कोरोना के नए वेरिएंट 'ओमिक्रॉन' पर 'एंटीबॉडी कॉकटेल' कितना प्रभावी? एस्ट्राजेनेका कर रहा जांच
लंदन, 27 नवंबर। दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका कोरोना वायरस लगातार अपना रूप बदलता जा रहा है, अब सामने आए कोविड-19 के नए वेरिएंट ने वैज्ञानिकों और सरकारों को परेशान कर दिया है। शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन वायरस एवोल्यूशन की नए वेरिएंट B.1.1.529. को लेकर बैठक हुई। इस बीच वैक्सीन निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने शुक्रवार को कहा कि वह नए कोविड वेरिएंट पर 'एंटीबॉडी कॉकटेल' (दो दवाओं का मिश्रण) के प्रभाव की जांच कर रही है। उम्मीद है कि इसका कॉम्बिनेशन दवा प्रभावकारिता बनाए रखेगा।
मालूम हो कि डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 के टेक्निकल लीड डॉ मारिया वान केरखोवे ने कहा कि बैठक में नामकरण प्रोटोकॉल के अनुरूप इस नए वेरिएंट को 'ओमिक्रॉन' नाम दिया गया है। ये ऐसे ही है जैसे पहले मिले वेरिएंट को एल्फा और डेल्टा वेरिएंट नाम दिए गए थे। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एस्ट्राजेनेका ने दुनिया भर में अपने टीके की 2 बिलियन खुराकें वितरित की हैं। हालांकि फरवरी में दक्षिण अफ्रीका में शॉट के रोलआउट को रोक दिया गया था, क्योंकि वहां बीटा वेरिएंट का प्रकोप था और वैक्सीन इसके खिलाफ अपना असर नहीं दिखा पा रही थी।
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एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा, 'किसी भी नए उभरते वेरिएंट की तरह, हम इसके बारे में और टीके पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने के लिए बी.1.1.529 को लेकर जांच कर रहे हैं। इससे हमें इस नए वायरस वेरिएंट के खिलाफ वैक्सजेवरिया का वास्तविक विश्व डेटा एकत्र करने में मदद मिलेगी। एंग्लो-स्वीडिश फार्मास्युटिकल फर्म ने इस बात पर जोर दिया कि वैक्सीन को सभी कोविड-19 वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी दिखाया गया है। हालांकि एस्ट्राजेनेका ने कहा कि उसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ नए वेरिएंट पर जल्दी प्रतिक्रिया देने के लिए एक वैक्सीन प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जहां वैक्सीन बनाई गई थी। एस्ट्राजेनेका ने पहले भी कहा था कि बीटा वेरिएंट के खिलाफ को बेहतर ढंग से प्रभावी एक वैरिएंट वैक्सीन पर काम किया जा रहा है।