दो वर्षों में यूएन और जी-20 में पीएम ने कैसे पाक पर बोला है हमला
झेजियांग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के झेजियांग से एक बार फिर पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे दक्षिण एशिया में आतंकवाद फैलाने का दोषी करार दिया। 11वें जी-20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने जहां यह साफ कर दिया कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
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साथ ही एक बार फिर से पीएम ने चीन की सरजमी पर चीन जैसे उन तमाम देशों को साफ इशारा कर दिया कि जो भी देश पाक का समर्थन करते हैं उन्हें भी अपना नजरिया बदलना होगा।
यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने किसी अतंराष्ट्रीय मंच से पाक को आतंकवाद के मसले पर करारा जवाब दिया हो।
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जब से पीएम मोदी ने सत्ता संभाली है देश के अंदर भले ही पाक पर उनके नजरिए को लेकर आलोचना हो रही हो लेकिन यह भी कहीं न कहीं सही है कि वह अंतराष्ट्रीय मौके पर आतंकवाद का जिक्र करने में सफल हुए हैं।
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एक नजर डालिए कि पीएम ने वर्ष 2014 में जब पहली बार संयुक्त राष्ट्रसंघ में अपना भाषण दिया तो उन्होंने कैसे पाक पर निशाना साधा और अब जब वह तीसरी बार जी-20 सम्मेलन में पहुंचे तो उन्होंने पाक को कैसे फटकार लगाई।
सिर्फ एक देश फैला रहा आतंकवाद
पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा सिर्फ पाकिस्तान की ओर था। पीएम मोदी ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि साउथ एशिया में सिर्फ एक देश आतंकवाद फैला रहा है। पीएम मोदी के मुताबिक यह देश आतंकवाद फैलााने के लिए अपने कई एजेंट्स को साउथ एशिया तक में फैला चुका है।
पाक को बनाना होगा माहौल
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने हमेशा से पड़ोसियों के साथ दोस्ती और सहयोग को प्राथमिकता दी है। सरकार की यही नीति पाक के साथ भी है। भारत पाक के साथ द्विपक्षीय वार्ता करना चाहता है लेकिन वह शांति के माहौल में होगी न कि आतंकवाद के साए में। पीएम मोदी ने यहां पर साफ कर दिया कि पाकिस्तान को द्विपक्षीय वार्ता के लिए सतत माहौल बनाना चाहिए।
पाक के साथ शांति की बात
पीएम मोदी वर्ष 2014 में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करने व्हाइट हाउस पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई तो वहीं पीएम मोदी ने एक बार फिर पाक के अड़ियल रुख का जिक्र किया। यूएनजीए की ही तरह पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ओबामा से साफ कर दिया कि भारत सिर्फ शांति के माहौल में ही पाक से बात करेगा। सीमा पार से जारी गोलीबारी और घुसपैठ में पाक से वार्ता का सवाल ही नहीं है।
फिर किया आतंकवाद का जिक्र
वर्ष 2014 में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में आयोजित जी-20 समिट पीएम मोदी की पहली जी-20 समिट थी। इसकी थीम यूं तो रिन्यबूल एनर्जी थी लेकिन पीएम मोदी ने अपनी स्पीच में एनर्जी के अलावा सीमा पार से जारी आतंकवाद का जिक्र एक बार फिर किया। पीएम मोदी ने इस बार आतंकवाद को दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती करार दिया।
आतंकवाद को धर्म से किया जाए अलग
यूएनजीए में पीएम मोदी ने दूसरी बार शिरकत की और इस बार भी आतंकवाद का जिक्र किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने माना कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आईएसआईएस सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को धर्म से अलग करने की जरूरत है।
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मोदी ने एक बार फिर आतंकवाद का जिक्र किया और बताया कि दुनिया आज आतंकवाद झेलने को मजबूर है जबकि भारत पिछले 60 वर्षों से इसे झेलता आ रहा है। मोदी ने साफ कर दिया कि दुनिया को देश और आतंकवादियों में अंतर करना बंद करना पड़ेगा। उनका इशारा एक बार फिर पाक की तरफ था। उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए दुनिया से अपील की आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों को दुनिया से अलग-थलग कर दिया जाए।