रूस में खोजा गया हिटलर का यातना कैंप, 500 महिलाओं और बच्चों के बॉडी मिले, खुफिया दस्तावेज में क्रूरता की कहानी
रूस में जमीन के अंदर से हिटलर का कंसट्रेशन कैंप खोजा गया है, जिसमें से अब तक 500 महिलाओं और बच्चों के डेड बॉडी बरामद किए गये हैं। रिपोर्ट के मुताबिक शवों के ऊपर अभी भी क्रूरता के निशान हैं।
मॉस्को, मई 29: रूस में हिटलर का सबसे बड़ा कंसंट्रेशन कैंप का पता चला है, जहां से 500 महिलाओं और बच्चों के डेड बॉडी मिले हैं। जमीन की खुदाई के वक्त हिटलर के यातना शिविर का खुलासा हुआ है। हिटलर की मौत के 80 साल बीतने के बाद भी दुनिया के अलग अलग हिस्सों से उसके यातना गृह मिल रहे हैं, जिससे पता चलता है कि हिटलर ने लोगों पर किस हद तक क्रूरता की होगी। हिटलर ने बच्चों को बख्शता था और ना ही महिलाओं पर रहम खाता था। उसके सामने जो भी आता था, उसे वो यातना देते-देते मौत के घाट उतार देता था। रूस के कंसट्रेशन कैंप से अभी तक 500 महिलाओं और बच्चों के शव बरामद किए गये हैं, जिनके ऊपर जख्म के गहरे निशान मिले हैं।
रूस में मिला हिटलर का 'यातना गृह'
रूस में जमीन के अंदर से हिटलर का कंसट्रेशन कैंप खोजा गया है, जिसमें से अब तक 500 महिलाओं और बच्चों के डेड बॉडी बरामद किए गये हैं। रिपोर्ट के मुताबिक शवों के ऊपर अभी भी क्रूरता के निशान हैं जो बताता है कि हिटलर ने किस हद तक बर्बरता की होगी। कब्रगाह से मिले डेड बॉडी के ऊपर गोलियों के निशान हैं और कई तरह के टॉर्चर के अलग अलग निशान पाए गये हैं। वहीं, कई शवों का मुआयना करने पर पता चला है कि कई बच्चों और महिलाओं की मौत भूख की वजह से हुई है। रिपोर्ट्स से पता चला है कि यातना गृह में रखने के बाद उन्हें खाना देना बंद कर दिया गया था और भूख से तड़पते हुए सैकड़ों बच्चों और महिलाओं की मौत हुई है। रूस में हिटलर के यातना गृह मिलने के बाद रूस की 64 जांच एजेंसियां जांच में जुट गई हैं और कब्रगाह की आगे खुदाई की जा रही है। हिटलर का ये कंसंट्रेशन कैंप वोरोनिश प्रांत में मिला है।
हिटलर की क्रूरता के सबूत
हिटलर के द्वारा बनाए गये कैंप की खुदाई करने वाले लोगों का कहना है कि कब्रगाह से छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं के वीडियो सामने आए हैं और शवों के ऊपर जख्मों के निशान डराने वाले हैं। हिटलर ने इस कैंप को द्वितीय विश्वयुद्ध के समय बनवाया था। डॉन सर्च वॉलंटियर स्क्वॉड के प्रमुख मिखाइल सेगोडिन ने कहा कि "इन लोगों की मौत का अनुमान द्वितीय विश्वयुद्ध के समय का लगाया जा रहा है। करीब 500 लोगों के बॉडी हमें मिल चुके हैं। सैकड़ों शव टुकड़ों में बंटे हैं, जिनके ऊपर गोलियों के निशान मौजूद हैं। और ऐसा लग रहा है कि इनके ऊपर अंधाधुंध गोलियां चलाई गई हैं और फिर उनके शवों के ऊपर मिट्टी डाल दिया गया'। उन्होंने कहा कि 'ये यातना गृह हिटलर ने खास तौर पर महिलाओं और बच्चों के लिए बनवाए थे।'
8500 लोग मारे गये थे
हिटलर के समय के आर्काइव के मुताबिक हिटलर ने रूस में जो कैंप बनवाया था उसमें करीब 8500 लोगों की हत्या की गई थी, जिसमें सभी महिलाएं और बच्चे थे। इस कैंप का नाम डुलाग-191 था, जिसे जर्मन सैनिकों ने रूस की जमीन पर तैयार किया था। रूस के ओस्ट्रोगोज़्स्की जिले के पास लुशनिकोवो गांव में जर्मन सैनिकों ने यातना कैंप बनाया हुआ था। जहां से अलग अलग कब्रगाह मिले हैं। एक कब्रगाह के अंदर 30 से 100 के करीब शव दबे हुए मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन कब्रगाहों की खोज करने के लिए एक टीम का गठन किया गया था और हिटलर के समय के एक गोपनीय दस्तावेज में इस यातना गृह का जिक्र किया गया था। खुलासा हुआ है कि 1942 में जर्मन सैनिकों ने इस यातना गृह का निर्माण रूस में किया था। सिक्रेट दस्तावेज में 8500 महिलाओं और बच्चों के मारे जाने का जिक्र किया गया है। वहीं, खुदाई के दौरान कब्रगाह से सिगरेट, बुलेट्स के साथ कई और सामान मिले हैं।
बच्चों को किया गया भयानक टॉर्चर
यातना गृह की तलाश करने वाले रसियन जांच एजेसी का कहना है कि 'जमीन के अंदर से जो कब्रगाह मिले हैं, उसके अंदर से मिले शवों को देखने से पता चल रहा है कि उन्हें बहुत बुरी तरह से टॉर्चर किया गया होगा। माथे में गोलियां धंसी हुई हैं, हड्डियां बुरी तरह से तोड़ी गई हैं और भी टॉर्चर के भयानक निशान मिले हैं।' रूस की जांच एजेंसियों ने कहा है कि 'शव अब बहुत हद तक खराब हो चुके हैं और कंकाल में तब्दील हो चुके हैं। लेकिन, ये पक्के तौर पर कहा जा सकता है कि मारे गये सभी लोगों की उम्र कम थी। हालांकि, हमने यहां से कोई कीमती सामान बरामद नहीं किया है लेकिन सिगरेट केस और बुलेट्स हमें मिले हैं।'
गोपनीय दस्तावेजों से सनसनीखे खुलासा
रूस की खुफिया एजेंसी की पीपुल्स कमिश्नरेट ऑफ इंटरनेल अफेयर्स की गोपनीय दस्तावेजों में लिखा गया था कि वोरोनिश क्षेत्र में हिटलर ने यातना गृह बनाया था। इसमें लिखा गया है कि 2 सितंबर 1942 को हिटलर ने इस कैंप का निर्माण कराया था, जिसमें महिलाओं और बच्चों को रखा गया था। खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि जिस जगह पर हिटलर ने यातना गृह बनवाया था वो उस वक्त एक गांव था और वहां से कुछ दूरी पर ईंट बनाए जाते थे। रूसी खुफिया दस्तावेज में हिटलर के इस कैंप को लेकर और भी कई सनसनीखेज बात लिखी गई है। इसमें बताया गया है कि यातना कैंप को एक खुली जगह में बनाया गया था और इसे चारों तरफ से कंटीली तारों से घेर दिया गया था। इस यातना कैंप की निगरानी हंगरी के सुरक्षाबल किया करते थे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 'यहां जिन कैदियों को रखा गया था उन्हें खाने को नहीं दिया जाता है लेकिन बच्चों को भीख मांगने की इजाजत दी गई थी वहीं यहां पर पार्सल भी पहुंचाया जाता था।'
कैंप में कैदियों से बर्बरता
रूसी की खुफिया रिपोर्ट में इस कैंप के बारे में लिखा गया है कि 'इस कैंप में कई लोग बुरी तरह से बीमार हो गये थे। उनके सिर पर कोई छत नहीं था और वो लगातार खुले में रहते थे। बीमार लोगों के लिए दवाईयों की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी और यहां पर लगातार कैदी दम तोड़ रहे थे।' रूस के इतिहासकार विक्टर स्ट्रेलकिन ने हिटलर के यातना कैंप से भागे कुछ कैदी, जो अभी भी जिंदा हैं, उनसे बात करने के आधार पर इस जगह पर पहुंचे थे। विक्टर स्ट्रेलकिन ने कहा कि 'कैदियों से बात करने के दौरान मुझे पता चला कि जिस जगह पर हम अभी खड़े हैं, उसके नीचे शव पड़े हुए हैं। ये एक सुनसान इलाका है और कई शव अकसर दिखाई भी देने लगते थे लेकिन फिर उनपर घासें उग आती थीं। और ये अब तक छिपा हुआ था।' वहीं, विक्टर स्ट्रेलकिन के सलाहकार सेगोडियन ने कहा कि 'अब हम पूरे इलाके की अच्छी से तहकीकात करेंगे और पूरे झेत्र में खुदाई करेंगे और पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या यहां पर और भी लोगों के शव दबे हुए हैं'। आपको बता दें कि इतिहासकार विक्टर स्ट्रेलकिन ने रूस की खुफिया दस्तावेजों के आधार पर और 1942 में जर्मन पायलट द्वारा हेलीकॉप्टर से ली गई तस्वीरों के आधार पर इस स्थान का पता लगाया है। और अब रूस की 64 एजेंसियां यहां पर जांच का काम कर रही हैं। आपको बता दें कि यातना कैंप बनवाले के लिए हिटलर कुख्यात था और लाखों लोगों को हिटलर ने ऐसे ही कैदखानों में मार दिया था।
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