अमेरिकी नागरिकता लेने में भारतीय दूसरे नंबर पर, पहले नंबर पर है ये देश, टॉप-5 लिस्ट से हटा चीन
अमेरिका ने वित्तीय वर्ष 2022 के दौरान 15 जून तक 6,61,500 लोगों को नागरिकता दी है।
वाशिंगटन, 03 जुलाईः भारत में बड़ी संख्या में लोगों का सपना अमेरिका में बसना होता है और हर साल अपने सपने को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिका जाते हैं। इस बीच यूएससीआईएस ने एक रिपोर्ट जारी किया है जिसके मुताबिक इस साल अमेरिका में बसने वाले लोगों की संख्या लाखों में बताई गयी है।
पहले नंबर पर है मेक्सिको
अमेरिका ने वित्तीय वर्ष 2022 के दौरान 15 जून तक 6,61,500 लोगों को नागरिकता दी है। पहली तिमाही में भारत, मेक्सिको के बाद प्राकृतिक अमेरिकी नागरिकों के लिए जन्म के देश के तौर पर दूसरा सबसे बड़ा देश है। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के निदेशक एम. जड्डू ने इस आंकड़े को लेकर कहा कि हमारे देश में ऐतिहासिक तौर पर, जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार तथा खुश रहने की स्वतंत्रता मिलने के कारण दुनियाभर से लाखों लोग अमेरिका में रहने आते हैं।
बने 6,61,500 नए अमेरिकी नागरिक
इससे पहले अमेरिका ने वित्त वर्ष 2021 में 8,55,000 लोगों को नागरिकता दी थी। वहीं, वित्त वर्ष 2022 में USCIS ने 15 जून तक 6,61,500 नए अमेरिकी नागरिकों का स्वागत किया है। USCIS ने कहा कि वह इस साल एक जुलाई से आठ जुलाई के बीच 140 से ज्यादा कार्यक्रमों के जरिये 6,600 नए नागरिकों का स्वागत कर स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। अमेरिका में 4 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
टॉप-5 देशों से 34 फीसदी लोग
देश
के
गृह
सुरक्षा
मंत्रालय
के
अनुसार,
वित्त
वर्ष
2022
के
दौरान
पहली
तिमाही
में
'देशीकरण'
के
माध्यम
से
नागरिकता
प्राप्त
करने
वालों
में
से
34
प्रतिशत
लोग
मेक्सिको,
भारत,
फिलीपींस,
क्यूबा
और
डोमिनिकन
रिपब्लिक
के
थे।
इनमें
से
मेक्सिको
के
24,508
और
भारत
के
12,928
लोगों
को
नागरिकता
दी
गई।
वहीं,
फिलीपींस
के
11,316,
क्यूबा
के
10,689
और
डोमिनिकन
गणराज्य
के
7,046
लोगों
को
अमेरिकी
नागरिकता
दी
गई।
चीन टॉप-5 लिस्ट से बाहर
इस बार टॉप-5 नागरिकता हासिल करने वाले देशों की सूची में चीन का नाम गायब है। बीते साल इस सूची में टॉप-5 देशों में मेक्सिको, भारत, क्यूबा, फिलिपींस और चीन शामिल थे। इन टॉप-5 देशों के कुल 35 प्रतिशत लोगों को नागरिकता दी गई थी। अमेरिका में संघीय सरकार का वित्तीय वर्ष 1 अक्टूबर से 30 सितंबर तक चलता है।
विदेशों में रहने वाले लोगों में भारतीय पहले नंबर पर
बतादें कि विदेशों में रहने के मामले में भारत दुनियाभर में पहले पायदान पर है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में देश से बाहर रहने वाले लोगों की संख्या 18 मिलियन यानी एक करोड़ अस्सी लाख है। भारत के सबसे ज्यादा लोग संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अमेरिका और सऊदी अरब में रहते हैं। वहीं, अमेरिका 2020 तक 51 मिलियन प्रवासियों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरी दुनिया के लोगों के लिए पहली पसंद है। अमेरिका में रहने वाले प्रवासी दुनियाभर में रहने वाले प्रवासियों की संख्या का 18 फीसद के बराबर है।
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