हर साल सऊदी अरब हज करने जाते हैं हजारों भारतीय, फिर भी देश ने की हिन्दी की उपेक्षा
सऊदी अरब ने हज यात्रियों की सुविधा के लिए 14 भाषाओं में एक ई-गाइड जारी किया है। 10 हजार से अधिक पन्नों वाले ई-गाइड में हज से जुड़ी हर जानकारी को शामिल किया है। इसमें हिन्दी शामिल नहीं है।
नई दिल्ली, 04 जुलाईः हर साल भारत से हजारों की संख्या में मुस्लिम लोग हज करने सऊदी अरब जाते हैं। 2020 और 2021 में कोरोना महामारी के कारण लगे प्रतिबंध के बाद इस साल लगभग 10 लाख हज यात्री सऊदी अरब पहुंच रहे हैं। विदेशों से आने वाले यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए सऊदी अरब ने इस बार एक नई और अनूठी जागरूकता पहल शुरू की है। इस बार यात्रियों की सुविधा के लिए देश में 14 भाषाओं में हजगाइड जारी किया है, इसमें हिंदी को शामिल नहीं किया गया है।
गाइड में हिन्दी शामिल नहीं
भारत से बड़ी संख्या में हज यात्रियों के सऊदी अरब जाने के बावजूद हिंदी को इस लिस्ट में शामिल न करने से काफी लोग निराश हैं। विदेशी हज यात्रियों में एक बड़ा प्रतिशत भारत के लोगों का होता है, फिर भी हज गाइड जारी करते वक्त हिंदी की अनदेखी की गई है। केंद्रीय हज समिति के मुताबिक, इस बार 79 हजार 237 लोग भारत से हज यात्रा पर जा रहे हैं। इन यात्रियों के लिए 168 विशेष विमानों की व्यवस्था की गई है।
उर्दू और बांग्ला शामिल
भारत से बीते सात सालों में लगभग 11 लाख हाजियों के जाने के बावजूद भी सऊदी ने अपनी हज गाइड में हिंदी को शामिल नहीं किया है, हालांकि, इस लिस्ट में उर्दू और बांग्ला शामिल हैं। विभिन्न भाषाओं में हज गाइड को हज और उमराह मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है। इस प्रयास का उद्देश्य जागरुकता बढ़ाना और लोगों के लिए हज से संबंधित जानकारी को उनकी भाषा में उपलब्ध कराना है ताकि विदेशी यात्रियों को परेशानी न हो।
14 भाषाओं में जारी
हज गाइड में हजयात्रा से जुड़ी जानकारी के अलावा कई प्रासंगिक मुद्दों को कवर किया गया है। ये ई- गाइड अरबी, अंग्रेजी, फ्रेंच, उर्दू, बंगाली, इंडोनेशियाई, मलय, हौसा, अम्हारिक, फारसी, स्पेनिश, तुर्की, रूसी और सिंहली भाषाओं में उपलब्ध हैं। ई-गाइड में हज से संबंधित हर जानकारी रोचक और विस्तृत ढंग से दी गई है।
रोचक बनाने के लिए तस्वीरों का इस्तेमाल
ई-गाइड को दिलचस्प बनाने के लिए उसमें तस्वीरों और वीडियो को भी शामिल किया गया है। 10 हजार 178 पन्नों वाले ई-गाइड को जनरल अथॉरिटी फॉर अवकाफ और अन्य सरकारी संगठनों के साथ मिलकर बनाया गया है।