म्यांमार 'आर्म्स फोर्सेज डे' बना शर्म का दिन, निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर सेना ने की गोलीबारी, 90 की मौत
यंगून। म्यांमार में तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सेना ने शनिवार को जमकर हिंसा की है। शनिवार को हुई हिंसा में 90 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है। 1 फरवरी को तख्तापलट के बाद से शुरू हुए प्रदर्शन के बाद से ये सेना कार्रवाई में मरने वालों की सबसे ज्यादा संख्या है।
म्यांमार की सेना ने की हिंसक कार्रवाई
सेना की ये हिंसक कार्रवाई आर्म्स फोर्सेज डे के मौके पर हुई है। म्यांमार की सैन्य शासन जुंटा के नेता जनरल मिन आंग ने इस मौके पर राजधानी में आयोजित एक परेड को संबोधित करते हुए कहा कि सेना लोगों और लोकतंत्र की रक्षा करेगी। उन्होंने चुनाव कराए जाने का अपना वादा एक बार फिर दोहराया लेकिन चुनाव कब होंगे इसकी कोई निश्चित तारीख नहीं बताई।
म्यांमार के सरकारी मीडिया पर शुक्रवार को लोगों को ये कहते हुए प्रदर्शन में हिस्सा न लेने के लिए आगाह किया गया था कि उन्हें सिर और पीठ में गोली लगने का खतरा है। बावजूद इसके शनिवार को मांडले, यंगून समेत कई बड़े शहरों में बड़ी संख्या में सड़कों पर प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए उतरे।
म्यांमार नाउ न्यूज पोर्टल के मुताबिक देशभर में सेना द्वारा दमन की कार्रवाई के दौरान 91 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है।
मांडले में 29 प्रदर्शनकारियों की मौत
स्थानीय मीडिया के मुताबिक मांडले में 29 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है। मरने वालों में एक 5 साल का बच्चा भी शामिल है। वहीं म्यांमार नाउ के मुताबिक यंगून में 23 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है।
प्रदर्शनकारियों के ऊपर क्रूर कार्रवाई की म्यांमार के लोकतंत्र समर्थक नेताओं ने निंदा की है। तख्तापलट कर अपदस्थ किए गए सांसदों द्वारा गठित सेना विरोधी समूह सीआरपीएच के प्रवक्ता डॉक्टर सासा ने एक आनलाइन मीडिया आउटलेट से बातचीत में कहा "सैन्य बलों के लिए आज का दिन शर्म का दिन है।"
इस बीच सैन्य शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष भी तेज हो गया है। म्यांमार के दो दर्जन सशस्त्र जातीय समूहों में से एक केरन नेशनल यूनियन ने कहा है कि उसने थाई सीमा के पास सेना की एक चौकी को ध्वस्त कर दिया है जिसमें लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 10 सैनिक मारे गए हैं। इसमें केरन के भी एक सदस्य ने अपनी जान गंवाई है।
'वे हमें चिड़ियों और मुर्गों की तरह मार रहे'
म्यांमार के केंद्रीय शहर मिनगिन में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे (सेना) हमें चिड़ियों और मुर्गों की तरह मार रहे हैं यहां तक कि हमारे घरों में भी। इसके बावजूद हम विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। हम तब तक लड़ेंगे जब तक जुंटा को रा नहीं देते।
शनिवार को 90 प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद म्यांमार में तख्तापलट के बाद मरने वालों नागरिकों की संख्या 400 के पार जा चुकी है।
वहीं हिंसक कार्रवाई को लेकर म्यांमार के यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने कहा "76 वें म्यांमार सशस्त्र बल का दिन आतंक और अपमान के दिन के रूप में जाना जाएगा।"
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