पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन की पहली मुलाक़ात कैसी रही?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को व्हाइट हाऊस में मुलाक़ात की. इस दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच शुक्रवार को द्विपक्षीय मुलाक़ात हुई.
हल्के-फ़ुल्के अंदाज़ और कुछ चुटकुलों से हुई बातचीत की शुरुआत भारत-अमेरिकी संबंधों, कोविड-19, पर्यावरण और प्रवासी मुद्दों पर जाकर समाप्त हुई.
बातचीत की शुरुआत में जो बाइडन के भारत से पारिवारिक संबंध होने पर मज़ाकिया चर्चा हुई लेकिन इसके बाद दोनों शीर्ष नेताओं ने माना कि दोनों देशों के संबंध अहम मोड़ पर हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आने वाला दशक 'परिवर्तनकारी' है. वहीं बाइडन ने दोनों देशों के संबंध में 'नए अध्याय' पर अपनी राय रखी.
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन के नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंधों में विस्तार देने के लिए जो बीज बोया गया है वो अब 'परिवर्तनकारी चरण' में पहुँच रहा है.
इस संदर्भ में उन्होंने दोनों देशों के लोगों के संबंधों के बढ़ते महत्व का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारतीय टैलेंट इस संबंध में 'पूर्ण साझेदार' रहेगा.
वहीं, राष्ट्रपति बाइडन ने पहले बोलते हुए कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में एक 'नए अध्याय' की शुरुआत कर रहे हैं, जिसमें कई मुश्किल चुनौतियां हैं और इसकी शुरुआत कोविड-19 से होती है.
उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन और क्वॉड साझेदारों सहित हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता उनकी बातचीत का मुख्य एजेंडा है.
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इसके साथ ही बाइडन ने कहा कि अमेरिका-भारत संबंध दुनिया की 'भयंकर' चुनौतियों को हल करने की ताक़त रखते हैं.
बाइडन ने कहा कि उन्होंने इस उम्मीद के बारे में 2006 में बात की थी और 2020 में भी कहा था कि भारत और अमेरिका दुनिया के दो सबसे क़रीबी देशों में से एक हैं.
बाइडन ने कहा, "मुझे लगता है कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मज़बूत और क़रीबी होना तय है और मुझे लगता है कि ये पूरी दुनिया को लाभ दे सकते हैं."
पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान कहा कि द्विपक्षीय संबंध में अधिक वैश्विक सकारात्मक प्रभाव होते हैं.
भारतीय प्रधानमंत्री ने इस दौरान व्यापार का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि यह आवश्यक रहेगा और दोनों देशों के बीच व्यापार हमेशा से काफ़ी प्रशंसात्मक रहा है.
उन्होंने कहा, "कुछ चीज़ें हैं जो आपके पास हैं और कुछ चीज़ें हैं जो हमारे पास हैं, और वास्तव में हम एक-दूसरे के पूरक हैं. मैंने पाया है कि इस दशक में व्यापार का हमारा क्षेत्र भी काफ़ी महत्वपूर्ण होने जा रहा है."
हालांकि, इस दौरान बाइडन ने व्यापार का ज़िक्र नहीं किया और दूसरी ओर केवल उन्होंने यह कहा कि अमेरिका-भारत की साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों में निहित है.
उन्होंने कहा, "हम जो करते हैं, उससे कहीं अधिक हमारी साझेदारी है. यह इस बारे में है कि हम कौन हैं. यह लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने की हमारी साझा ज़िम्मेदारी, विविधता को लेकर हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता और 40 लाख भारत-अमेरिकी लोगों के पारिवारिक संबंधों में निहित है. जो हर रोज़ अमेरिका को और मज़बूत बनाते हैं."
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों और परंपराओं को लेकर प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इन परंपराओं का महत्व और भी बढ़ेगा."
इस दौरान दोनों पक्षों ने महात्मा गांधी का भी ज़िक्र किया. हालांकि, दोनों ने अलग-अलग संदर्भों में उनकी बात कही.
राष्ट्रपति बाइडन ने जहां गांधी के सहिष्णुता के महत्व का ज़िक्र किया वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी के पृथ्वी के संरक्षण के विचार पर अपनी बात रखी.
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कमला हैरिस से क्या हुई थी बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार की दोपहर को अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाक़ात की थी. दोनों ने 150 साल पुरानी आइज़नहावर एग्ज़िक्यूटिव ऑफ़िस बिल्डिंग में मुलाक़ात की जो कि वॉशिंगटन में उप-राष्ट्रपति का औपचारिक कार्यालय है.
पीएम मोदी ने इस साल की शुरुआत में भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान हैरिस के फ़ोन करने का ज़िक्र किया.
उन्होंने कहा, "कुछ महीनों पहले फ़ोन पर हमें बातचीत करने का मौक़ा मिला था. उस वक़्त हमारी लंबी चर्चा हुई थी. जिस तरह से आपने मुझसे बात की वो उत्साहपूर्ण और बेहद सहज था. मैं उसे हमेशा याद रखूंगा. आपका बहुत-बहुत शुक्रिया."
उन्होंने हैरिस को 'सच्चा दोस्त' बताते हुए माना कि अमेरिकी सरकार ने निजी सेक्टर और भारतीय प्रवासियों की मदद की है.
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों में से एक हैं और दोनों 'वास्तविक सहयोगी' हैं जो कि एक जैसे मूल्यों और भू-राजनीतिक हितों को साझा करते हैं.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने सप्लाई चेन को मज़बूत करने, तकनीक और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों को मज़बूत बनाने की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में दोनों का सहयोग महत्वपूर्ण है.
कमला हैरिस की जीत को बताया ऐतिहासिक
प्रधानमंत्री मोदी ने हैरिस की जीत को 'महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक घटना' बताते हुए कहा कि वो पूरी दुनिया में कई लोगों के लिए प्रेरणा की स्रोत हैं.
हैरिस अमेरिका की पहली महिला उप-राष्ट्रपति होने के साथ-साथ अफ़्रीकी-अमेरिकी समुदाय से आती हैं और उनका भारत से भी संबंध है.
पीएम मोदी ने उनके भारत से संबंधों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने हैरिस को भारत आने का निमंत्रण दिया.
उन्होंने कहा, "जीत की इस यात्रा के साथ ही भारतीय इसे भारत में भी जारी रखना चाहेंगे और इसीलिए वो वहाँ पर आपका स्वागत करने के लिए बेक़रार हैं. इसी वजह से मैं आपको भारत आने का न्योता देता हूँ."
दूसरी ओर उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने भारत को अमेरिका का एक बेहद महत्वपूर्ण साझेदार बताया और कहा कि दोनों देश दुनिया को सुरक्षित और मज़बूत बनाने के लिए मेहनत से काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत में कई देशों के लिए भारत कोरोना वायरस वैक्सीन का स्रोत रहा है और अमेरिका को भारत के टीकाककरण की कोशिशों को समर्थन करने पर 'गर्व' है.
हैरिस ने भारत में रोज़ाना लगने वाले कोरोना वायरस के टीकाकरण पर कहा, "अमेरिका भारत का समर्थन करने पर गर्व करता है और उसकी ज़रूरत और ज़िम्मेदारी है कि वो लोगों का टीकाकरण करे. मैं भारत की इस घोषणा का स्वागत करती हूं कि हम फिर से वैक्सीन का निर्यात करने में सक्षम होंगे."
इसके अलावा उन्होंने बताया कि भारत और अमेरिका जलवायु परिवर्तन पर साथ काम कर रहे हैं और दोनों देशों की सरकारें इसको लेकर चिंतित हैं और इसके कुछ 'गहरे' प्रभाव देखे जा सकेंगे.
कमला हैरिस ने कहा कि यह भारत और अमेरिका के लिए 'अनिवार्य' है कि वो अपने-अपने देशों में लोकतंत्र को मज़बूत करें और लोकतांत्रिक सिद्धांतों और संस्थानों की रक्षा करें.
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