की संभावना है। विदेश मंत्रालय के मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व करेंगे। वहीं, फ्रांस के शिष्टमंडल का नेतृत्व फ्रांस के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार एमैनुएल बॉने करेंगे।
मोदी सरकार की चुप्पी
रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों की बातचीत ‘मेक इन इंडिया' अभियान के तहत विमान इंजन और लंबी दूरी की पनडुब्बी के निर्माण पर केंद्रित होगी। गुरुवार को राजनयिक सलाहकार बोने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे। मोदी सरकार इस बातचीत को लेकर फिलहाल चुप्पी साधे हुए है लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत, चीन के बढ़ते सैन्यीकरण को देखते हुए हथियार और हॉर्डवेयर जैसी चीजों में आत्मनिर्भर बनना चाहता है। इसके लिए भारत, फ्रांस जैसे अपने प्रमुख सहयोगियों की मदद लेना चाहता है।
मेक-इन-इंडिया पर जोर
भारत न सिर्फ अपने जुड़वां इंजन वाले स्वेदशी लड़ाकू विमानों के लिए सौ फीसदी ट्रांसफर टेक्नोलॉजी की तलाश में है बल्कि वह भविष्य के लिए उच्च शक्ति वाले लड़ाकू और परिवहन प्लेटफॉर्मों के लिए अगली पीढ़ी के उच्च शक्ति वाले मिलिट्री और सिविल इंजनों का डिजाइन और विकास भी करना चाहता है। आपको बता दें कि गुजरात के वड़ोदरा में C295 सामरिक परिवहन विमान बनाने के लिए टाटा समूह पहले ही एयरबस के साथ करार कर चुका है। अब भारत, फ्रांस के साथ एक संयुक्त उद्यम में इस लाइन का विस्तार अन्य नागरिक और सैन्य विमान निर्माण में करना चाहता है।
स्वेदशी पनडुब्बियों के निर्माण पर जोर
फ्रांस के सहयोग से देश में ही निर्मित स्कार्पिन श्रेणी की आधुनिकतम पनडुब्बी ‘कलवरी' को पिछले बरस नौसेना में शामिल किया गया था। ‘कलवरी' को दुनिया की सबसे घातक पनडुब्बियों में से एक माना जाता है। कलवरी पनडुब्बी के निर्माण को लेकर भारत के साथ इस साल फ्रांस का करार खत्म होने जा रहा है। ऐसे में भारत चाहता है कि मुबंई डॉकयार्ड में विनिर्माण जारी रहे। इसके लिए भारत, फ्रांस की देखरेख में स्वदेशी एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्सन सिस्टम के साथ रेट्रोफिटेड डीजल एटैक पनडुब्बियों के निर्माण पर जोर देना चाहता है।
चीन से निपटने के लिए करीब आए भारत-फ्रांस-UAE
इसके साथ ही दो सामरिक सहयोगी भारत-प्रशांत क्षेत्र पर भी चर्चा करेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस समुद्र तल की मैपिंग और पानी के नीचे काम करने में दक्ष ड्रोन और सेंसर को लेकर बातचीत को तैयार है। चीन, हिंद-प्रशांत इलाके में तेजी से अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। ऐसे में भारत सहित उनके सहयोगी भी भविष्य के लिए तैयार होना चाहते हैं। आपको बता दें कि अफ्रीका के पूर्वी तट से लेकर सुदूर प्रशांत महासागर तक समुद्री डोमेन जागरूकता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत-फ्रांस ने UAE के साथ एक ट्राई-लैटरल समूह बनाया है।
आतंकवाद पर भी होगी चर्चा
इसके साथ ही अंतरिक्ष एक अन्य प्रमुख क्षेत्र है जहां भारत और फ्रांस ने चीन द्वारा तेजी से उठाए गए कदमों का मुकाबला करने के लिए तकनीक साझा करने के लिए हाथ मिलाया है। अजित डोभाल और एमैनुएल बॉने दोनों पाकिस्तान से निकलने वाले आतंकवाद के साथ-साथ, तालिबान के उदय के बाद अफगान-पाक इलाके में बढ़ रहे कट्टरपंथ पर एक दूसरे को नोट्स का आदान-प्रदान भी करेंगे।
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